शिमला: राजकीय दंत चिकित्सा कॉलेज शिमला के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर एवं एचओडी डॉ. विनय भारद्वाज अंतराष्ट्रीय मुख एवं दंत्त स्वास्थ्य सम्मेलन में अस्थमा रोग का मसूड़ों व स्वास्थ्य संबंध के विषय में जानकारी देंगे. जानकारी अनुसार कोरोना को देखते हुए यह ऑनलाइन तरीके से किया गया.
डॉ. विनय ने किया शोध
गौर रहे कि सम्मेलन के मुख्य आयोजक व प्रबंधक डॉक्टर लॉरेन विलियम्स ने डॉ. विनय भारद्वाज को आमंत्रित किया है. यह सम्मेलन यूएसए की दंत स्वास्थ्य परिषद की ओर से आयोजित किया जा रहा है. इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से यह शोध किया गया कि दमा का मसूढ़ों और स्वास्थ्य से क्या संबंध है. इस शोध में डॉ. विनय ने 100 व्यस्क लोगों, जिसमें 50 स्वस्थ व्यक्तियों और 50 अस्थमा से पीडित लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य मानकों पर जांचा.
45 प्रतिशत अस्थमा के मरीज दातों के रोग से पीड़ित
इस दौरान मसूढ़ों में होने वाली सूजन के विभिन्न पहलुओंं को मापा गया. इसमें यह निष्कर्ष निकला कि अस्थमा के रोगियों में मसूढ़ों में विकार पैदा करने वाले जीवाणु अधिक तेजी से असर करते हैं. स्वस्थ व्यक्तियों में दमा से पीड़ित व्यक्तियों की अपेक्षा कम सूजन थी. अस्थमा से पीड़ित मरीज 45 प्रतिशत तक अधिक मसूड़ों की बीमारियों से ग्रसित थे.
बच्चों में 54 प्रतिशत से ज्यादा दंत रोग
दूसरे शोध विषय की कड़ी में 100 स्वस्थ और 100 दमा से पीड़ित 2 बच्चों में दंत क्षय रोग को मापा गया. अस्थमा पीड़ित बच्चों में दंत क्षय रोग 54 प्रतिशत से ज्यादा आंका गया. इसका कारण अच्छी तरह से ब्रश व कुल्ला न करना और सीरप के रूप में दी जाने वाली दवाइयों का दांतो के ऊपर चिपककर सड़न पैदा करना था.
दातों का खास ध्यान रखें
डॉक्टर विनय भारद्वाज ने अस्थमा से पीड़ित लोगों को दांत, मसूड़ों व मुख के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सलाह दी. उन्होंने कहा कि वह दो मिनट सुबह और शाम दो मिनट तक हल्के स्ट्रोक के साथ ब्रश करें. बच्चें जब भी दवाई लें तो ब्रश करें अगर ब्रश न करें तो कुरला जरूर करें. कोई दांतों व मुंह के रोग से संबंधित लक्षण हो तो प्रशिक्षित दंत चिकित्सक से उपचार करवाएं.