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शिमला में पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित, पूर्व सैनिक बोले: सैनिकों के सम्मान में आई कमी

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Published : Jun 16, 2023, 8:12 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 9:53 PM IST

सरकार की पहल परआजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में आयोजित सैन्य सम्मान समारोह में शिमला में पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया. जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान, सूबेदार मेजर, शाम लाल शर्मा और हवलदार शमशेर सिंह शामिल हैं.

ex army servicemen honored in shimla
शिमला में पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सैन्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. दरअसल, आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में विभिन्न युद्धों में हिस्सा लेने वाले शिमला जिले के पूर्व सैनिकों को शुक्रवार को सम्मानित किया गया. समारोह में शिमला के तीन पूर्व सैनिकों लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान, सूबेदार मेजर, शाम लाल शर्मा और हवलदार शमशेर सिंह को सैनिक गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. बता दें, इन सैनिकों ने 1971 के भारत पाक युद्ध, कारगिल युद्ध में अद्वितीय साहस का परिचय दिया था.

'अग्निवीर सेना में भर्ती होने के लिए अच्छी योजना': लेफ्टिनेंट कमांडर अतुल चम्बियाल ने बताया कि यह गौरव पुरस्कार जिला शिमला के पूर्व सैनिक योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया है. जिसमे कारगिल और अन्य युद्धों में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया है. वही इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा की आज की पीढ़ी सैनिकों के योगदान को भूलती जा रही है. सैनिकों को आम आदमी की तरह कार्यालयों में अपने काम के लिए धक्के खाने पड़ते हैं.

अतुल चम्बियाल ने कहा कि सैनिकों को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है. वहीं, अग्निवीर योजना को लेकर पूर्व सैनिकों का कहना है कि यह युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए अच्छी योजना है, लेकिन चार साल बाद इनका क्या होगा. सरकार को इस बारे में सोचना होगा. अग्निवीरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ऐसे में अगर देश पर कोई आपदा आती है तो ये सैनिक अपनी देश की सेवा के लिए बुलाए जा सकते हैं.

लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान: लेफ्टिनेंट कर्नल ठियोग शिमला के रहने वाले हैं. इनके पिता जी भी एक आजाद हिंद फौजी (स्वतंत्रता सेनानी) थे और इनके तीन बेटे और एक बहु अभी भी भारतीय सेना में कर्नल रैंक में सेवारत है. देश की सेवा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. जिन में से एक बेटे को पेरा रेजिमेंट से गैलंट्री अवार्ड सेना मेडल भी मिला हुआ है. मार्च 1968 से सितंबर 1991 तक भारतीय सेना में सर्विस करके उन्होंने बहुत ही उत्कृष्ट सेवाएं की है.

हवलदार शमशेर सिंह (कोर्प्स ऑफ सिग्नल्स): हवलदार शमशेर सिंह फरवरी 1950 में कोर ऑफ सिग्नल्स मे भर्ती होकर तकरीबन 22 वर्ष सैन्य सेवा पूरी करके हवलदार के रैंक पर अक्टूबर 1971 में रिटायर हो कर घर आ गए थे. उन्होंने 1962 हिंद-चीन युद्ध और 1965 हिंद-पाक युद्ध में भाग लिया और दुश्मनो को अपना लोहा मनवाया और देश को शानदार जीत दिलाने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाई.

ये भी पढ़ें: मंडी के अतुल राणा बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट, All India में तीसरा स्थान किया हासिल

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सैन्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. दरअसल, आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में विभिन्न युद्धों में हिस्सा लेने वाले शिमला जिले के पूर्व सैनिकों को शुक्रवार को सम्मानित किया गया. समारोह में शिमला के तीन पूर्व सैनिकों लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान, सूबेदार मेजर, शाम लाल शर्मा और हवलदार शमशेर सिंह को सैनिक गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया. बता दें, इन सैनिकों ने 1971 के भारत पाक युद्ध, कारगिल युद्ध में अद्वितीय साहस का परिचय दिया था.

'अग्निवीर सेना में भर्ती होने के लिए अच्छी योजना': लेफ्टिनेंट कमांडर अतुल चम्बियाल ने बताया कि यह गौरव पुरस्कार जिला शिमला के पूर्व सैनिक योद्धाओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया है. जिसमे कारगिल और अन्य युद्धों में दुश्मनों के दांत खट्टे करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया गया है. वही इस दौरान पूर्व सैनिकों ने कहा की आज की पीढ़ी सैनिकों के योगदान को भूलती जा रही है. सैनिकों को आम आदमी की तरह कार्यालयों में अपने काम के लिए धक्के खाने पड़ते हैं.

अतुल चम्बियाल ने कहा कि सैनिकों को जो सम्मान मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है. वहीं, अग्निवीर योजना को लेकर पूर्व सैनिकों का कहना है कि यह युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए अच्छी योजना है, लेकिन चार साल बाद इनका क्या होगा. सरकार को इस बारे में सोचना होगा. अग्निवीरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ऐसे में अगर देश पर कोई आपदा आती है तो ये सैनिक अपनी देश की सेवा के लिए बुलाए जा सकते हैं.

लेफ्टिनेंट कर्नल दौलत सिंह चौहान: लेफ्टिनेंट कर्नल ठियोग शिमला के रहने वाले हैं. इनके पिता जी भी एक आजाद हिंद फौजी (स्वतंत्रता सेनानी) थे और इनके तीन बेटे और एक बहु अभी भी भारतीय सेना में कर्नल रैंक में सेवारत है. देश की सेवा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. जिन में से एक बेटे को पेरा रेजिमेंट से गैलंट्री अवार्ड सेना मेडल भी मिला हुआ है. मार्च 1968 से सितंबर 1991 तक भारतीय सेना में सर्विस करके उन्होंने बहुत ही उत्कृष्ट सेवाएं की है.

हवलदार शमशेर सिंह (कोर्प्स ऑफ सिग्नल्स): हवलदार शमशेर सिंह फरवरी 1950 में कोर ऑफ सिग्नल्स मे भर्ती होकर तकरीबन 22 वर्ष सैन्य सेवा पूरी करके हवलदार के रैंक पर अक्टूबर 1971 में रिटायर हो कर घर आ गए थे. उन्होंने 1962 हिंद-चीन युद्ध और 1965 हिंद-पाक युद्ध में भाग लिया और दुश्मनो को अपना लोहा मनवाया और देश को शानदार जीत दिलाने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाई.

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Last Updated : Jun 16, 2023, 9:53 PM IST
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