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IIAS में पंकज जैन की प्रसिद्ध किताब पर परिचर्चा, अमेरिका में हिंदू-जैन योगदान के बारे में है किताब - हिमाचल प्रदेश न्यूज

कोरोना के बीच भी भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (Indian Institute of Advanced Studies) में परिचर्चा का दौर जारी है. परिचर्चा श्रृंखला में वीरवार को पुणे के फ्लेम विश्वविद्यालय में अध्यापनरत दर्शनशास्त्र एवं धार्मिक अध्ययन विभाग के प्रोफेसर पंकज जैन द्वारा लिखी गई पुस्तक 'धर्मा इन अमेरिका: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ हिंदू- जैन डाइसपोरा' के बारे में वर्चुअल चर्चा की.

Indian Institute of Advanced Studies shimla, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला
फोटो.
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Published : Jun 3, 2021, 10:37 PM IST

शिमलाः कोरोना नहीं बेशक हर क्षेत्र को प्रभावित किया हो, लेकिन कोरोना के बीच भी भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (Indian Institute of Advanced Studies) में परिचर्चा का दौर जारी है.

परिचर्चा श्रृंखला में वीरवार को पुणे के फ्लेम विश्वविद्यालय में अध्यापनरत दर्शनशास्त्र एवं धार्मिक अध्ययन विभाग के प्रोफेसर पंकज जैन द्वारा लिखी गई पुस्तक 'धर्मा इन अमेरिका: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ हिंदू- जैन डाइसपोरा' के बारे में वर्चुअल चर्चा की. अपने उद्बोधन में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर.परांजपे ने सभी प्रतिभागियों को पुस्तक के बारे में बताया.

पुस्तक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर है जानकारी

गौरतलब है कि अमेरिका में लगभग 50 लाख हिंदू व जैन रहते हैं. अमेरिका के आर्थिक और बौद्धिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. इसी के मद्देनजर प्रोफेसर पंकज जैन ने अपनी पुस्तक में हिंदू और जैन समुदाय के शिक्षा, अर्थव्यवस्था, चिकित्सा, स्वास्थ्य, आयुर्वेद, संगीत और नागरिकता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का इस पुस्तक में बखूबी प्रतिपादन किया है. इसके अलावा पिछली दो शताब्दियों में अमेरिका में हिंदुओं व जैनियों के संक्षिप्त इतिहास और वहां के जातीय और धार्मिक मुद्दों के साथ चुनौतियों को उजागर किया है.

इन विद्वानों ने लिया चर्चा में भाग

पुस्तक के लेखक प्रो. पंकज जैन, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ पेसिफिक से डॉ. अमित सरवाल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से नंदिनी भसीन, डॉ. अनिल तिवारी, डॉ. समित श्रीनिवासन, संस्थान के अध्यक्ष प्रो. माधवा हाडा प्रो. बलराम शुक्ल और डॉ. अभिषेक कुमार समेत प्रमुख विद्वानों ने इस परिचर्चा में भाग लिया.

ये भी पढ़ें- ग्रीन कवर में नंबर वन हैं हिमाचल के वन, यहां धरती में रोपा जाता है एक बूटा, बेटी के नाम

शिमलाः कोरोना नहीं बेशक हर क्षेत्र को प्रभावित किया हो, लेकिन कोरोना के बीच भी भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (Indian Institute of Advanced Studies) में परिचर्चा का दौर जारी है.

परिचर्चा श्रृंखला में वीरवार को पुणे के फ्लेम विश्वविद्यालय में अध्यापनरत दर्शनशास्त्र एवं धार्मिक अध्ययन विभाग के प्रोफेसर पंकज जैन द्वारा लिखी गई पुस्तक 'धर्मा इन अमेरिका: ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ हिंदू- जैन डाइसपोरा' के बारे में वर्चुअल चर्चा की. अपने उद्बोधन में भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर.परांजपे ने सभी प्रतिभागियों को पुस्तक के बारे में बताया.

पुस्तक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर है जानकारी

गौरतलब है कि अमेरिका में लगभग 50 लाख हिंदू व जैन रहते हैं. अमेरिका के आर्थिक और बौद्धिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है. इसी के मद्देनजर प्रोफेसर पंकज जैन ने अपनी पुस्तक में हिंदू और जैन समुदाय के शिक्षा, अर्थव्यवस्था, चिकित्सा, स्वास्थ्य, आयुर्वेद, संगीत और नागरिकता जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का इस पुस्तक में बखूबी प्रतिपादन किया है. इसके अलावा पिछली दो शताब्दियों में अमेरिका में हिंदुओं व जैनियों के संक्षिप्त इतिहास और वहां के जातीय और धार्मिक मुद्दों के साथ चुनौतियों को उजागर किया है.

इन विद्वानों ने लिया चर्चा में भाग

पुस्तक के लेखक प्रो. पंकज जैन, यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ पेसिफिक से डॉ. अमित सरवाल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से नंदिनी भसीन, डॉ. अनिल तिवारी, डॉ. समित श्रीनिवासन, संस्थान के अध्यक्ष प्रो. माधवा हाडा प्रो. बलराम शुक्ल और डॉ. अभिषेक कुमार समेत प्रमुख विद्वानों ने इस परिचर्चा में भाग लिया.

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