बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के बाद अब पुलिस नदियों और नालों से शवों को बरामद कर रही है. साथ ही लापता लोगों की खोज कर रही है. वहीं, हिमाचल पुलिस नदी नालों में मिले शवों की पहचान के लिए डीएनए परीक्षण चला रही है. क्योंकि राज्य में हाल ही में आई बाढ़ में लापता हुए लोगों के परिवारों की उम्मीदें खोज अभियान पर टिकी हुई हैं. ये बाते हिमाचल प्रदेश डीजीपी संजय कुंडू ने बिलासपुर में कही.
हिमाचल डीजीपी संजय कुंडू ने कहा हिमाचल प्रदेश अज्ञात शवों का डीएनए डेटाबेस बनाने वाला देश का पहला राज्य है. यह प्रक्रिया पिछले साल अप्रैल में शुरू की गई थी और अब तक अज्ञात शवों के 150 से अधिक डीएनए नमूने डेटाबेस में संग्रहीत किए गए हैं. उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश अज्ञात शवों का डीएनए डेटाबेस बनाने वाला देश का पहला राज्य है. यह प्रक्रिया पिछले साल अप्रैल में शुरू की गई थी और अब तक अज्ञात शवों के 150 से अधिक डीएनए नमूने डेटाबेस में संग्रहीत किए गए हैं.
डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कई दिनों के बाद बाढ़ वाली नदियों और नालों के साथ बहकर शव नदी के किनारों पर आ जाते हैं. इसलिए इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) की टीमों को सतलुज और ब्यास नदियों के तटों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है. पुलिस कर्मियों को बरामद शवों को तत्काल कब्जे में लेने और उनकी पहचान सुनिश्चित करने और उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा गया है.उन्होंने आपदा के बाद अपनों की तलाश में भटक रहे लोगों को पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी है.
डीजीपी ने कहा शुक्रवार तक राज्य में करीब 70 हजार लोगों को बचाया जा चुका है. सुरक्षित निकाले गए लोगों में अधिकतर पर्यटक थे. लगभग 12,000 फंसे हुए पर्यटक वाहनों को निकाला गया है. 29 देशों के 697 विदेशी पर्यटकों को भी बचाया गया है. उन्होंने कहा कि यहां एम्स में एक पुलिस चौकी और यहां कीरतपुर-मनाली राजमार्ग पर स्वीकृत एक यातायात-सह-पर्यटक पुलिस स्टेशन 15 अगस्त से काम करना शुरू कर देगा. पुलिस स्टेशन शुरू में सदर थाना बिलासपुर से चलेगा और बाद में निर्माण तैयार होने के बाद इसे एक स्थायी भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.
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(सौजन्य PTI)