शिमला: धर्म गुरु दलाईलामा के नोबल पुरस्कार प्राप्ति की आज 30वीं वर्षगांठ है. इस वर्षगांठ को तिब्बती समुदाय ने बड़ी ही धूमधाम से प्रदेश भर में मनाया. इस अवसर पर तिब्बती समुदाय ने प्रदेश भर में कार्यक्रम आयोजित किए. इसी कड़ी में राजधानी शिमला में भी तिब्बती समुदाय ने जश्न मनाया और राजधानी में मिठाई बांटी.
शिमला के मॉल रोड पर रीजनल तिब्बतन महिला एसोसिएशन ने दलाई लामा की पूजा अर्चना की और उनकी लंबी आयु की कामना की, जिसके बाद शहर में लोगों को मिठाई बांटी गई.
तिब्बतन महिला एसोसिएशन की अध्यक्ष केलसंग यांग्चग ने कहा कि धर्मगुरु दलाईलामा को 10 दिसंबर 1989 को शांति नोबल पुरस्कार से नवाजा गया था. दलाईलामा को नोबल पुरस्कार से नवाजा जाना बड़े गर्व की बात है. इस खुशी को तिब्बती समुदाय हर साल भारतीयों के साथ मानते हैं.
केलसंग यांग्चग ने कहा कि आज नोबल पुरुस्कार की 30 वीं वर्षगांठ है जिसे हम मना रहे है. उन्होंने कहा की शरणार्थी होते हुए भी भारत में उन्हें पूरा सम्मान दिया जा रहा है. साथ ही शरणार्थी होने के बाद भी धर्म गुरु दलाईलाम को नोबल पुरस्कार दिया गया जो कि गर्व की बात है.
इस खुशी को आज तिब्बती समुदाय भारत के वासियों के साथ मिल कर मना रहे है. इस उपलक्ष्य में जहां बीते वर्षों की तरह ही शिमला तिब्बती स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया तो वहीं शिमला के मॉलरोड पर लोगों को मिठाई बांट कर खुशी मनाई जा रही है.
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