शिमला: नए साल में हिमाचल सरकार ने अनाथ आश्रमों सहित अन्य संस्थानों में रह रहे निराश्रित बच्चों के लिए 101 करोड़ रुपए के मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष की स्थापना की है. रविवार को साल के पहले दिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में मीडिया से बातचीत के दौरान उक्त फंड और अनाथ बच्चों के लिए सरकार की प्राथमिकताओं को साझा किया. (Mukhyamantri Sukh Aashray Fund in Himachal)
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीएम की शपथ लेने के बाद मैं पहले सचिवालय नहीं बल्कि टूटीकंडी बालिका आश्रम गया. यह आश्रम अच्छा चल रहा था, लेकिन वहां पहुंच कर उन बच्चों से सीखा और उनकी भावना को समझा, जिनका कोई नहीं है. फिर मैं मशोबरा आश्रम गया. मैंने फैसला लिया की इनकी मां भी सरकार और पिता भी है सरकार बनेगी. (mukhyamantri sukhashraya kosh)
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसे निराश्रितों के लिए पहला फैसला लिया और एक ऐसी योजना सरकार लाई है. जो बच्चे आगे पढ़ना चाहते हैं, या जो किसी भी संस्थान में जाते हैं, फिर चाहे मेडिकल कॉलेज हो या पेरा मेडिकल संस्थान हो या कोई इंजीनियरिंग संस्थान में पढ़ना चाहते हो या किसी भी कोर्स को करना चाहते हो, हमारी सरकार उनका पूरा खर्च उठाएगी. हमारी सरकार उनको एक बेटे और बेटी के तौर पर सुविधा देगी. सरकार उनको 4 हजार रुपए हर महीना खर्च भी देगी. इसी तरह एकल नारियां और आश्रमों में रहने वाले लोगो को भी सरकार सहायता देगी.
जो भी बच्चा पढ़ाई या संबंधित कोई भी कोर्स करना चाहता हो तो उसे वंचित नहीं किया जाएगा. जेब खर्च को भी पैसे देंगे. घूमने भी जाना है तो उसका खर्च वहन करेंगे. कांग्रेस विधायक भी पहली तनख्वाह से एक लाख रुपये इस कोष में दान करेंगे. भाजपा विधायकों से भी इसके लिए अनुरोध किया जाएगा. ये बच्चे किसी की दया भावना पर नहीं टिकेंगे.
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह कोई करुणा नहीं बल्कि उनका प्रदेश सरकार पर अधिकार है. उन्होने बताया कि इस कोष से सहायता प्राप्त करना सरकारी बंधनों से मुक्त होगा और इनसे कोई आय प्रमाण-पत्र भी नहीं लिया जाएगा. साधारण आवेदन पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संपूर्ण सहायता त्वरित रूप से सीधे लाभार्थी के खाते में दी जाएगी. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दानी सज्जनों और कंपनियों आदि से सी.एस.आर. के अंतर्गत आर्थिक सहायता लेने के भी प्रयास किए जाएंगे ताकि देखभाल एवं संरक्षण वाले सभी कमजोर वर्गों को सरकार की ओर से अच्छी और उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं दी जा सकें. इसके अलावा विधायकों से पहले वेतन से एक लाख की राशि भी इस कोष के लिए ली जाएगी.
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