शिमला : गुरुवार को डीवाईएफआई की शहरी इकाई ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर रोजगार और प्रदेश सरकार की शहरी गारंटी योजना को सही ढंग से लागू न करने को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान युवाओं का कहना था कोरोना संकट के कारण प्रदेश के युवा बेरोजगार हो गए हैं. डीवाईएफआई के शहरी अध्यक्ष कपिल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में बहुत से युवा करोना महामारी के चलते बेरोजगार हुए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उसे लेकर चिंतित नहीं है.
देश में लगभग 12 करोड़ से ज्यादा लोग अपना रोजगार गवा चुके हैं. इससे प्रदेश का युवा भी अछूता नहीं रहा है. पर्यटन स्थल होने के बावजूद भी पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बहुत अधिक हो गई है, लेकिन प्रदेश सरकार यहां के युवाओं के लिए किसी प्रकार का रोजगार का प्रावधान नहीं कर पा रही है. वहीं, दूसरी ओर शहरी रोजगार गारंटी योजना को भी सही तरीके से लागू नहीं कर पा रही.
इस योजना के तहत केवल कुछ ही लोगों को रोजगार मिल पाया है. उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में अलग-अलग पदों पर अनेकों पद खाली हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उसे भर नहीं पा रही है. धरने के माध्यम से उन्होंने मांग की है प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए सरकार जल्द से जल्द कोई उचित कदम उठाए. जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिलती तब तक उन्हें बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए. धरने प्रदर्शन में डीवाईएफआई के राज्य सचिव चंद्रकांत वर्मा, अनिल ठाकुर, अंकित दुबे, गगन, अंकित, राजू, कविता कांटू आदि सदस्यों ने भाग लिया.
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