शिमला: कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने पूर्व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनाव क्षेत्र में हॉर्टिकल्चर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पर ताला जड़ दिया है. महेंद्र सिंह ठाकुर ने अगस्त में इस दफ्तर को खोला था. इसका हेड डिप्टी डायरेक्टर था, इसके साथ ही मंडी जिले में डिप्टी डायरेक्टर के 2-2 दफ्तर हो गए थे ,जबकि बाकी जिलों में केवल 1-1 दफ्तर ही है. इस दफ्तर को अगस्त माह में खोला गया था. (Deputy director office closed in Dharampur)
12 दिसंबर को लिया था समीक्षा का फैसला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने बीते 12 दिसंबर को पूर्व जयराम सरकार के अप्रैल माह के बाद लिए गए फैसलों की समीक्षा करने का फैसला किया था और इसके बाद बागवानी विभाग ने इस दफ्तर पर ताला जड़ दिया है. इस दफ्तर में तैनात स्टाफ को बागवानी विभाग ने अंपने शिमला निदेशालय ट्रांसफर कर दिया है. (Sukhvinder government closed 32 offices)
32 दफ्तरों को बंद किया: कांग्रेस सरकार के काम संभालने के पहले दिन दिए आदेशों के अनुसार जयराम सरकार के दौरान खुले सरकारी दफ्तरों को बंद करने की कार्रवाई शुरू हो गई है, बिजली बोर्ड में ऐसे 32 दफ्तर बंद कर दिए गए जो बीते 6 माह में खोले गए थे. बागवानी विभाग में सबसे पहली कार्रवाई पूर्व बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर के चुनाव क्षैत्र में हुई है, उनके चुनाव क्षेत्र के धर्मपुर में खोले गए बागवानी विभाग के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस डिप्टी डायरेक्टर दफ्तर को डिनोटिफाई कर दिया गया है. यह आदेश बागवानी सचिव की ओर से जारी हुए हैं.
27 अगस्त को हुई थी अधिसूचना जारी: पूर्व जयराम सरकार के कार्यकाल में कैबिनेट ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के इस दफ्तर को खोलने का फैसला किया था. इसकी अधिसूचना 27 अगस्त 2022 को हुई थी और बागवानी विभाग ने फुर्ती दिखाते हुए यहां अगस्त महीने में कर्मचारी भी तैनात कर दिए. इस दफ्तर के खुलने के बाद मंडी जिले में दो डिप्टी डायरेक्टर हो गए थे, जबकि बाकी सभी जिलों में एक-एक डिप्टी डायरेक्टर ही है. लेकिन सरकार के ताजा आदेशों के बाद इस दफ्तर को डिनोटिफाई कर दिया गया है. यहां तैनात किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों को बागवानी निदेशालय शिमला ट्रांसफर कर दिया गया है. अगले आदेशों तक ये शिमला में ही सेवाएं देंगे.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पदभार संभालने के पहले दिन ही 12 दिसंबर को पूर्व सरकार के दौरान बिना बजट के खोले गए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेश दिए थे. सभी विभागों को इस प्रकार के दफ्तरों की पहचान करने का कहा गया था. सभी विभागों ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि इस पर सरकार को ही अंतिम फैसला करना है.