शिमला: कोरोना के कारण लगे लाॉकडाउन का हिमाचल के उद्योग-धंधों पर भी खासा असर पड़ रहा है. सरकार ने फैक्ट्रियां खोलने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन वर्कर्स नहीं होने के कारण उत्पादन न के बराबर हो रहा है. कोरोना संकट के बीच इन्हीं मामलों पर ईटीवी भारत ने प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से खास बातचीत की और उनसे यह जानने की कोशिश की कि प्रदेश सरकार की ओर से क्या-क्या इंतजाम किए गये हैं.
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक सुधार पैकेज प्रदेश और देश के विकास की तरफ एक नया कदम होगा. इसके अलावा आत्मनिर्भर बनने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का भी एक प्रयास है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के उपरांत की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा देश हो सकता है, लेकिन आवश्यकता केवल उपलब्ध संभावित की क्षमता का पूरी तरह से करने की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में की कृषि आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है.
उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यहां पैकेज समाज के कमजोर वर्गों मध्यम छोटे और सूक्ष्म उद्योगों एवं मजदूरों और आम लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 हजार करोड़ रुपए से मध्यम लघु सूक्ष्म उद्यमों के लिए आवश्यक धन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने कहा प्रदेश में कोई मजदूर पैदल नहीं जा रहा.
पंचायत स्तर पर जो लोग असहाय हैं उनका ख्याल रखकर राशन आदि उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, उद्योग मंत्री ने संकेत दिया कि 18 मई से लॉकडाउन के चौथे चरण में स्कूल-कॉलेज नहीं खुलेंगे, लेकिन कुछ राहत प्रदेश की जनता को कुछ बातों को लेकर मिलेगी. उन्होंने कहा कि रेड जोन को छोड़कर कामकाज शुरू किया गया है. जिन इलाकों में सब्जी ज्यादा होती है. वहां की सब्जियां कैसे मंडियों में पहुंचे इसकी चिंता की जा रही है. विश्वास है कि कुछ दिनों में प्रदेश में वापस पहले जैसा था वैसा माहौल हो जाएगा.
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