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DGP मरडी बोले- एक दूसरे की करें मदद, धार्मिक ग्रंथों से लें सीख

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Published : Apr 12, 2020, 5:46 PM IST

डीजीपी सीताराम मरडी ने कहा कि लोग रामायण और भगवद गीता में दिए गए उल्लेख को पढ़े और उससे सीख ले. उन्होंने महापुरूष पुरुष महात्मा गांधी का भी जिक्र किया कि वह ऐसे महात्मा नहीं बने बल्कि दूसरे लोगों की सेवा कर महात्मा कहलाए.

DGP Sitaram Mardi
डीजीपी सीताराम मरडी

शिमला: डीजीपी सीताराम मरडी कोरोना वायरस के इस संकट की घड़ी में प्रदेश में ना केवल कानून व्यवस्था का ध्यान रख रहे हैं, बल्कि धार्मिक ग्रंथो रामायण, गीता, महाभारत का उल्लेख कर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं.

सीताराम मरडी ने कहा कि लोग रामायण और श्रीमद् भगवद् गीता में दिए गए उल्लेख को पढ़ें और उससे सीख लें. उन्होंने महापुरुष महात्मा गांधी का भी जिक्र किया कि वह ऐसे महात्मा नहीं बने बल्कि दूसरे लोगों की सेवा कर महात्मा कहलाए.

वीडियो रिपोर्ट

उनका कहना था कि जो लोग हनुमान के भक्त हैं, उन्होंने हनुमान चालीसा में पढ़ा होगा कि 'संकट ते हनुमान छुडावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै' जिसका मतलब है कि भगवान हमें मुश्किल से बाहर निकालेंगे, लेकिन हमे एक होकर रहना चाहिए.

डीजीपी का कहना था कि लोग इस संकट की घड़ी में विश्वास रखें और मन कर्म वचन से एक दूसरे की मदद करें. उनका कहना था कि कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए.

डीजीपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जरुरतमंदों की सहायता करने का सोचते हैं तो उनकी सहायता भी करनी चाहिए. उनका कहना था की लोग पीएम राहत कोष और सीएम राहत कोष में भी दान दें जिससे जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा सके.

ये भी पढ़ें: COVID-19: हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा का प्रोडक्शन बढ़ाएगा हिमाचल

शिमला: डीजीपी सीताराम मरडी कोरोना वायरस के इस संकट की घड़ी में प्रदेश में ना केवल कानून व्यवस्था का ध्यान रख रहे हैं, बल्कि धार्मिक ग्रंथो रामायण, गीता, महाभारत का उल्लेख कर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं.

सीताराम मरडी ने कहा कि लोग रामायण और श्रीमद् भगवद् गीता में दिए गए उल्लेख को पढ़ें और उससे सीख लें. उन्होंने महापुरुष महात्मा गांधी का भी जिक्र किया कि वह ऐसे महात्मा नहीं बने बल्कि दूसरे लोगों की सेवा कर महात्मा कहलाए.

वीडियो रिपोर्ट

उनका कहना था कि जो लोग हनुमान के भक्त हैं, उन्होंने हनुमान चालीसा में पढ़ा होगा कि 'संकट ते हनुमान छुडावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै' जिसका मतलब है कि भगवान हमें मुश्किल से बाहर निकालेंगे, लेकिन हमे एक होकर रहना चाहिए.

डीजीपी का कहना था कि लोग इस संकट की घड़ी में विश्वास रखें और मन कर्म वचन से एक दूसरे की मदद करें. उनका कहना था कि कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए.

डीजीपी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जरुरतमंदों की सहायता करने का सोचते हैं तो उनकी सहायता भी करनी चाहिए. उनका कहना था की लोग पीएम राहत कोष और सीएम राहत कोष में भी दान दें जिससे जरूरतमंद लोगों की सहायता की जा सके.

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