ETV Bharat / state

कनलोग मोक्ष धाम में जलाए गए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के अस्तु ले जा रहे हैं परिजन, पहले था डर - himachal pradesh news

कोरोना के पहले स्ट्रेन के बीच हिमाचल में काफी लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई. जिन लोगों की मृत्यु इस वायरस से हुई उनके परिजनों को उनके शवों का अंतिम संस्कार तक करने का मौका नहीं मिला. शव के जलने के बाद उनके अस्तु भी मोक्ष धाम की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की ओर से ही एकत्र किए जाते थे. जिन लोगों की कोविड की वजह से मौत हुई उनके परिजन तक उनके शवों के पास जाने से घबराते थे.

Kanalog Moksha Dham Shimla News, कनलोग मोक्ष धाम शिमला न्यूज
फोटो.
author img

By

Published : Mar 20, 2021, 7:20 PM IST

शिमला: कोरोना संक्रमण को फैले हुए पूरा एक साल हो गया है. कोरोना के पहले स्ट्रेन के बीच हिमाचल में काफी लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई.जिन लोगों की मृत्यु इस वायरस से हुई उनके परिजनों को उनके शवों का अंतिम संस्कार तक करने का मौका नहीं मिला.

इन लोगों ने से अधिकतर लोगों के शव शिमला के कनलोग स्थित मोक्ष धाम में जलाए गए. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से कोरोना के गंभीर मरीज भी आईजीएमसी आए जाते थे, इनमें से जिन लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई उनका अंतिम संस्कार भी वहीं किया गया. कनलोग मोक्ष धाम में 260 से अधिक कोरोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

वीडियो.

शवों के पास जाने से घबराते थे परिजन

मोक्ष धाम में सूद सभा की ओर से रखे गए कर्मचारियों ने भी अपनी अहम भूमिका इस कार्य में निभाई. परिजनों को शव सुपुर्द नहीं किए जाते थे और ना ही उन्हें अंतिम संस्कार से जुड़ी किसी विधि को करने का अवसर मिल पाता था. जिसकी वजह से शव के जलने के बाद उनके अस्तु भी मोक्ष धाम की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की ओर से ही एकत्र किए जाते थे.

जिन लोगों की कोविड की वजह से मौत हुई उनके परिजन तक उनके शवों के पास जाने से घबराते थे. यही वजह भी रही की कनलोग मोक्ष धाम में कोरोना पॉजिटिव अपने अपनों के अस्तु तक लेने के लिए परिजन मोक्ष धाम नहीं आए.

परिजनों ने अपनों की अस्थियां कनलोग से ली हैं

काफी लंबे समय तक यह अस्तु मोक्ष धाम में पड़े-पड़े परिजनों की राह ताकते रहे और गंगा जी में मुक्ति का इंतजार करते रहे, लेकिन परिजन डर के मारे यह अस्तु लेने के लिए तैयार ही नहीं हुए, लेकिन जब ईटीवी भारत ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया तो उसके बाद परिजनों ने अपनों की अस्थियां कनलोग से ली हैं.

अब राहत भरी बात यह है कि कोविड ने जिन लोगों को मौत दी उनके परिजनों के हाथों से उन्हें अग्नि भले ही नसीब ना हो पाई लेकिन उनके अस्थियों का विसर्जन उनके अपनों के हाथों से हो पाया है ओर अब एक भी अस्थि कलश कनलोग में ऐसा नहीं जिसे मोक्ष के लिए अभी भी अपने परिजनों के आने का इंतजार हो.

'जानकारी का आभाव था'

सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने बताया कि कनलोग मोक्ष धाम में 260 से भी अधिक कोरोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. इन सभी के अस्तु भी उनके परिजनों की ओर से यहां से एकत्र किए जा चुके है. पहले परिजनों में डर और जानकारी का आभाव था. जिसकी वजह से वह अस्तु यहां से नहीं ले जा रहे थे, लेकिन जब उन्हें इस बारे में जागरूक किया गया तो वह अपने अपनों की अस्थियां लेने के लिए मोक्षधाम पहुंचे और उन्हें गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा को पूरा किया गया.

