ETV Bharat / state

बिजली बोर्ड में करप्शन को लेकर हाई कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को लगाई फटकार, बिजली मीटरों के टेंडर की बंदरबांट से जुड़ा है मामला - High Court reprimanded Additional Chief Secretary

हाई कोर्ट ने राज्य बिजली बोर्ड में करप्शन से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (उर्जा) को कड़ी फटकार लगाई है. नाराज हाई कोर्ट ने ऊर्जा विभाग के एसीएस को 1 जून को इस पूरे मामले में विशिष्ट निर्देश अदालत के समक्ष रखने को कहा है.

Himachal Pradesh High Court
Himachal Pradesh High Court
author img

By

Published : May 31, 2023, 12:27 PM IST

Updated : May 31, 2023, 4:38 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य बिजली बोर्ड में करप्शन से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (उर्जा) को कड़ी फटकार लगाई है. राज्य बिजली बोर्ड के अफसरों द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर विभिन्न ठेकेदारों और निजी फर्मों को काम देने वाले मामले में सुनवाई के दौरान एसीएस (पावर) को जमकर फटकार लगाई है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार के गंभीर मामले को दबाकर बैठ जाने को लेकर बिजली बोर्ड के उच्च अधिकारी के आचरण पर हैरानी जताई है. नाराज हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के एसीएस को 1 जून को इस पूरे मामले में विशिष्ट निर्देश अदालत के समक्ष रखने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि जिला सिरमौर के रहने वाले चतर सिंह नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में इस संदर्भ में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिजली बोर्ड के बड़े अफसरों ने बिजली के नए मीटर लगाने का काम चुनिंदा निजी फर्मों को दिया है. इसके अलावा खराब हो चुके मीटरों को बदलने का काम देकर सरकार के खजाने को चूना लगाया गया है.

बिजली बोर्ड ने जिन चहेते चुनिंदा ठेकेदारों को काम दिया है, वो इसके लिए भारी-भरकम रकम वसूल रहे हैं. प्रार्थी चतर सिंह का कहना है कि वह खुद बिजली बोर्ड से रिटायर होने के नाते बड़े अफसरों की कारगुजारी से भलीभांति परिचिति है.याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिजली बोर्ड ने 12 मार्च 2018 को नए मीटर लगाने और खराब हो चुके नए मीटरों को बदलने के लिए टेंडर आवंटित किए थे.

टेंडर के अनुसार एक चहेती फर्म को सिर्फ एक मीटर को बदलने की मजदूरी 2360 रुपए के हिसाब से दी जा रही है. चहेती फर्म को फेज-1 के 5200 मीटर और फेज-3 के 546 मीटर बदलने का कार्य सौंपा गया है.इस काम का ठेका 1.27 करोड़ रुपए का दिया गया है. आलम ये है कि किन्नौर जिले में यही काम 212 रुपए में किया जा रहा है. वहीं, किन्नौर के मुकाबले सिरमौर जिले में 200 गुणा अधिक रकम दी जा रही है. एक ही काम के लिए किन्नौर जिले में 212 रुपए जबकि ,सिरमौर में 2360 रुपए दिए जा रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि आला अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.

वहीं, सोलन जिले में इसी काम के लिए मजदूरी 441 रुपए प्रति मीटर है. प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के पूर्व उर्जा मंत्री के ओएसडी रहे और बिजली बोर्ड से चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त शेखरानंद उप्रेती ने निजी तौर पर सर्वश्री कौशल इलेक्ट्रिकल्स को लाभ पहुंचाने के लिए सिरमौर जिला में मजदूरी के एवज में इतनी बड़ी राशि का ठेका दिलवाया.

प्रार्थी ने याचिका में वर्ष 2008 से लेकर अब तक इसी प्रकार के करोड़ों रुपए के घोटालों का जिक्र करते हुए हुए मांग की है कि सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करवाई जाए. प्रार्थी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की गुहार भी लगाई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में ढील बरतने के लिए एसीएस को फटकार लगाई.

