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छात्रवृत्ति घोटाले पर बोले शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, जरूरत पड़ने पर और छापेमारी कर सकती है CBI - सीबीआई की छापेमारी

सरकार को पहले से ही संदेह था कि छात्रवृत्ति घोटाला बड़े पैमाने पर हुआ है और इसके तार प्रदेश के बाहर भी कई जगहों से जुड़े हो सकते हैं. इसलिए प्रदेश सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह घोटाला इसीलिए सीबीआई को दिया गया था क्योंकि प्रदेश पुलिस की यह काम नहीं कर सकती थी.

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Published : Jul 11, 2019, 8:12 AM IST

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले को लोकर शिक्षा मंत्री शुरेश भारद्वाज ने कहा है कि सीबीआई की टीम को मामले की जांच के लिए जरूरी लगेगा उन्हें वो करने की पूरी छूट है. सीबीआई की जहां भी छापेमारी करनी है वो करें. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोषियों के जल्द पकड़ा जाए और इससे सबक लेकर भविष्य में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृति हड़पने की कोई सोचे तक नहीं.

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दरअसल हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने बीते 9 मई को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. एफआईआर के पांच दिन बाद ही सीबीआई ने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे थे. सीबीआई ने शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर में की गई थी.

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छापेमारी के दौरान टीमों ने उन संस्थानों से घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त किया था. बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में घोटाले के दौरान प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के ब्यौरे के अलावा प्रदेश व केंद्र सरकार से मिली वित्तीय सहायता का लेखा-जोखा शामिल है, जिसे सीबीआई ने अपने कब्जे में लिया है. इसके अलावा घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई ने मंगलवार को तीन जिलों के आठ शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी. कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों में जांच एजेंसी ने इन संस्थानों का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है. एक साथ मारे गए छापों से निजी संस्थानों में हड़कंप मच गया है. कई और निजी संस्थान भी सीबीआई के रडार पर हैं, जहां आने वाले दिनों में सीबीआई दबिश दे सकती है.

शिमला: छात्रवृत्ति घोटाले को लोकर शिक्षा मंत्री शुरेश भारद्वाज ने कहा है कि सीबीआई की टीम को मामले की जांच के लिए जरूरी लगेगा उन्हें वो करने की पूरी छूट है. सीबीआई की जहां भी छापेमारी करनी है वो करें. इसके साथ ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि दोषियों के जल्द पकड़ा जाए और इससे सबक लेकर भविष्य में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृति हड़पने की कोई सोचे तक नहीं.

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दरअसल हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने बीते 9 मई को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. एफआईआर के पांच दिन बाद ही सीबीआई ने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे थे. सीबीआई ने शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर में की गई थी.

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छापेमारी के दौरान टीमों ने उन संस्थानों से घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त किया था. बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में घोटाले के दौरान प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के ब्यौरे के अलावा प्रदेश व केंद्र सरकार से मिली वित्तीय सहायता का लेखा-जोखा शामिल है, जिसे सीबीआई ने अपने कब्जे में लिया है. इसके अलावा घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई ने मंगलवार को तीन जिलों के आठ शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी. कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों में जांच एजेंसी ने इन संस्थानों का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है. एक साथ मारे गए छापों से निजी संस्थानों में हड़कंप मच गया है. कई और निजी संस्थान भी सीबीआई के रडार पर हैं, जहां आने वाले दिनों में सीबीआई दबिश दे सकती है.

Intro:आवश्यकता हुई तो और छापेमारी भी कर सकती है सीबीआई, सरकार को था अंदेशा कि बड़ा निकलेगा छात्रवृति घोटाला
शिमला. सरकार को पहले से ही संदेह था कि छात्रवृति घोटाले बड़े स्तर पर हुआ है और इसके तार प्रदेश के बाहर भी अन्य स्थानों से जुड़े हो सकते हैं इसलिए प्रदेश सरकार ने इसकी जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा है. शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई जो भी आवश्यक लगेगा इसको लेकर वो छापेमारी करेंगे. हम अपेक्षा कर रहे हैं कि दोषियों के जल्द पकड़ा जाए और इससे सबक लेकर भविष्य में पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृति हड़पने की कोई सोचे तक नहीं. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह घोटाला इसी लिए सीबीआई को दिया गया था क्योंकि प्रदेश पुलिस की यह काम नहीं कर सकती थी.
Body:दरअसल हिमाचल सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने बीते 9 मई को मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। एफआईआर के पांच दिन बाद ही सीबीआई ने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में 22 शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर छापे मारे थे। सीबीआई ने शिमला, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा और कांगड़ा स्थित कई शैक्षणिक संस्थानों के अलावा करनाल, मोहाली, नवांशहर, अंबाला और गुरदासपुर में की गई थी।Conclusion:छापेमारी के दौरान टीमों ने उन संस्थानों से घोटाले से संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त किया था। बताया जा रहा है कि इन दस्तावेजों में घोटाले के दौरान प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं के ब्योरे के अलावा प्रदेश व केंद्र सरकार से मिली वित्तीय सहायता का लेखा-जोखा शामिल है, जिसे सीबीआई ने अपने कब्जे में लिया है। इसके अलावा घोटाले की जांच में जुटी सीबीआई ने मंगलवार को तीन जिलों के आठ शैक्षणिक संस्थानों के ठिकानों पर एक साथ दबिश दी। कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों में जांच एजेंसी ने इन संस्थानों का रिकॉर्ड जब्त कर लिया है। एक साथ मारे गए छापों से निजी संस्थानों में हड़कंप मच गया है। कई और निजी संस्थान भी सीबीआई के रडार पर हैं, जहां आने वाले दिनों में सीबीआई दबिश दे सकती है।
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