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ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला की सफल सर्जरी, निकालनी पड़ी एक आंख - Successful surgery of woman suffering from black fungus

आईजीएमसी शिमला में दाखिल ब्लैक फंगस से पीड़ित महिला की सर्जरी के दौरान बाई आंख निकाल दी गई है. डॉक्टरों का कहना है कि यह फंगस महिला की आंख में अंदर तक फैल गया था. इसके बाद सर्जरी के दौरान महिला की बाईं आंख को निकाल दिया गया है. यह महिला अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में है.

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Published : Jun 4, 2021, 10:33 PM IST

शिमला: प्रदेश में ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. शुक्रवार को आइजीएमसी में एक और ब्लैक फंगस का संदिग्ध मामला सामने आया है. यह मरीज रोहड़ू का रहने वाला है. यह जानकारी आइजीएमसी प्रिंसिपल डॉक्टर रजनीश पठानिया ने दी.

आईजीएमसी शिमला में दाखिल ब्लैक फंगस से पीड़ित इस मरीज की सर्जरी के दौरान बाई आंख निकाल दी गई है. डॉक्टरों का कहना है कि यह फंगस महिला की आंख में अंदर तक फैल गया था. इसके बाद सर्जरी के दौरान महिला की बाईं आंख को निकाल दिया गया है. यह महिला अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में है. प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 15 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 4 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है. कुल मामलों में 6 जिला कांगड़ा से, 2 सोलन, 1 शिमला और 5 मरीज हमीरपुर से है.

दवाइयों और इंजेक्शन से इलाज संभव

बीते दिनों ब्लैक फंगस से कांगड़ा में 2 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले आईजीएमसी में भी 2 संक्रमितों की मौत हुई थी. ब्लैक फंगस का इलाज सम्भव है. बीमारी हाईएस्ट स्टेज पर जाकर जानलेवा होती है. शुरुआती लक्षणों के दौरान ही समय पर जांच करने से इस बीमारी का दवाइयों और इंजेक्शन से इलाज संभव है. पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को ब्लैक फंगस होने की संभावना अधिक रहती है.

ये भी पढ़ें: सीएम ने HP पुलिस के वीडियो को किया जारी, कहा: संक्रमितों को जल्द स्वस्थ होने में करेगा मदद

शिमला: प्रदेश में ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. शुक्रवार को आइजीएमसी में एक और ब्लैक फंगस का संदिग्ध मामला सामने आया है. यह मरीज रोहड़ू का रहने वाला है. यह जानकारी आइजीएमसी प्रिंसिपल डॉक्टर रजनीश पठानिया ने दी.

आईजीएमसी शिमला में दाखिल ब्लैक फंगस से पीड़ित इस मरीज की सर्जरी के दौरान बाई आंख निकाल दी गई है. डॉक्टरों का कहना है कि यह फंगस महिला की आंख में अंदर तक फैल गया था. इसके बाद सर्जरी के दौरान महिला की बाईं आंख को निकाल दिया गया है. यह महिला अस्पताल में चिकित्सकों की निगरानी में है. प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 15 मामले सामने आ चुके हैं. इसमें से 4 संक्रमितों की मौत भी हो चुकी है. कुल मामलों में 6 जिला कांगड़ा से, 2 सोलन, 1 शिमला और 5 मरीज हमीरपुर से है.

दवाइयों और इंजेक्शन से इलाज संभव

बीते दिनों ब्लैक फंगस से कांगड़ा में 2 लोगों की मौत हो गई थी. इससे पहले आईजीएमसी में भी 2 संक्रमितों की मौत हुई थी. ब्लैक फंगस का इलाज सम्भव है. बीमारी हाईएस्ट स्टेज पर जाकर जानलेवा होती है. शुरुआती लक्षणों के दौरान ही समय पर जांच करने से इस बीमारी का दवाइयों और इंजेक्शन से इलाज संभव है. पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को ब्लैक फंगस होने की संभावना अधिक रहती है.

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