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बापू की शिमला यात्रा से रूबरू हुए स्थानीय लोग व पर्यटक, गेयटी में लगी प्रदर्शनी - exhibition on mahatma gandhi

छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से महात्मा गांधी के माल रोड पर चित्रों के साथ ही अन्य चित्र भी प्रदर्शनी में शामिल किए गए. इस प्रदर्शनी का आयोजन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से गेयटी में लगे पुस्तक मेले के दौरान किया गया.

गेयटी में लगी प्रदर्शनी
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Published : Jun 11, 2019, 8:38 PM IST

शिमला: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिमला यात्रा की कुछ झलकियां शिमलावासियों के साथ ही पर्यटकों को देखने को मिली. एक प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को महात्मा गांधी की शिमला यात्रा से रूबरू होने का मौका मिला. महात्मा गांधी की शिमला यात्रा के साथ ही लोगों को ब्रिटिशकालीन शिमला का भी स्वरूप देखने को मिला.

exhibition on mahatma gandhi
गेयटी में लगी प्रदर्शनी

प्रदर्शनी का आयोजन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से गेयटी में लगे पुस्तक मेले के दौरान किया गया. अपने इस आयोजन की शुरुआत ही विभाग ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को मानने से की थी. इसी तर्ज पर महात्मा गांधी के समरहिल स्थित मकान को प्रदर्शित किया गया. इसके साथ ही ब्रिटिश काल में मॉल रोड पर हाथ से खींच कर चलाए जाने वाले रिक्शा में बैठे और पैदल चलते हुए बापू की तस्वीरें ओर अन्य कई तस्वीरें भी प्रदर्शनी में शामिल की गई हैं. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशक कुमुद सिंह ने किया.

exhibition on mahatma gandhi
गेयटी में लगी प्रदर्शनी

छायाचित्र प्रदर्शनी के साथ ही बापू पर आधारित लघु फिल्में भी दिखाई गई और साथ ही पहाड़ी भाषा में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें 40 के करीब कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया. आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए जिला भाषा अधिकारी त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150 जयंती के उपलक्ष्य में अलग-अलग तरह के आयोजन किए जा रहे हैं. उसी कड़ी में महात्मा गांधी की शिमला यात्रा पर आधारित छायाचित्रों की प्रदर्शनी विभाग ने लगाई है.

बापू की शिमला यात्रा से रूबरू हुए लोग. (वीडियो)

ये भी पढ़ें: बैठक से कन्नी काटने वाले अधिकारियों पर भड़के जिप अध्यक्ष, सरकार से कार्रवाई की मांग

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सात बार शिमला आए थे और उसी समय के चित्रों को जहां जहां महात्मा गांधी रुके या घूमे थे. उन्हीं जगहों के चित्रों को प्रदर्शनी में शामिल किया है. इस छायाचित्र प्रदर्शनी को लगाने का एक ही उद्देश्य था कि लोगों को बापू की शिमला यात्राओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके.

ये भी पढ़ें: फैक्ट्री व क्रशर में श्रम अधिकारी ने की छापेमारी, बच्चों से करवाई जा रही थी मजदूरी

शिमला: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिमला यात्रा की कुछ झलकियां शिमलावासियों के साथ ही पर्यटकों को देखने को मिली. एक प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को महात्मा गांधी की शिमला यात्रा से रूबरू होने का मौका मिला. महात्मा गांधी की शिमला यात्रा के साथ ही लोगों को ब्रिटिशकालीन शिमला का भी स्वरूप देखने को मिला.

exhibition on mahatma gandhi
गेयटी में लगी प्रदर्शनी

प्रदर्शनी का आयोजन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से गेयटी में लगे पुस्तक मेले के दौरान किया गया. अपने इस आयोजन की शुरुआत ही विभाग ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को मानने से की थी. इसी तर्ज पर महात्मा गांधी के समरहिल स्थित मकान को प्रदर्शित किया गया. इसके साथ ही ब्रिटिश काल में मॉल रोड पर हाथ से खींच कर चलाए जाने वाले रिक्शा में बैठे और पैदल चलते हुए बापू की तस्वीरें ओर अन्य कई तस्वीरें भी प्रदर्शनी में शामिल की गई हैं. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशक कुमुद सिंह ने किया.

