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Disaster Reduction Day: सीएम सुक्खू ने स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप की लॉन्च, आपदा में बेहतर कार्य करने पर विभाग और अधिकारी को किया सम्मानित

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डिजास्टर रिडक्शन डे पर आपदा में बेहतक काम करने वाले विभागों और अधिकारी को सम्मानित किया. वहीं, उन्होंने स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप कीृ भी लॉन्च किया. पढ़िए पूरी खबर...(Disaster Reduction Day) (CM Sukhu launches school safety mobile app)

Disaster Reduction Day
सीएम सुक्खू ने स्कूल सेफ्टी मोबाइल ऐप की लॉन्च
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 9:52 PM IST

शिमला: डिजास्टर रिडक्शन डे पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्कूल सेफ्टी मोबाइल एप औपचारिक तौर पर लॉन्च की है. स्कूल इस एप के माध्यम से डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करेंगे और उसी के अनुरूप मॉक ड्रिल कर सकेंगे. जिसकी उच्च स्तर पर निगरानी की जा सकेगी. जिससे स्कूलों में आपदा जागरूकता गतिविधियों की जानकारी भी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मिलेगी.

कार्यक्रम के दौरान सीएम सुक्खू ने आपदा में बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया. साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की. सीएम ने अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है. राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है. इस आपदा में हिमाचली लोगों के सहयोग और संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है.

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है. क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. उन्होंने कहा प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.

सीएम सुक्खू की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया. सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डीसी राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा और ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया.

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा से निपटने के लिए एसओपी तैयार करने को कहा. उन्होंने कहा आपदा के समय रिस्पांस टाइम भी ज्यादा था. यही नहीं आपदा के समय सैटेलाइट फोन पर संबंधित कर्मचारियों को संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे बंद पड़े हुए थे. ऐसे में इसको गंभीरता से देखना होगा.

राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सही तौर पर आपदा में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी ही सम्मानित किए जाने चाहिए. किसी भी ऐसे अधिकारी को सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए जिसका आपदा में कोई रोल न रहा है. इसके विपरीत फील्ड स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए जो कि जान जोखिम में डालकर काम करते रहे. जेसीबी और कंप्रेशर आदि के ड्राइवरों ने जान जोखिम में डालकर काम किया. इसी तरह फील्ड के जेई और अन्य कर्मचारियों को भी सम्मान मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें: World Grappling Championship 2023 में हिमाचल के 10 खिलाड़ियों का चयन, सीएम सुक्खू ने आर्थिक मदद के लिए बढ़ाए हाथ

शिमला: डिजास्टर रिडक्शन डे पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्कूल सेफ्टी मोबाइल एप औपचारिक तौर पर लॉन्च की है. स्कूल इस एप के माध्यम से डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करेंगे और उसी के अनुरूप मॉक ड्रिल कर सकेंगे. जिसकी उच्च स्तर पर निगरानी की जा सकेगी. जिससे स्कूलों में आपदा जागरूकता गतिविधियों की जानकारी भी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मिलेगी.

कार्यक्रम के दौरान सीएम सुक्खू ने आपदा में बेहतरीन कार्य करने वाले विभागों और अधिकारियों को सम्मानित किया. साथ ही संकट की इस घड़ी में प्रदेशवासियों एवं विभिन्न संगठनों के प्रयासों की भी सराहना की. सीएम ने अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों की सराहना की. उन्होंने कहा प्रभावितों की मदद में सभी ने अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया है. राज्य सरकार द्वारा राहत एवं बचाव अभियान के लिए उन्हें सभी तरह के संसाधन उपलब्ध करवाए गए. इसके अतिरिक्त स्थानीय लोगों एवं स्वयंसेवी संगठनों का भी भरपूर सहयोग मिला है. इस आपदा में हिमाचली लोगों के सहयोग और संकट का एकजुट होकर सामना करने का जीवट भी सामने आया है.

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश में बादल फटने की बढ़ती घटनाओं का अध्ययन करने की भी आवश्यकता है. क्योंकि राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ-साथ मैदानी क्षेत्रों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. उन्होंने कहा प्रदेश में सुरक्षित भवन निर्माण के दृष्टिगत विभिन्न उपायों पर चर्चा के साथ ही इन्हें अमल में लाने के लिए कड़े कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.

सीएम सुक्खू की उपस्थिति में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकॉस्टे) के मध्य एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षरित किया गया. सीबीआरआई की ओर से एसके नेगी और हिमकॉस्टे की ओर से डीसी राणा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भूकंप से भवनों की सुरक्षा और ग्रामीण हिमाचल में राज मिस्त्रियों की प्रशिक्षुता से संबंधित पुस्तक एवं मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया.

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आपदा से निपटने के लिए एसओपी तैयार करने को कहा. उन्होंने कहा आपदा के समय रिस्पांस टाइम भी ज्यादा था. यही नहीं आपदा के समय सैटेलाइट फोन पर संबंधित कर्मचारियों को संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन वे बंद पड़े हुए थे. ऐसे में इसको गंभीरता से देखना होगा.

राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सही तौर पर आपदा में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी ही सम्मानित किए जाने चाहिए. किसी भी ऐसे अधिकारी को सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए जिसका आपदा में कोई रोल न रहा है. इसके विपरीत फील्ड स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया जाना चाहिए जो कि जान जोखिम में डालकर काम करते रहे. जेसीबी और कंप्रेशर आदि के ड्राइवरों ने जान जोखिम में डालकर काम किया. इसी तरह फील्ड के जेई और अन्य कर्मचारियों को भी सम्मान मिलना चाहिए.

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