शिमलाः कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा की तीसरी लहर में 18 वर्ष तक के बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में इन बच्चों को किस प्रकार अधिक सुरक्षित रखा जाए यह महत्वपूर्ण है. इसके लिए पूरे विभाग को एकजुट होकर कार्य करना होगा और विपत्ति के समय मिलजुल कर नहीं चलना होगा. विशेषज्ञों के अनुसार कोविड की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं.
स्नातक स्तर की परीक्षाएं आयोजित करवाने संबंधी की वर्चुअल बैठक
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रदेश में महाविद्यालयों में स्नातक स्तर की परीक्षाएं आयोजित करवाने संबंधी वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोविड महामारी के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो. उन्होंने कहा कि विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को विषय संबंधी पढ़ाई करवाई जा रही है. ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ी कमियों को दूर करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने अधिकारियों को जनजातीय क्षेत्रों के विद्यार्थियों के दृष्टिगत शिक्षा में विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया.
विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया जाएगाः शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि स्नातक स्तर की परीक्षाएं करवाने के लिए विद्यार्थियों, अभिभावकों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के सुझावों का गहन आकलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्राप्त हुए सुझावों से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा और इस संबंध में विद्यार्थियों के हित में निर्णय लिया जाएगा. बैठक में प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षाविदों ने अपने विचार साझा किए.
हालांकि कॉलेज परीक्षाओं को लेकर अभी यूजीसी की विस्तृत गाइडलाइंस का इंतजार किया जा रहा है. यूजीसी की ओर से गाइडलाइन जारी होने के बाद ही प्रदेश में भी परीक्षण कराने को लेकर फैसला लिया जाएगा. फिलहाल हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से विद्यार्थियों की परीक्षाएं कराने को लेकर तैयारियां पूरी हैं. ई-संवाद के दौरान विद्यार्थी और उनके अभिभावकों के साथ स्कूली शिक्षक भी परीक्षाएं कराने के पक्ष में नजर आए.
कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ कराई जा सकती हैं परीक्षाएं
जानकारी के अनुसार यूजीसी की गाइडलाइंस जारी होने के बाद प्रदेश में कोरोना प्रोटोकॉल के साथ महाविद्यालयों के फाइनल ईयर के विद्यार्थियों की परीक्षाएं करवाई जा सकती हैं. कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के लिए प्रदेश सरकार की ओर से एक दिन में एक परीक्षा का फॉर्मूला अपनाया जा सकता है इसके अलावा प्रदेश भर में परीक्षा सेंटर की संख्या बढ़ाकर भी सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ परीक्षाएं करवाई जा सकती हैं. इससे पहले भी हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बीच विश्वविद्यालय की ओर से पीजी और यूजी की परीक्षाएं करवाई जा चुकी हैं.
ये भी पढ़ें- मोनाल प्रजनन केंद्र में चहक रहे तीन नन्हे मेहमान, वाइल्ड लाइफ विभाग के कर्मियों ने जताई खुशी