शिमला: हिमाचल सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को भंग किया है. इसके चलते इसके माध्यम से करवाई जा रही भर्तियां भी लटकी हुई हैं. कई भर्तियों की लिखित परीक्षा की डाक्यूमेंटेशन भी हो चुकी है. हालांकि सरकार भर्तियों के रिजल्ट राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से करवाने की बात कर की जा रही है और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी कह चुके हैं कि आयोग जल्द ही इनके रिजल्ट जारी करेगा, लेकिन आयोग की ओर से अभी तक एक मात्र भर्ती का ही रिजल्ट जारी किया गया है. ऐसे में बेरोजगार युवा भर्तियों का रिजल्ट जारी करने के लिए सरकार पर दबाव डाल रहे हैं. बेरोजगार युवा सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं. 980 पोस्ट कोड (कला अध्यापक) के अभ्यर्थी भी रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर आज राज्य सचिवालय पहुंचे. अभ्यर्थियों ने साफ कहा कि जब तक रिजल्ट जारी करने के आदेश नहीं किए जाते तो तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे. अभ्यर्थियों ने भूख हड़ताल की धमकी भी दी है.
हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग कर चुका डॉक्यूमेंटेशन पूरी: पोस्ट कोड 980 की भर्ती के तहत 314 पद हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से की जा रही थी. कर्मचारी चयन आयोग की ओर से इस भर्ती के लिए बीते जून 2022 में आवेदन मांगे गए थे और 8 सितंबर को इसके लिए लिखित परीक्षा हुई थी. इसका रिजल्ट 3 दिसंबर को निकाला गया, जिसमें 971 उम्मीदवार पास भी हुए थे. इसके बाद इन उम्मीदवारों की डाक्यूमेंटेशन 16 से 21 दिसंबर पूरी की गईं, लेकिन इस बीच पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया. इसके बाद आयोग को भंग कर दिया गया. इसके चलते कई अन्य भर्तियों सहित पोस्ट कोड 980 का रिजल्ट भी अधर में फंस गया है. इसके चलते प्रदेश भर के युवा आज सचियावल पहुंचे.
युवकों का कहना है कि सरकार द्वारा जांच के नाम पर भर्ती को लटकाया जा रहा है. अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर किसी व ने कुछ गलत किया है तो उसको इसकी सजा मिलनी चाहिए. जबकि अन्य लोगों ने मेहनत से परीक्षा पास की है. ऐसे में जांच के नाम पर भर्तियों को लटकाना सही नहीं है. युवाओं ने कहा कि इससे पहले मार्च माह में भी वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिले थे, तब सीएम ने अप्रैल में रिजल्ट जारी करने की बात की थी, लेकिन जून माह शुरू होने पर भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया है. युवाओं ने साफ कहा कि जब तक सरकार द्वारा रिजल्ट जारी करने के आदेश जारी नहीं किए जाते तब तक वे यहां से नहीं जाएंगे. अगर सरकार नहीं मानी तो वे भूख हड़ताल भी करेंगे.
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