चौपाल/ शिमलाः जिला के चौपाल विकास खंड के झिकनीपुल गांव के हजारों ग्रामीण महज एक पुल के लिए तरस रहे हैं. झिकनीपुल का नारटी नाला हजारों ग्रामीणों की परेशानी का सबब बना हुआ है. मगर इसकी सुध लेने को कोई भी तैयार नहीं हैं.
ग्रामीणों ने लगाए आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि वोट मांगने के लिए जो भी नेता इस रास्ते से आते-जाते हैं. चुनाव जीतने के बाद वही नेता पुल निर्माण की राशि को चट कर जाते हैं, जिसके चलते पुल का काम सिर्फ कागजों में ही निपटा दिया जाता है. यहां पर हालात ऐसे है कि पुल में लगे अधिकांश लोहे के एंगल टूट कर गिर चुके हैं, पुल का बचा हुआ कुछ हिस्सा किसी काम का नहीं है. बमटा, देवत, पोड़िया, रुसलाह, झिकनीपुल, माटल आदि पंचायतों के लोगों को आपस में जोड़ने वाला ये पुल अब एक सड़ी हुई लकड़ी के सहारे पर टिका हुआ हैं.
ग्रामीणों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सैकड़ों बच्चों को स्कूल भेजने में उनके अविभावकों को भी डर सताता है. बरसात में तो नारटी नाला अक्सर अपने रौद्र रूप में होता है ऐसे में ये पुल कहीं टूट कर गिर न जाए इसी डर से स्कूली बच्चों की छुट्टी तक करनी पड़ती है. पंचायती राज, विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में हर किसी को यहां से वोट चाहिए. मगर इन लोगों के लिए एक सुरक्षित पुल बनवा पाए इतना वक्त शायद किसी के पास नहीं है. हालात से मजबूर और लाचार ग्रामीणों ने अब सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
सरकार के विकास के दावों की निकली हवा
सरकार अक्सर विकास के बड़े-बड़े दावे करती नहीं थकती है मगर जब ऐसी तस्वीरें सामने आती है तो उन सभी दावों की हवा निकल जाती है. चौपाल विधानसभा क्षेत्र की ये तस्वीरें जयराम सरकार को ग्रामीणों का दर्द और सरकारी तंत्र की कथित मुस्तैदी दिखाने के लिए शायद काफी है. उम्मीद है कि ये तस्वीरें देखने के बाद सरकार के आलाधिकारियों की कुंभकर्णी नींद भी टूट जाएगी और झिकनीपुल में ग्रामीणों को जल्द ही एक सुरक्षित पुल मिल जाएगा.