शिमलाः किसान फसल बीमा योजना को कांग्रेस ने किसानों बागवानों के साथ बहुत बड़ा धोखा करार दिया है और भाजपा सरकार की बीमा कंपनियों के साथ मिलीभगत से इस योजना के तहत देश और हिमाचल के किसानों-बागवानों को ठगने के आरोप लगाए हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि इस योजना के तहत अब तक किसानों बागवान और सरकारी खजाने से बीमा कंपनियों द्वारा अरबों रुपए ऐंठे जा चुके हैं. उन्होंने हैरानी जताई कि किसान फसल बीमा योजना के तहत फसलों के नुकसान की भरपाई करने का ढोल पीटने वाली केंद्र और राज्य की सरकारें भी बीमा कंपनियों को प्रीमियम राशि लुटा रही है, लेकिन बीमा कंपनियां फसलों के नुकसान की भरपाई करने में अभी तक नाकाम साबित हुई है.
बीमा कंपनियां हुई मालामाल
राठौर ने कहा कि 2009 में शुरू की गई. इस योजना में किसानों को उनकी फसलों के नुकसान की भरपाई करना सरकार का उद्देश्य था, ताकि सूखा बाढ़ अथवा प्राकृतिक आपदाओं के चलते नष्ट हुई फसलों के बदले में किसानों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा सके, लेकिन बीमा कंपनियों के साथ सरकारी तंत्र की मिलीभगत के चलते यह बीमा कंपनियां तो मालामाल हो गई, लेकिन देश का किसान 12 साल बाद भी अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है.
भाजपा कार्यकर्ताओं को बांटी, किसानों की राशि
उन्होंने कहा कि पहले किसान सम्मान निधि के तहत पात्र लोगों को पैसा ना देकर भाजपा के कार्यकर्ताओं को राशि बांटी गई. वहीं अब बीमा कंपनियों पर सरकार मेहरबान हो गई है और किसानों बागवानों को मुआवजे की राशि तक नहीं दी जा रही है. राठौर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा पहले ही लोगों के सामने आ चुका है. किसान तीन बिलों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और यह सरकार किसानों की नहीं सुन रही है.
उच्च स्तरीय जांच की मांग
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इन सभी घोटालों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है और किसानों को उनसे मिलने वाली बीमा राशि देने की मांग भी करती है.