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टिकट बंटवारे के बाद BJP में खुलकर सामने आई गुटबाजी, अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत!

विधानसभा चुनावों में टिकट आवंटन को लेकर भारतीय जनता पार्टी के भीतर गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है. प्रदेश में करीब एक दर्जन सीटों पर भाजपा के घोषित प्रत्याशियों का पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जमकर विरोध कर रहे हैं. यही नहीं, कई जगहों पर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत करते हुए नामांकन कर दिए हैं.

Himachal Pradesh Assembly Election 2022
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
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Published : Oct 22, 2022, 7:34 PM IST

शिमला: बीजपी ने विधानसभा चुनावों के लिए अबकी बार 10 विधायकों के टिकट काटें हैं. इससे पार्टी के अंदर विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है. इसके अलावा मंत्रियों की सीटें बदलने से भी दूसरी जगह टिकट की चाहत में बैठे नेताओं और कार्यकर्ताओं में रोष पनपा हुआ है. इस तरह पार्टी की गुटबाजी खुलकर बाहर आ गई है. कई जगह तो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ पार्टी नेताओं ने पर्चा दाखिल कर दिया है, जबकि कुछ जगह भरने की तैयारी है.

सोलन जिला के नालागढ़ में कांग्रेस से आए लखविंदर राणा को टिकट देने का पूर्व विधायक केएल ठाकुर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने राणा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी दाखिल कर दिया है. इसी तरह बिलासपुर सदर में मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काटे जाने और वहां से त्रिलोक जमवाल को टिकट देने का भी भारी विरोध हो रहा है. यहां से भाजपा के ही नेता सुभाष शर्मा ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है.

पार्टी में पनपे विद्रोह को थामने के लिए खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिलासपुर पहुंचे हैं. इसी तरह बिलासपुर के झंडूता क्षेत्र का 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के पूर्व मंत्री दिवंगत रिखी राम कौंडल के बेटे राज कुमार कौंडल ने भी पर्चा भरा है. कांगड़ा जिला के देहरा में भाजपा में शामिल होशियार सिंह को टिकट न मिलने से भी पार्टी के अंदर खूब घमासान मचा हुआ है. पहले होशियार सिंह का यहां पर विरोध हो रहा था, अब ज्वालामुखी से चुनाव लड़ते आए रमेश ध्वाला को देहरा से टिकट देने पर होशियार सिंह बगावत पर उतर आए हैं.
पढ़ें- बिलासपुर: टिकट कटने से MLA नाराज! जेपी नड्डा के स्वागत के लिए नहीं पहुंचे सुभाष ठाकुर

इसी तरह नूरपूर के विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया को फतेहपुर भेजने का भी भारी विरोध हो रहा है. पूर्व सांसद कपाल परमार ने वहां से नामांकन कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. किन्नौर में सूरत नेगी को टिकट देने का पूर्व विधायक तेजवंत नेगी ने विद्रोह कर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है.

कुल्लू, बंजार, आनी की सीटों पर पार्टी में विद्रोह: आनी से विधायक किशोरी लाल का टिकट काटने को लेकर भी पार्टी में बगावत हो गई है. इसके विरोध में भाजपा के सौ अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. किशोरीलाल ने बाकायदा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. इसी तरह बंजार में भी भाजपा में घमासान मचा हुआ है. बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. हालांकि, पहले यहां से विधायक सुरेंद्र शौरी का टिकट काटे जाने को लेकर चर्चाएं चल रही थीं लेकिन अंत में पार्टी ने उनको ही टिकट दे दिया. इससे हितेश्वर सिंह भी बगावत पर उतर आए हैं.
पढे़ं- हिमाचल विधानसभा चुनाव: कांग्रेस ने चार उम्मीदवारों का किया ऐलान, हमीरपुर सीट पर असमंजस बरकरार

महेश्वर सिंह को पार्टी ने कुल्लू से टिकट दिया है और उन्होंने बेटे को मनाने की कोशिशें की, मगर वे नहीं माने. यही नहीं कुल्लू में महेश्वर सिंह को टिकट देने को लेकर भी भाजपा का रामसिंह गुट नाराज को गया है. यहां से भाजपा के उपाध्यक्ष रामसिंह टिकट की रेस में शामिल थे, मगर उनको टिकट नहीं मिला, अब वे भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. मनाली विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक एंव मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर का भी विरोध हो रहा है. महेंद्र ठाकुर ने वहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, इसी तरह लाहौल-स्पीति से डॉ. रामलाल मारकंडा को टिकट देने को लेकर भी विरोध के स्वर उठे हैं. यहां भाजपा जनजातीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर शर्मा भी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं.

मंडी के धर्मपुर से भाजपा के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को टिकट मिलने का उनकी बेटी वंदना गुलेरिया ने खुला विरोध किया है. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि टिकट दिल्ली से मिल सकता है लेकिन वोट नहीं. चंबा में इंदिरा कपूर समर्थकों में टिकट काटे जाने से भारी नाराजगी है. उनका पार्टी ने पहले टिकट क्लीयर कर दिया था, मगर बाद में उसको बदल दिया. इसी तरह करसोग में हीरालाल का टिकट काटने से वहां उनके समर्थक भी खुश नहीं है. कई अन्य सीटों पर भी टिकट को लेकर नाराजगी सामने आ रही है.