ये भी पढ़ें- गग्गल हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान Flight से टकराया पक्षी, बड़ा हादसा टला

शिमला: कोरोना संक्रमण को फैले हुए पूरा एक साल हो गया है. कोरोना के पहले स्ट्रेन के बीच हिमाचल में काफी लोगों की मौत इस वायरस की वजह से हुई.जिन लोगों की मृत्यु इस वायरस से हुई उनके परिजनों को उनके शवों का अंतिम संस्कार तक करने का मौका नहीं मिला.

इन लोगों ने से अधिकतर लोगों के शव शिमला के कनलोग स्थित मोक्ष धाम में जलाए गए. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से कोरोना के गंभीर मरीज भी आईजीएमसी आए जाते थे, इनमें से जिन लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई उनका अंतिम संस्कार भी वहीं किया गया. कनलोग मोक्ष धाम में 260 से अधिक कोरोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया गया.

वीडियो.

शवों के पास जाने से घबराते थे परिजन

मोक्ष धाम में सूद सभा की ओर से रखे गए कर्मचारियों ने भी अपनी अहम भूमिका इस कार्य में निभाई. परिजनों को शव सुपुर्द नहीं किए जाते थे और ना ही उन्हें अंतिम संस्कार से जुड़ी किसी विधि को करने का अवसर मिल पाता था. जिसकी वजह से शव के जलने के बाद उनके अस्तु भी मोक्ष धाम की देखरेख करने वाले कर्मचारियों की ओर से ही एकत्र किए जाते थे.

जिन लोगों की कोविड की वजह से मौत हुई उनके परिजन तक उनके शवों के पास जाने से घबराते थे. यही वजह भी रही की कनलोग मोक्ष धाम में कोरोना पॉजिटिव अपने अपनों के अस्तु तक लेने के लिए परिजन मोक्ष धाम नहीं आए.

परिजनों ने अपनों की अस्थियां कनलोग से ली हैं

काफी लंबे समय तक यह अस्तु मोक्ष धाम में पड़े-पड़े परिजनों की राह ताकते रहे और गंगा जी में मुक्ति का इंतजार करते रहे, लेकिन परिजन डर के मारे यह अस्तु लेने के लिए तैयार ही नहीं हुए, लेकिन जब ईटीवी भारत ने इस मामले को प्रमुखता से उठाया तो उसके बाद परिजनों ने अपनों की अस्थियां कनलोग से ली हैं.

अब राहत भरी बात यह है कि कोविड ने जिन लोगों को मौत दी उनके परिजनों के हाथों से उन्हें अग्नि भले ही नसीब ना हो पाई लेकिन उनके अस्थियों का विसर्जन उनके अपनों के हाथों से हो पाया है ओर अब एक भी अस्थि कलश कनलोग में ऐसा नहीं जिसे मोक्ष के लिए अभी भी अपने परिजनों के आने का इंतजार हो.

'जानकारी का आभाव था'

सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने बताया कि कनलोग मोक्ष धाम में 260 से भी अधिक कोरोना पॉजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया गया है. इन सभी के अस्तु भी उनके परिजनों की ओर से यहां से एकत्र किए जा चुके है. पहले परिजनों में डर और जानकारी का आभाव था. जिसकी वजह से वह अस्तु यहां से नहीं ले जा रहे थे, लेकिन जब उन्हें इस बारे में जागरूक किया गया तो वह अपने अपनों की अस्थियां लेने के लिए मोक्षधाम पहुंचे और उन्हें गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा को पूरा किया गया.

ये भी पढ़ें- गग्गल हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान Flight से टकराया पक्षी, बड़ा हादसा टला

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.