ये भी पढ़ें : विक्रमादित्य सिंह पर मानहानि का दीवानी दावा, कैबिनेट मंत्री आपसी समझौते से सुलझाना चाहते हैं केस, हाईकोर्ट में टली सुनवाई

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य बिजली बोर्ड में करप्शन से जुड़े मामले में प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (उर्जा) को कड़ी फटकार लगाई है. राज्य बिजली बोर्ड के अफसरों द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होकर विभिन्न ठेकेदारों और निजी फर्मों को काम देने वाले मामले में सुनवाई के दौरान एसीएस (पावर) को जमकर फटकार लगाई है.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने भ्रष्टाचार के गंभीर मामले को दबाकर बैठ जाने को लेकर बिजली बोर्ड के उच्च अधिकारी के आचरण पर हैरानी जताई है. नाराज हाईकोर्ट ने ऊर्जा विभाग के एसीएस को 1 जून को इस पूरे मामले में विशिष्ट निर्देश अदालत के समक्ष रखने को कहा है.

उल्लेखनीय है कि जिला सिरमौर के रहने वाले चतर सिंह नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में इस संदर्भ में जनहित याचिका दाखिल की है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिजली बोर्ड के बड़े अफसरों ने बिजली के नए मीटर लगाने का काम चुनिंदा निजी फर्मों को दिया है. इसके अलावा खराब हो चुके मीटरों को बदलने का काम देकर सरकार के खजाने को चूना लगाया गया है.

बिजली बोर्ड ने जिन चहेते चुनिंदा ठेकेदारों को काम दिया है, वो इसके लिए भारी-भरकम रकम वसूल रहे हैं. प्रार्थी चतर सिंह का कहना है कि वह खुद बिजली बोर्ड से रिटायर होने के नाते बड़े अफसरों की कारगुजारी से भलीभांति परिचिति है.याचिका में आरोप लगाया गया है कि बिजली बोर्ड ने 12 मार्च 2018 को नए मीटर लगाने और खराब हो चुके नए मीटरों को बदलने के लिए टेंडर आवंटित किए थे.

टेंडर के अनुसार एक चहेती फर्म को सिर्फ एक मीटर को बदलने की मजदूरी 2360 रुपए के हिसाब से दी जा रही है. चहेती फर्म को फेज-1 के 5200 मीटर और फेज-3 के 546 मीटर बदलने का कार्य सौंपा गया है.इस काम का ठेका 1.27 करोड़ रुपए का दिया गया है. आलम ये है कि किन्नौर जिले में यही काम 212 रुपए में किया जा रहा है. वहीं, किन्नौर के मुकाबले सिरमौर जिले में 200 गुणा अधिक रकम दी जा रही है. एक ही काम के लिए किन्नौर जिले में 212 रुपए जबकि ,सिरमौर में 2360 रुपए दिए जा रहे हैं. इससे साफ पता चलता है कि आला अफसर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं.

वहीं, सोलन जिले में इसी काम के लिए मजदूरी 441 रुपए प्रति मीटर है. प्रार्थी ने याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के पूर्व उर्जा मंत्री के ओएसडी रहे और बिजली बोर्ड से चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत्त शेखरानंद उप्रेती ने निजी तौर पर सर्वश्री कौशल इलेक्ट्रिकल्स को लाभ पहुंचाने के लिए सिरमौर जिला में मजदूरी के एवज में इतनी बड़ी राशि का ठेका दिलवाया.

प्रार्थी ने याचिका में वर्ष 2008 से लेकर अब तक इसी प्रकार के करोड़ों रुपए के घोटालों का जिक्र करते हुए हुए मांग की है कि सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करवाई जाए. प्रार्थी ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने और दोषियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की गुहार भी लगाई है. हाईकोर्ट ने इस मामले में ढील बरतने के लिए एसीएस को फटकार लगाई.

ये भी पढ़ें : विक्रमादित्य सिंह पर मानहानि का दीवानी दावा, कैबिनेट मंत्री आपसी समझौते से सुलझाना चाहते हैं केस, हाईकोर्ट में टली सुनवाई

Last Updated : May 31, 2023, 4:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.