शिमला : कोरोना के घातक संक्रमण को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया था. अब सरकार की ओर से उन्हें खोलने की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर पूरा प्लान भी शिक्षा विभाग की ओर से तैयार कर लिया गया है. किस तरह से स्कूलों को खोला जाए जिससे कि एकदम से छात्रों की भीड़ भी स्कूलों में एकत्र ना हो और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाए.
इस तरह का प्लान शिक्षा विभाग की ओर से तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है. अब अगर सरकार को शिक्षा विभाग का यह प्लान भाता है तो 3 मई के बाद प्रदेश में स्कूलों को खोलने पर फैसला लिया जा सकता है. शिक्षा विभाग की ओर से जो प्लान तैयार किया गया है उसके तहत छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के स्कूलों को खोलने का सुझाव शिक्षा विभाग ने दिया है.
इसके लिए भी शिक्षा निदेशालय की ओर से जो तकनीक सुझाई गई है उसमें कक्षाओं को लगाने के दिन बांट दिए गए हैं. यानी सप्ताह के पहले दिन कुछ कक्षाओं को स्कूलों में लगाया जाएगा जिसके बाद दूसरी कक्षाओं के छात्रों को दूसरे दिन स्कूलों में बुलाकर उनकी कक्षाएं लगाई जाएंगी.
इससे जहां सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन होगा तो वहीं छात्रों की संख्या भी ज्यादा नहीं रहेगी. छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्कूलों में ही पढ़ाया जा सकेगा. विभाग की ओर से यह जो प्लान तैयार किया गया है वह कम संख्या वाले और ज्यादा संख्या वाले स्कूलों को देखते हुए किया गया है.
ऐसे में जहां कम संख्या वाले स्कूलों में छात्रों की संख्या पहले ही ज्यादा नहीं होगी तो वहीं जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या ज्यादा है वहां इस तरह अलग-अलग कक्षाएं अलग-अलग दिनों पर लगाकर छात्रों को दो कमरों में अलग-अलग पढ़ाया जा सकेगा, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी.
कोरोना की वजह से प्रदेश के स्कूल बंद है और ऐसे में छात्रों की पढ़ाई घर से ही चल रही है,लेकिन घर से भी ऑनलाइन माध्यम से छात्र बेहतर तरीके से नहीं पढ़ पा रहे हैं.अब ऐसे में छात्रों की पढ़ाई ज्यादा प्रभावित ना हो इसके लिए सरकार चाह रही है कि स्कूलों को खोलने की योजना तैयार कर दी जाए.
शिक्षा निदेशालय ने यह योजना छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए तैयार भी कर दी है लेकिन इस पर अंतिम मंजूरी सरकार की ही होगी जिसके बाद किस तरह से व्यवस्था स्कूलों को खोलने के लिए की जाएगी इसे लेकर पूरा खुलासा होगा.
28 अप्रैल को एमएचआरडी के साथ भी बैठक होनी तय है. ऐसे में हो सकता है कि प्रदेश से शिक्षा विभाग की ओर से तैयार किए गए इस प्लान को भी वहां चर्चा के लिए रखा जाए और अगर प्लान मंजूर होता है तो प्रदेश में स्कूलों को खोलने को लेकर फैसला सरकार ले सकती है.