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ढली जनजातीय भवन को बनाया गया क्वारंटीन सेंटर, हेल्थ वर्कर को मिलेगी क्वारंटीन की सुविधा

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Published : Apr 20, 2021, 5:11 PM IST

कोरोना मरीजों के उपचार में शामिल हेल्थ केयर वर्कर को अब क्वारंटीन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने ढली स्थित जनजातीय भवन के 20 कमरों को क्वारंटीन सेंटर में तब्दील किया गया है.

Dhalli tribal building will be used quarantine center for health workers in shimla
जनजातीय भवन में क्वारंटीन होंगे हेल्थ वर्कर

शिमलाः कोरोना मरीजों के उपचार में शामिल हेल्थ केयर वर्कर को अब क्वारंटीन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने ढली स्थित जनजातीय भवन के 20 कमरों को क्वारंटीन सेंटर में तब्दील किया गया है.

जनजातीय भवन में क्वारंटीन होंगे हेल्थ वर्कर

शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आईजीएमसी में कोरोना मरीजों की सेवाओं में जुटे हेल्थ केयर वर्कर को जनजातीय भवन में क्वारंटीन की सुविधा मिलेगी. उपायुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के अनुरोध पर कोरोना रोगियों के उपचार में शामिल स्टाफ को क्वारंटीन करने के लिए यह सुविधा प्रदान की गई है. आदित्य नेगी ने बताया कि यह आदेश तत्काल लागू होंगे और आगामी आदेश जारी होने तक प्रभावी रहेंगे.

क्वारंटीन होने को लेकर हुआ था विवाद

आईजीएमसी में स्टाफ को क्वारंटीन होने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कर्मचारियों को सर्किट हाउस में रूकने नहीं दिया जा रहा था. उनसे 2800 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मांगे जा रहे थे. इससे उन्हें वहां रूकने में परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा था.

बता दें आईजीएमसी सुरक्षा कर्मियों को भी 10 दिनों तक कोरोना वॉर्ड में डयूटी देते हैं. इसके बाद 7 दिनों तक क्वारंटीन पर भेजा जाता है. वहीं, सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि सर्किट हाउस में काम करने वाले कर्मी उन्हें वहां ठहरने से मना करते हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने जिला प्रशासन से क्वारंटीन सेंटर की मांग की थी. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने ढली जनजातीय भवन को हेल्थ वर्कर के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाया है, ताकि हेल्थ वर्कर को सुविधा मिल सके.

ये भी पढ़ेंः ऊना में MSP पर FCI कर रहा गेहूं की खरीद, किसानों को घर-द्वार पर मिल रही सुविधा

शिमलाः कोरोना मरीजों के उपचार में शामिल हेल्थ केयर वर्कर को अब क्वारंटीन की सुविधा प्रदान की जाएगी. इसके लिए उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने ढली स्थित जनजातीय भवन के 20 कमरों को क्वारंटीन सेंटर में तब्दील किया गया है.

जनजातीय भवन में क्वारंटीन होंगे हेल्थ वर्कर

शिमला के उपायुक्त आदित्य नेगी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि आईजीएमसी में कोरोना मरीजों की सेवाओं में जुटे हेल्थ केयर वर्कर को जनजातीय भवन में क्वारंटीन की सुविधा मिलेगी. उपायुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अतिरिक्त निदेशक प्रशासन, इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के अनुरोध पर कोरोना रोगियों के उपचार में शामिल स्टाफ को क्वारंटीन करने के लिए यह सुविधा प्रदान की गई है. आदित्य नेगी ने बताया कि यह आदेश तत्काल लागू होंगे और आगामी आदेश जारी होने तक प्रभावी रहेंगे.

क्वारंटीन होने को लेकर हुआ था विवाद

आईजीएमसी में स्टाफ को क्वारंटीन होने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कर्मचारियों को सर्किट हाउस में रूकने नहीं दिया जा रहा था. उनसे 2800 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मांगे जा रहे थे. इससे उन्हें वहां रूकने में परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा था.

बता दें आईजीएमसी सुरक्षा कर्मियों को भी 10 दिनों तक कोरोना वॉर्ड में डयूटी देते हैं. इसके बाद 7 दिनों तक क्वारंटीन पर भेजा जाता है. वहीं, सुरक्षा कर्मियों का कहना है कि सर्किट हाउस में काम करने वाले कर्मी उन्हें वहां ठहरने से मना करते हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने जिला प्रशासन से क्वारंटीन सेंटर की मांग की थी. ऐसे में अब जिला प्रशासन ने ढली जनजातीय भवन को हेल्थ वर्कर के लिए क्वारंटीन सेंटर बनाया है, ताकि हेल्थ वर्कर को सुविधा मिल सके.

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