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कर्मचारियों को बजट में पेंडिंग DA मिलने की उम्मीद, आउटसोर्स सहित अन्य अस्थाई कर्मचारियों को भी सरकार से आस

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Published : Mar 11, 2023, 8:32 PM IST

Himachal Budget 2023: 17 मार्च को पेश होने वाले बजट से प्रदेश के कर्मचारी वर्ग को काफी उम्मीदें है. कर्मचारियों की डीए यानी मंहगाई की 7 फीसदी किस्त देय है, जिसको बजट में मिलने की कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए हैं. वहीं, हिमाचल के विभिन्न विभागों में तैनात आउटसोर्स सहित अन्य अस्थाई कर्मचारियों भी सरकार से आस लगाए बैठे हैं.

Himachal Budget 2023
Himachal Budget 2023

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार अपना बजट 17 मार्च को पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हिमाचल के कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें हैं. कर्मचारियों की डीए यानी मंहगाई की 7 फीसदी किस्त देय है, जिसको बजट में मिलने की कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए हैं. वहीं, हिमाचल के विभिन्न विभागों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारी भी कोई पॉलिसी बनाने की आस लगाए हुए हैं, तो हर बार की तरह हजारों अस्थाई कर्मचारी मानदेय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद इस बजट से लगाए बैठे हैं.

हिमाचल में कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा संशोधित वेतनमान (एरियर) और डीए यानी महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का हैं. राज्य सरकार कर्मचारियों को अभी 31 फीसदी डीए दे रही है. जबकि यह 38 फीसदी देय है. इस तरह करीब 7 फीसदी डीए की किस्त हिमाचल सरकार को देनी है. इनमें जनवरी 2002 की 3 फीसदी की किस्त और जुलाई 2022 की 4 फीसदी किस्त शामिल है. कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है.

कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान का पेंडिंग एरियर: हिमाचल में कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान 2022 दिया गया है. जबकि इसको 2016 से लागू किया गया. इस तरह कर्मचारियों को 2016 से लेकर 2022 तक के समय का एरियर दिया जाना है. पूर्व की जयराम सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 60 हजार रुपए तक एकमुश्त भुगतान करने और बाकी कर्मचारियों को 50 हजार रुपए एरियर देने का ऐलान किया था. लेकिन यह एरियर भी कई कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है. इस तरह कर्मचारियों का उनके वेतनमान के अनुसार एरियर पेंडिंग पड़ा हुआ है. हालांकि सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि अभी सरकार संशोधित वेतनमान का एरियर देने की स्थिति नहीं है, लेकिन कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार उनके देय एरियर का भुगतान जरूर करेगे. भले ही सरकार यह किस्तों में दे.

आउटसोर्स और अन्य अस्थाई कर्मचारियों को भी बजट से आस: हिमाचल में करीब तीस हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में आउटसोर्स पर हैं. इन कर्मचारियों के लिए कांग्रेस ने चुनाव से पहले पारदर्शी नीति बनाने की घोषणा की है. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी इस बजट में कोई न कोई पॉलिसी बनाए जाने की आस लगाए हुए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्य कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों की नजर भी इस बजट पर है. मिड-डे मील वर्कर, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य विभागों में अस्थाई तौर पर काम कर रहे हजारों कर्मचारियों की भी इस बजट पर नजर है. ये कर्मचारी सरकार से अपना मानदेय बढ़ाने की मांग उठाते रहे हैं.

सभी वर्ग के कर्मचारियों को सुक्खू सरकार से उम्मीदें: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा का कहना है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1.36 हजार एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन में लाने का एक बड़ा फैसला कर यह दर्शा दिया है कि वह कर्मचारियों के दुख दर्द को समझते हैं. इसके लिए महासंघ उनका आभारी है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सरकार के इस बजट से कई उम्मीदें हैं. कर्मचारियों की डीए की किस्त देय है और कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार बजट में इसका प्रावधान जरूर करेगी. कर्मचारियों और पेंशनरों का संशोधित वेतनमान का एरियर भी है, हालांकि यह नई सरकार के लिए बहुत बड़ी राशि है. लेकिन उम्मीद है कि इसको किस्तों में देने का प्रावधान किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कर्मचारी महासंघ उम्मीद करता है कि 20 सालों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार इस बजट में कोई प्रावधान करे. इसके अलावा आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों के लिए भी कोई नीति सरकार इस बजट में लाए. उन्होंने मांग उठाई कि स्वास्थ्य विभाग जैसे अहम सरकारी विभागों में सरकार खाली पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने को लेकर भी इस बजट में कोई प्रावधान करे.

