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प्रदेश के 12 जिलों में डॉक्टर्स ने की पेन डाउन स्ट्राइक, अस्पताल पहुंचे मरीजों को हुई परेशानी - पेन डाउन स्ट्राइक

आज प्रदेश के 12 जिलों में डॉक्टर्स ने पेन डाउन स्ट्राइक कर सरकार के खिलाफ रोष जताया. इसके अलावा डॉक्टर्स ने अस्पताल परिसर में पोस्टर्स के साथ मौन प्रदर्शन भी किया. डॉक्टर्स की मुख्य मांगें पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर है. डॉक्टर्स की यह हड़ताल प्रदेश के सभी 12 जिला अस्पतालों में की गई. इस कारण सोमवार को अस्पताल पहुंचे मरीजों को 2 घंटे तक इलाज के लिए भटकना पड़ा.

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Published : Jun 28, 2021, 4:25 PM IST

शिमला: डॉक्टर्स की पेन डाउन स्ट्राइक के चलते सोमवार को अस्पतालों में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शिमला के डीडीयू अस्पताल में मरीज आज सुबह से ही ओपीडी के बाहर डॉक्टर्स के इंतजार में बैठे रहे.

पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों पर एतराज

शिमला में डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर है. पंजाब वेतन आयोग के तहत डॉक्टर्स का प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 से 20 फीसदी कर बेसिक वेतन से डी-लिंक करने का डॉक्टरों में रोष है. डॉ. वर्मा ने कहा कि डेंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटरनेरी ऑफिसर संघ के साथ मिलकर एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा.

प्रैक्टिसिंग अलाउंस को डी लिंक करना गलत

कुल्लू में भी डॉक्टरों ने पंजाब वेतन आयोग के तहत प्रैक्टिसिंग अलाउंस को डी लिंक करने का विरोध जताया है. डॉक्टरों ने कुल्लू अस्पताल में 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक भी रखी. इस दौरान कुल्लू अस्पताल पहुंचे मरीजों को भी दिक्कतें उठानी पड़ी. इसके अलावा चंबा जिले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल अफसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार और उनके परिवारों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के मामले पर भी चर्चा की गई है. इस मामले में सरकार से प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नए वेतनमान से डॉक्टर्स को नुकसान

नई सिफारिशों के अनुसार डॉक्टर्स को नए वेतनमान में सात हजार से 22 हजार रुपये तक मासिक नुकसान होगा. पंजाब सरकार ने हाल ही में नए वेतन आयोग को मंजूरी दी है. हिमाचल सरकार भी हमेशा ही पंजाब के पैटर्न को ही लागू करती है. ऐसे में पंजाब में यह सिफारिशें लागू होते ही हिमाचल में भी इसे लागू किया जाएगा. हिमाचल के कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. अब इनके समर्थन में डॉक्टर भी आ गए हैं. इसी वजह से दो घंटे हड़ताल का निर्णय लिया गया.

मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा विरोध

बिलासपुर में डाॅक्टर सतीश शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में डॉक्टर अपनी जान को दांव पर रख कर लगातार सेवा देते आ रहे हैं. ऐसे में इस प्रकार की सिफारिशें फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ विश्वासघात साबित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं मान लिया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा.

डॉक्टर्स ने सिर्फ इमरजेंसी में दी अपनी सेवाएं

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के सभी डॉक्टर्स ने भी दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक की. सुबह साढ़े 9 बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक सभी डॉक्टर्स ओपीडी में भी नहीं बैठे. केवल इमरजेंसी में ही डॉक्टर्स अपनी डयूटी पर रहे. इसके अलावा सभी डॉक्टरों ने दो घंटे तक हड़ताल जारी रखी. इससे पहले सभी डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर बैठक भी की.

ये भी पढ़ें: MLA नैहरिया और उनकी पत्नी का विवाद उनका घरेलू मामला: सीएम जयराम ठाकुर

शिमला: डॉक्टर्स की पेन डाउन स्ट्राइक के चलते सोमवार को अस्पतालों में मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शिमला के डीडीयू अस्पताल में मरीज आज सुबह से ही ओपीडी के बाहर डॉक्टर्स के इंतजार में बैठे रहे.

पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों पर एतराज

शिमला में डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग पंजाब वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर है. पंजाब वेतन आयोग के तहत डॉक्टर्स का प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 से 20 फीसदी कर बेसिक वेतन से डी-लिंक करने का डॉक्टरों में रोष है. डॉ. वर्मा ने कहा कि डेंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटरनेरी ऑफिसर संघ के साथ मिलकर एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध किया जाएगा.

प्रैक्टिसिंग अलाउंस को डी लिंक करना गलत

कुल्लू में भी डॉक्टरों ने पंजाब वेतन आयोग के तहत प्रैक्टिसिंग अलाउंस को डी लिंक करने का विरोध जताया है. डॉक्टरों ने कुल्लू अस्पताल में 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक भी रखी. इस दौरान कुल्लू अस्पताल पहुंचे मरीजों को भी दिक्कतें उठानी पड़ी. इसके अलावा चंबा जिले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल अफसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार और उनके परिवारों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के मामले पर भी चर्चा की गई है. इस मामले में सरकार से प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है.

नए वेतनमान से डॉक्टर्स को नुकसान

नई सिफारिशों के अनुसार डॉक्टर्स को नए वेतनमान में सात हजार से 22 हजार रुपये तक मासिक नुकसान होगा. पंजाब सरकार ने हाल ही में नए वेतन आयोग को मंजूरी दी है. हिमाचल सरकार भी हमेशा ही पंजाब के पैटर्न को ही लागू करती है. ऐसे में पंजाब में यह सिफारिशें लागू होते ही हिमाचल में भी इसे लागू किया जाएगा. हिमाचल के कर्मचारी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. अब इनके समर्थन में डॉक्टर भी आ गए हैं. इसी वजह से दो घंटे हड़ताल का निर्णय लिया गया.

मांगें पूरी न होने तक जारी रहेगा विरोध

बिलासपुर में डाॅक्टर सतीश शर्मा ने बताया कि कोरोना काल में डॉक्टर अपनी जान को दांव पर रख कर लगातार सेवा देते आ रहे हैं. ऐसे में इस प्रकार की सिफारिशें फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ विश्वासघात साबित हो रही हैं. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं मान लिया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा.

डॉक्टर्स ने सिर्फ इमरजेंसी में दी अपनी सेवाएं

क्षेत्रीय अस्पताल ऊना के सभी डॉक्टर्स ने भी दो घंटे के लिए पेन डाउन स्ट्राइक की. सुबह साढ़े 9 बजे से लेकर साढ़े 11 बजे तक सभी डॉक्टर्स ओपीडी में भी नहीं बैठे. केवल इमरजेंसी में ही डॉक्टर्स अपनी डयूटी पर रहे. इसके अलावा सभी डॉक्टरों ने दो घंटे तक हड़ताल जारी रखी. इससे पहले सभी डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर बैठक भी की.

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