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सदन में गूंजा पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से जुड़ा मुद्दा, विधायक बोले- ईस्ट इंडिया कंपनी बनी BBMB

विधायक होशियार सिंह ने बीबीएमबी को ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया.

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Published : Feb 14, 2019, 8:20 PM IST

शिमला: विधायक सुखराम चौधरी ने गैर सरकारी सदस्य कार्य के तहत संकल्प प्रस्तुत किया कि प्रदेश में पेयजल और सिंचाई योजनाओं को पानी लेने के लिए कई केंद्रीय एजंसियों से अनापति प्रमाण पत्र लेने की छूट प्रदान करने की नीति पर विचार करने की बात कही.

चर्चा में भाग लेते हुए विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट वाले बात-बात पर एनओसी की मांग करते हैं. हमारी ही जमीन पर हम लोगों को धमकाया जाता है और हर बात पर एनओसी की मांग की जाती है. पठानिया ने सरकार ने केंद्रीय सरकार के समक्ष मामला उठाने की बात कही और कहा कि हम लोगों ने इन परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन दी. लेकिन, आज हमसे ही इस व्यवहार किया जाता है कि वो किसी और देश से आए हों.

shimla, BBMB issue raised in HP assembly, शिमला, विधायक सुखराम चौधरी, विधायक राकेश पठानिया, ईटीवी भारत
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चर्चा में भाग लेते हुए रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को चेकडैम बनने चाहिए ताकि पानी रीस्टोर किया जा सके. इसके अलावा पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से एनओसी का छुटकारा भी दिलाया जाए.
वहीं विधायक होशियार सिंह ने बीबीएमबी को ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए 1970 में हजारों परिवारों ने अपने घर तक छोड़ दिये. होशियार सिंह ने फिर ने बीबीएमबी के पॉलिसी बनाकर करार करने की बात कही.

विधायक लखनपाल ने गोविंदसागर से पानी पंप कर सिंचाई के लिए स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराने की मांग ताकि लोगों की समस्या हल हो सके. संकल्प का उत्तर देते हुए मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जब इन परियोजनाओं का निर्माण हो रहा होता है तो अनेकों परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. आज स्थिति ऐसी है कि अपनी ही जमीन से तो अपना ही पानी लाने के लिए एनओसी लेने पड़ते हैं. ये स्थिति सच मे सोचनीय है.

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मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बीबीएमबी सहित सभी परियोजनाओं के समझौते बहुत पहले किये गए और उस समय हिमाचल के हितों की अनदेखी की गई. उस समय हिमाचलियों के साथ किये गए वायदों को भी पूरा नहीं किया गया है. आज हमारे साथ विचित्र स्थिति पैदा हो गई है. हम हिमाचल से बहने वाली किसी भी नदी का पानी बिना एनओसी के नहीं ले सकते. इसके बाद को कमी बचती है वो एफसीए की क्लीयरेंस पूरा कर देती है आज कोई भी परियोजना शुरू करनी होती है उसके लिए एफसीए क्लियरेंस चाहिए होती है.

मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व विधायक सुखराम चौधरी
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मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हम केवल मात्र एक एजेंसी से एनओसी नहीं लेंगे बल्कि हम अपना पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखेंगे. इसके लिए विशेष नीति बनाने पर प्रदेश सरकार कार्य करेगी. ताकि प्रदेश के विकास में बाधा न बने. विधान सभा से संकल्प स्वीकार करते हए नीति बनाने की बात कही.

शिमला: विधायक सुखराम चौधरी ने गैर सरकारी सदस्य कार्य के तहत संकल्प प्रस्तुत किया कि प्रदेश में पेयजल और सिंचाई योजनाओं को पानी लेने के लिए कई केंद्रीय एजंसियों से अनापति प्रमाण पत्र लेने की छूट प्रदान करने की नीति पर विचार करने की बात कही.

चर्चा में भाग लेते हुए विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट वाले बात-बात पर एनओसी की मांग करते हैं. हमारी ही जमीन पर हम लोगों को धमकाया जाता है और हर बात पर एनओसी की मांग की जाती है. पठानिया ने सरकार ने केंद्रीय सरकार के समक्ष मामला उठाने की बात कही और कहा कि हम लोगों ने इन परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन दी. लेकिन, आज हमसे ही इस व्यवहार किया जाता है कि वो किसी और देश से आए हों.

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चर्चा में भाग लेते हुए रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को चेकडैम बनने चाहिए ताकि पानी रीस्टोर किया जा सके. इसके अलावा पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से एनओसी का छुटकारा भी दिलाया जाए.
वहीं विधायक होशियार सिंह ने बीबीएमबी को ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए 1970 में हजारों परिवारों ने अपने घर तक छोड़ दिये. होशियार सिंह ने फिर ने बीबीएमबी के पॉलिसी बनाकर करार करने की बात कही.