ये भी पढे़ं: आम जनता से हफ्ते में दो बार मिलेंगे CM सुक्खू, जनप्रतिनिधियों व पार्टी वर्करों के मिलने का समय भी किया तय

शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार अपना बजट 17 मार्च को पेश करने जा रही है. बजट को लेकर हिमाचल के कर्मचारियों को बड़ी उम्मीदें हैं. कर्मचारियों की डीए यानी मंहगाई की 7 फीसदी किस्त देय है, जिसको बजट में मिलने की कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए हैं. वहीं, हिमाचल के विभिन्न विभागों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारी भी कोई पॉलिसी बनाने की आस लगाए हुए हैं, तो हर बार की तरह हजारों अस्थाई कर्मचारी मानदेय में बढ़ोतरी होने की उम्मीद इस बजट से लगाए बैठे हैं.

हिमाचल में कर्मचारियों का सबसे बड़ा मुद्दा संशोधित वेतनमान (एरियर) और डीए यानी महंगाई भत्ते की लंबित किस्तों का हैं. राज्य सरकार कर्मचारियों को अभी 31 फीसदी डीए दे रही है. जबकि यह 38 फीसदी देय है. इस तरह करीब 7 फीसदी डीए की किस्त हिमाचल सरकार को देनी है. इनमें जनवरी 2002 की 3 फीसदी की किस्त और जुलाई 2022 की 4 फीसदी किस्त शामिल है. कर्मचारी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि सरकार बजट में इसकी घोषणा कर सकती है.

कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान का पेंडिंग एरियर: हिमाचल में कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान 2022 दिया गया है. जबकि इसको 2016 से लागू किया गया. इस तरह कर्मचारियों को 2016 से लेकर 2022 तक के समय का एरियर दिया जाना है. पूर्व की जयराम सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के 60 हजार रुपए तक एकमुश्त भुगतान करने और बाकी कर्मचारियों को 50 हजार रुपए एरियर देने का ऐलान किया था. लेकिन यह एरियर भी कई कर्मचारियों को नहीं मिल पाया है. इस तरह कर्मचारियों का उनके वेतनमान के अनुसार एरियर पेंडिंग पड़ा हुआ है. हालांकि सीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू कह चुके हैं कि अभी सरकार संशोधित वेतनमान का एरियर देने की स्थिति नहीं है, लेकिन कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए हैं कि सरकार उनके देय एरियर का भुगतान जरूर करेगे. भले ही सरकार यह किस्तों में दे.

आउटसोर्स और अन्य अस्थाई कर्मचारियों को भी बजट से आस: हिमाचल में करीब तीस हजार कर्मचारी विभिन्न विभागों में आउटसोर्स पर हैं. इन कर्मचारियों के लिए कांग्रेस ने चुनाव से पहले पारदर्शी नीति बनाने की घोषणा की है. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी इस बजट में कोई न कोई पॉलिसी बनाए जाने की आस लगाए हुए हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्य कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों की नजर भी इस बजट पर है. मिड-डे मील वर्कर, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य विभागों में अस्थाई तौर पर काम कर रहे हजारों कर्मचारियों की भी इस बजट पर नजर है. ये कर्मचारी सरकार से अपना मानदेय बढ़ाने की मांग उठाते रहे हैं.

सभी वर्ग के कर्मचारियों को सुक्खू सरकार से उम्मीदें: हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महासचिव गोपाल कृष्ण शर्मा का कहना है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1.36 हजार एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन में लाने का एक बड़ा फैसला कर यह दर्शा दिया है कि वह कर्मचारियों के दुख दर्द को समझते हैं. इसके लिए महासंघ उनका आभारी है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सरकार के इस बजट से कई उम्मीदें हैं. कर्मचारियों की डीए की किस्त देय है और कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार बजट में इसका प्रावधान जरूर करेगी. कर्मचारियों और पेंशनरों का संशोधित वेतनमान का एरियर भी है, हालांकि यह नई सरकार के लिए बहुत बड़ी राशि है. लेकिन उम्मीद है कि इसको किस्तों में देने का प्रावधान किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कर्मचारी महासंघ उम्मीद करता है कि 20 सालों से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सरकार इस बजट में कोई प्रावधान करे. इसके अलावा आउटसोर्स पर लगे कर्मचारियों के लिए भी कोई नीति सरकार इस बजट में लाए. उन्होंने मांग उठाई कि स्वास्थ्य विभाग जैसे अहम सरकारी विभागों में सरकार खाली पदों को चरणबद्ध तरीके से भरने को लेकर भी इस बजट में कोई प्रावधान करे.

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