शिमला: बीजपी ने विधानसभा चुनावों के लिए अबकी बार 10 विधायकों के टिकट काटें हैं. इससे पार्टी के अंदर विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है. इसके अलावा मंत्रियों की सीटें बदलने से भी दूसरी जगह टिकट की चाहत में बैठे नेताओं और कार्यकर्ताओं में रोष पनपा हुआ है. इस तरह पार्टी की गुटबाजी खुलकर बाहर आ गई है. कई जगह तो पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ पार्टी नेताओं ने पर्चा दाखिल कर दिया है, जबकि कुछ जगह भरने की तैयारी है.

सोलन जिला के नालागढ़ में कांग्रेस से आए लखविंदर राणा को टिकट देने का पूर्व विधायक केएल ठाकुर विरोध कर रहे हैं. उन्होंने राणा के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी दाखिल कर दिया है. इसी तरह बिलासपुर सदर में मौजूदा विधायक सुभाष ठाकुर का टिकट काटे जाने और वहां से त्रिलोक जमवाल को टिकट देने का भी भारी विरोध हो रहा है. यहां से भाजपा के ही नेता सुभाष शर्मा ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है.

पार्टी में पनपे विद्रोह को थामने के लिए खुद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिलासपुर पहुंचे हैं. इसी तरह बिलासपुर के झंडूता क्षेत्र का 5 बार प्रतिनिधित्व कर चुके भाजपा के पूर्व मंत्री दिवंगत रिखी राम कौंडल के बेटे राज कुमार कौंडल ने भी पर्चा भरा है. कांगड़ा जिला के देहरा में भाजपा में शामिल होशियार सिंह को टिकट न मिलने से भी पार्टी के अंदर खूब घमासान मचा हुआ है. पहले होशियार सिंह का यहां पर विरोध हो रहा था, अब ज्वालामुखी से चुनाव लड़ते आए रमेश ध्वाला को देहरा से टिकट देने पर होशियार सिंह बगावत पर उतर आए हैं.
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इसी तरह नूरपूर के विधायक एवं वन मंत्री राकेश पठानिया को फतेहपुर भेजने का भी भारी विरोध हो रहा है. पूर्व सांसद कपाल परमार ने वहां से नामांकन कर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. किन्नौर में सूरत नेगी को टिकट देने का पूर्व विधायक तेजवंत नेगी ने विद्रोह कर चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है.

कुल्लू, बंजार, आनी की सीटों पर पार्टी में विद्रोह: आनी से विधायक किशोरी लाल का टिकट काटने को लेकर भी पार्टी में बगावत हो गई है. इसके विरोध में भाजपा के सौ अधिक पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. किशोरीलाल ने बाकायदा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. इसी तरह बंजार में भी भाजपा में घमासान मचा हुआ है. बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनको टिकट नहीं मिला. हालांकि, पहले यहां से विधायक सुरेंद्र शौरी का टिकट काटे जाने को लेकर चर्चाएं चल रही थीं लेकिन अंत में पार्टी ने उनको ही टिकट दे दिया. इससे हितेश्वर सिंह भी बगावत पर उतर आए हैं.
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महेश्वर सिंह को पार्टी ने कुल्लू से टिकट दिया है और उन्होंने बेटे को मनाने की कोशिशें की, मगर वे नहीं माने. यही नहीं कुल्लू में महेश्वर सिंह को टिकट देने को लेकर भी भाजपा का रामसिंह गुट नाराज को गया है. यहां से भाजपा के उपाध्यक्ष रामसिंह टिकट की रेस में शामिल थे, मगर उनको टिकट नहीं मिला, अब वे भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. मनाली विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक एंव मंत्री गोबिंद सिंह ठाकुर का भी विरोध हो रहा है. महेंद्र ठाकुर ने वहां से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, इसी तरह लाहौल-स्पीति से डॉ. रामलाल मारकंडा को टिकट देने को लेकर भी विरोध के स्वर उठे हैं. यहां भाजपा जनजातीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर शर्मा भी चुनाव लड़ना चाह रहे हैं.

मंडी के धर्मपुर से भाजपा के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के बेटे रजत ठाकुर को टिकट मिलने का उनकी बेटी वंदना गुलेरिया ने खुला विरोध किया है. उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि टिकट दिल्ली से मिल सकता है लेकिन वोट नहीं. चंबा में इंदिरा कपूर समर्थकों में टिकट काटे जाने से भारी नाराजगी है. उनका पार्टी ने पहले टिकट क्लीयर कर दिया था, मगर बाद में उसको बदल दिया. इसी तरह करसोग में हीरालाल का टिकट काटने से वहां उनके समर्थक भी खुश नहीं है. कई अन्य सीटों पर भी टिकट को लेकर नाराजगी सामने आ रही है.

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