विधायक लखनपाल ने गोविंदसागर से पानी पंप कर सिंचाई के लिए स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराने की मांग ताकि लोगों की समस्या हल हो सके. संकल्प का उत्तर देते हुए मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जब इन परियोजनाओं का निर्माण हो रहा होता है तो अनेकों परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. आज स्थिति ऐसी है कि अपनी ही जमीन से तो अपना ही पानी लाने के लिए एनओसी लेने पड़ते हैं. ये स्थिति सच मे सोचनीय है.

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मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बीबीएमबी सहित सभी परियोजनाओं के समझौते बहुत पहले किये गए और उस समय हिमाचल के हितों की अनदेखी की गई. उस समय हिमाचलियों के साथ किये गए वायदों को भी पूरा नहीं किया गया है. आज हमारे साथ विचित्र स्थिति पैदा हो गई है. हम हिमाचल से बहने वाली किसी भी नदी का पानी बिना एनओसी के नहीं ले सकते. इसके बाद को कमी बचती है वो एफसीए की क्लीयरेंस पूरा कर देती है आज कोई भी परियोजना शुरू करनी होती है उसके लिए एफसीए क्लियरेंस चाहिए होती है.

मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर व विधायक सुखराम चौधरी
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मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि हम केवल मात्र एक एजेंसी से एनओसी नहीं लेंगे बल्कि हम अपना पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखेंगे. इसके लिए विशेष नीति बनाने पर प्रदेश सरकार कार्य करेगी. ताकि प्रदेश के विकास में बाधा न बने. विधान सभा से संकल्प स्वीकार करते हए नीति बनाने की बात कही.

Intro:सदन में गूंज 10 लाख लोगों से जुड़ा मामला । होशियार सिंह ने कहा 7 विधानसभा क्षेत्र के लोगों को प्रताड़ित करते है BBMB के अधकारी।

विधायक सुखराम चौधरी ने गैर सरकारी सदस्य कार्य के तहत संकल्प प्रस्तुत किया कि प्रदेश में पेयजल और सिँचाई योजनाओं को पानी लेने के लिए कई केंद्रीय एजंसियों से अनापति प्रमाण पत्र लेने की छूट प्रदान करने की नीति पर विचार करने की बात कही।


Body:चर्चा में भाग लेते हुए विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट वाले बात बात पर NOC की मांग करते है। हमारी ही जमीन पर हम लोगों को धमकाया जाता है। और हर बात पर NOC की मांग की जाती है। पठानिया ने सरकार ने केंद्रीय सरकार के समक्ष मामला उठाने की बात कही और कहा कि हम लोगों ने इन परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन दी। लेकिन आज हमसे ही इस व्यवहार किया जाता है कि वो किसी और देश से आये हो।

चर्चा में भाग लेते हुए रमेश धवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार को चेकडैम बनने चाहिए ताकि पानी रीस्टोर किया जा सके। इसके अलावा पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं से NOC का छुटकारा भी दिलाया जाए।
वहीं विधायक होशियार सिंह ने BBMB को ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया । उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए 1970 में हजारों परिवारों ने अपने घर तक छोड़ दिये। होशियार सिंह ने फिर ने BBMB के पालिसी बनाकर करार करने की बात कही।

विधायक लखनपाल ने गोविंदसगर से पानी पंप कर सिंचाई के लिए स्थानीय किसानों को उपलब्ध कराने की मांग ताकि लोगों की समस्या हल हो सके।




Conclusion:संकल्प का उत्तर देते हुए मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि जब इन परियोजनाओं का निर्माण हो रहा होता है तो अनेको परेशानिया झेलनी पड़ती है। आज स्थिति ऐसी है कि अपनी ही जमीन से तो अपना ही पानी लाने के लिए NOC लेने पड़ते है। ये स्थिति सच मे सोचनीय है। महेंद्र सिंह ने कहा कि BBMB सहित सभी परियोजनाओं के समझौते बहुत पहले किये गए और उस समय हिमाचल के हितों की अनदेखी की गई। उस समय हिमाचलियों के साथ किये गए वायदों को भी पूरा नही किया गया है। आज हमारे साथ विचित्र स्थिति पैदा हो गईं है। हम हिमाचल से बहने वाली किसी भी नदी का पानी बिना NOC के नही ले सकते। इसके बाद को कमी बचती है वो FCA की क्लीयरेंस पूरा कर देती है आज कोई भी परियोजना शुरू करनी होती है। उसके लिए FCA क्लियरेंस चाहिए होती है।
महेंद्र सिंह ने कहा कि हम केवल मात्र एक एजेंसी से NOC नही लेंगे बल्कि हम अपना पक्ष केंद्र सरकार के सामने रखेंगे। इसके लिए विशेष नीति बनाने पर प्रदेश सरकार कार्य करेगी। ताकि प्रदेश के विकास में बाधा न बने। विधान सभा से संकल्प स्वीकार करते हए नीति बनाने की बात कही
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