शिमला: दिल्ली निजामुद्दीन मरकज और हिमाचल के ऊना में कोरोना के तीन मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है. शुक्रवार को उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने शिमला जिला के सभी धर्म के प्रतिनिधियों से बैठक की.
बैठक में मुस्लिम, ईसाई, सिख और हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में उपायुक्त ने सभी धर्मों के प्रतिनिधियों से बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया. खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से निजामुद्दीन मरकज से लौटे लोगों की सूचि देने के साथ ही धार्मिक स्थलों पर भी सोशल डिस्टेंस बनाने की अपील भी की.
बैठक में भी सोशल डिस्टेंस नजर आया. सभी प्रतिनिधियों को दूरी बना कर बैठाया गया. जिला उपायुक्त अमित कश्यप ने कहा कि महजब कोरोना को छुपाना नही सिखाता. उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म के लोगों को बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी को छुपाने के बजाय खुद आगे आकर उनके बारे में जानकारी देनी चाहिए. उन्होंने कोरोना बीमारी को लेकर ऐहतिहात बरतने को कहा है.
वहीं, बालूगंज मदरसा के प्रमुख मुमताज एहमद कासमी ने कहा कि समुदाय सरकार के साथ खड़ा है और सरकार के निर्देश का पालन किया जा रहा है. उन्होंने दिल्ली मरकज से लौटे लोगों को अपनी जानकारी प्रशासन को देने की अपील भी की.
सिंह सभा के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि बैठक में गुरुद्वारों में लंगर बनाने के समय एहतिहात बरतने को कहा गया है. इसको लेकर पहले ही गुरुद्वारों में एहतियात बरती जा रही है.
बता दें कि ऊना में जमात के लोगो मे कोरोना के लक्षण मिलने के बाद शिमला जिला प्रशासन सतर्क हो गया है और जिला में निजामुद्दीन से कोई भी व्यक्ति नही लौटा है. उसके लिए जानकारी जुटा रहे है. इसके साथ ही लोगों से भी जानकारी की अपील की जा रहा है.
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