शिमलाः प्रदेश में निजी स्कूलों की तीन माह की फीस को माफ करने को लेकर अभिभावकों की मांग पर सरकार ने अभी फिलहाल किसी तरह का भी फैसला नहीं लिया है.
ऐसे में फीस माफ होगी या नहीं इस पर सरकार एक सप्ताह के भीतर फैसला लेगी, लेकिन तब तक निजी स्कूल अभिभावकों पर फीस वसूलने को लेकर किसी भी तरह का कोई दबाव नहीं बना सकते हैं. अगर सरकार के निर्देशों का कोई भी निजी स्कूल उल्लंघन करता है तो उन स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि जब तक लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है, तब तक प्रदेश के निजी स्कूल अभिभावकों को जबरन फीस जमा करवाने के लिए किसी तरह का कोई दबाव नहीं बना सकेंगे. इस दौरान स्कूल ऑनलाइन शिक्षा देना भी बंद नहीं कर सकेंगे.
शिक्षा विभाग की ओर से निर्देश भी निजी स्कूल प्रबंधकों को जारी कर दिए गए हैं. शिक्षा मंत्री ने माना कि अभी फीस माफ करने को लेकर किसी तरह का कोई फैसला नहीं हुआ है. कैबिनेट में इस मामले पर चर्चा की गई है, लेकिन जल्दी इस पर भी फैसला लिया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार हर एक पहलू पर ध्यान दे रही है और ऐसे में यह भी तय करना होगा कि निजी स्कूल अध्यापकों को लगातार वेतन देते रहे हैं और किसी भी अध्यापक को नौकरी से ना निकाला जाए.
निजी स्कूल प्रबंधकों की इसे लेकर क्या राय है, उस पर भी सरकार विचार कर रही है. वहीं, बाहरी राज्यों ने निजी स्कूल की फीस किस तरह से माफ किया है और किन-किन दरों पर किस को कम किया गया है. इस बारे में भी अध्ययन किया जा रहा है. ऐसे में सभज पक्षों को ध्यान में रखते हुए इस बारे में फैसला लिया जाएगा.
प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों को नियमित करने के मामले को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के संकट के समय में राज्य में पहली आर्थिक संकट है.
ऐसे में किसी ने योजना पर अभी सरकार के वित्त विभाग से मंजूरी नहीं मिल रही है, हालांकि पीटीए शिक्षकों को किस आधार पर रेगुलर करना है, इस पर शिक्षा विभाग प्रपोजल बना रहा है.
जब प्रपोजल तैयार हो जाएगा तो उसे कैबिनेट में ले जाया जाएगा और वहां मंजूरी मिलने के बाद ही नियमितीकरण को लेकर फैसला किया जाएगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से सभी राज्यों से स्कूलों को खोलने का प्लान मांगा गया था.
ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किया प्लान मुख्यमंत्री को सौंप दिया गया है और उसे केंद्र सरकार को भी भेज दिया गया है. अब उस प्लान पर केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद किस तरह से स्कूलों को खोला जाता है, उस पर फैसला लिया जाएगा.
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