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सेब मंडी में डार्करबेरोन गाला ने बटोरे नोट, बाजार में मांग बढ़ने से बागवान हुए खुश - डार्करबेरोन गाला ने बागवानों को अच्छे दाम दिलाए

प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ-साथ विदेशों से लाया सेब खूब बिक रहा है और इसके साथ ही डार्करबेरोन गाला ने बागवानों को अच्छे दाम दिलाए और उनकी मेहनत सफल की.

darkbaron gained best rate
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Published : Aug 22, 2019, 3:56 PM IST

शिमलाः हिमाचल के बागवानों सेब इन दिनों मण्डियों में खूब नोट कमा रह है. प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ-साथ विदेशों से लाया सेब इन दिनों मण्डियों में हाथों हाथ बिक रहा रहा है, जिससे प्रदेश के बागवानों को अच्छी आमदनी मिल रही है.

बता दें कि विदेशी सेब की एक ऐसी किस्म डार्ककबेरोन गाला ढली मंडी में हाथों-हाथ बिक गयी जिसे कोटखाई के युवा बागवान ने इस वैरायटी पर कड़ी मेहनत कर तैयार किया था.

shimla
डार्करबेरोन गाला सेब

जानकारी के अनुसार ढली मंडी में सेब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिका यानि 10 किलो की ये पैकिंग मंडी में 200 रुपये बिकी जो अपने आप में एक बड़ी सफलता है. इस वैरायटी की अगर बड़ी पैकिंग की बात की जाए तो ये पेटी 4 हजार में बिकती है.

शिमलाः हिमाचल के बागवानों सेब इन दिनों मण्डियों में खूब नोट कमा रह है. प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ-साथ विदेशों से लाया सेब इन दिनों मण्डियों में हाथों हाथ बिक रहा रहा है, जिससे प्रदेश के बागवानों को अच्छी आमदनी मिल रही है.

बता दें कि विदेशी सेब की एक ऐसी किस्म डार्ककबेरोन गाला ढली मंडी में हाथों-हाथ बिक गयी जिसे कोटखाई के युवा बागवान ने इस वैरायटी पर कड़ी मेहनत कर तैयार किया था.

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डार्करबेरोन गाला सेब

जानकारी के अनुसार ढली मंडी में सेब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिका यानि 10 किलो की ये पैकिंग मंडी में 200 रुपये बिकी जो अपने आप में एक बड़ी सफलता है. इस वैरायटी की अगर बड़ी पैकिंग की बात की जाए तो ये पेटी 4 हजार में बिकती है.

Intro:हिमाचल के सेब इन दिनों मण्डियों में खूब नोट कम रह है।प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ साथ विदेशों से लाया सेब इन दीनी मण्डियों में हाथों हाथ बिक रहा रहा है जिससे प्रदेश के बागवानों को अच्छी आमदनी मिल रही है ।विदेशी सेब की एज ऐसी किस्म डार्ककबेरोन गाला ढली मंडी में हाथों हाथ बिक गयी कोटखाई क्यारी गांव के युवा बागवान अवनीश चौहान ने इस वैरायटी पर कड़ी मेहनत कर अच्छे पैसे कमाए है ।ढली मंडी में ये सब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिका यानी 10 किलो की ये पेकिंग मंडी में 200 रुपये बिकी जो अपने आप मे एक बड़ी सफलत है इस वैरायटी की अगर पूरी पेटी की बात की जाए तो ये पेटी 4 हजार में बिकती है।युवा बागवान अवनीश चौहान ने ढली मंडी में इसके 5 बॉक्स लाये ओर 10 हजार की अच्छी कमाई की ये अभी बाजार में इसकी दस्तक मात्र से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं।Body:हिमाचल के सेब इन दिनों मण्डियों में खूब नोट कम रह है।प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ साथ विदेशों से लाया सेब इन दीनी मण्डियों में हाथों हाथ बिक रहा रहा है जिससे प्रदेश के बागवानों को अच्छी आमदनी मिल रही है ।विदेशी सेब की एज ऐसी किस्म डार्ककबेरोन ढली मंडी में हाथों हाथ बिक गयी कोटखाई क्यारी गांव के युवा बागवान अवनीश चौहान ने इस वैरायटी पर कड़ी मेहनत कर अच्छे पैसे कमाए है ।ढली मंडी में ये सब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिका यानी 10 किलो की ये पेकिंग मंडी में 200 रुपये बिकी जो अपने आप मे एक बड़ी सफलत है इस वैरायटी की अगर पूरी पेटी की बात की जाए तो ये पेटी 4 हजार में बिकती है।युवा बागवान अवनीश चौहान ने ढली मंडी में इसके 5 बॉक्स लाये ओर 10 हजार की अच्छी कमाई की ये अभी बाजार में इसकी दस्तक मात्र से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं।Conclusion:हिमाचल के सेब इन दिनों मण्डियों में खूब नोट कम रह है।प्रदेश में देसी वैरायटी के साथ साथ विदेशों से लाया सेब इन दीनी मण्डियों में हाथों हाथ बिक रहा रहा है जिससे प्रदेश के बागवानों को अच्छी आमदनी मिल रही है ।विदेशी सेब की एज ऐसी किस्म डार्ककबेरोन ढली मंडी में हाथों हाथ बिक गयी कोटखाई क्यारी गांव के युवा बागवान अवनीश चौहान ने इस वैरायटी पर कड़ी मेहनत कर अच्छे पैसे कमाए है ।ढली मंडी में ये सब 200 रुपये किलो के हिसाब से बिका यानी 10 किलो की ये पेकिंग मंडी में 200 रुपये बिकी जो अपने आप मे एक बड़ी सफलत है इस वैरायटी की अगर पूरी पेटी की बात की जाए तो ये पेटी 4 हजार में बिकती है।युवा बागवान अवनीश चौहान ने ढली मंडी में इसके 5 बॉक्स लाये ओर 10 हजार की अच्छी कमाई की ये अभी बाजार में इसकी दस्तक मात्र से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं।
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