exhibition on mahatma gandhi
गेयटी में लगी प्रदर्शनी

छायाचित्र प्रदर्शनी के साथ ही बापू पर आधारित लघु फिल्में भी दिखाई गई और साथ ही पहाड़ी भाषा में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें 40 के करीब कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया. आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए जिला भाषा अधिकारी त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150 जयंती के उपलक्ष्य में अलग-अलग तरह के आयोजन किए जा रहे हैं. उसी कड़ी में महात्मा गांधी की शिमला यात्रा पर आधारित छायाचित्रों की प्रदर्शनी विभाग ने लगाई है.

बापू की शिमला यात्रा से रूबरू हुए लोग. (वीडियो)

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उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सात बार शिमला आए थे और उसी समय के चित्रों को जहां जहां महात्मा गांधी रुके या घूमे थे. उन्हीं जगहों के चित्रों को प्रदर्शनी में शामिल किया है. इस छायाचित्र प्रदर्शनी को लगाने का एक ही उद्देश्य था कि लोगों को बापू की शिमला यात्राओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके.

ये भी पढ़ें: फैक्ट्री व क्रशर में श्रम अधिकारी ने की छापेमारी, बच्चों से करवाई जा रही थी मजदूरी

Intro:राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शिमला यात्रा की कुछ झलकियां शिमलावासियों के साथ ही पर्यटकों को देखने को मिली। एक प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को महात्मा गांधी की शिमला यात्रा से रूबरू होने का मौका मिला। महात्मा गांधी की शिमला यात्रा के साथ ही लोगों को ब्रिटिशकालीन शिमला का भी स्वरूप देखने को मिला। छायाचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से महात्मा गांधी के माल रोड पर चित्रों के साथ ही अन्य चित्र भी प्रदर्शनी में शामिल किए गए। इस प्रदर्शनी का आयोजन भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से गेयटी में लगे पुस्तक मेले के दौरान किया गया।


Body:अपने इस आयोजन की शुरुआत ही विभाग ने महात्मा गांधी की 150वी जयंती को मानने से कि थी। इसी की तर्ज पर महात्मा गांधी के समरहिल स्थित मकान को प्रदर्शित किया गया। इसके साथ ही ब्रिटिश काल में मॉल रोड पर हाथ से खींच कर चलाए जाने वाले रिक्शा में बैठे और पैदल चलते हुए बापू की तस्वीरें ओर अन्य कई तस्वीरें भी प्रदर्शनी में शामिल की गई हैं। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन भाषा,कला एवं संस्कृति विभाग की निदेशक कुमुद सिंह ने क़िया। इस छायाचित्र प्रदर्शनी के साथ ही बापू पर आधारित लघु फिल्में भी दिखाई गई ओर साथ ही पहाड़ी भाषा में कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें 40 के करीब कवियों ने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत किया।



Conclusion:आयोजन के बारे में जानकारी देते हुए जिला भाषा अधिकारी त्रिलोक सूर्यवंशी ने कहा कि महात्मा गांधी की 150 जयंती के उपलक्ष्य में अलग-अलग तरह के आयोजन किए जा रहे है उसी कड़ी में महात्मा गांधी की शिमला यात्रा पर आधारित छायाचित्रों की प्रदर्शनी विभाग ने लगाई है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी सात बार शिमला आए थे और उसी समय के चित्रों को जहां जहां महात्मा गांधी रुके या घूमे थे उन्हीं जगहों के चित्रों को प्रदर्शनी में शामिल किया है। इस छायाचित्र प्रदर्शनी को लगाने का एक ही उद्देश्य था कि लोगों को बापू की शिमला यात्राओं के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके।
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