शिमला: हिमाचल में 31 मई तक कर्फ्यू व लॉकडाउन जारी रहेगा. इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से कर्फ्यू व लॉकडाउन में कोई और रियायत नहीं दी गई है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट को प्रदेश में बहाल करने का का निर्णय भी कैबिनेट बैठक तक टलता नजर आ रहा है. प्रदेश सरकार सभी व्यवसायिक गतिविधियों को शुरू के मूड में है. उद्योगों को शुरू करवाने पर सरकार लगातार उद्योगपतियों के संपर्क कर रही है. सरकार की ओर से कर्फ्यू छूट का समय सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किया जा सकता है. फिलहाल प्रदेश में कोई भी जिला व क्षेत्र रेड जोन में नहीं है. ऐसे में सरकार व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश कर रही है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ‘आत्म निर्भार भारत’ के बारे में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कोविड-19 ने देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां प्रस्तुत की हैं, लेकिन इसके साथ-साथ विकास परियोजनाओं के नियोजन व पुनर्विचार के लिए भी चुनौतियां दी हैं. यह समय चुनौतियों को अवसरों में बदलने का है. चुनौतियों को अवसर में बदलने से बेहतर भविष्य बनाने का निर्माण होता हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से घोषित आर्थिक सुधार पैकेज इस दिशा में एक नया कदम होने के अलावा स्वयं आत्मनिर्भर बनने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि कोविड के बाद की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हो सकता है, लेकिन उपलब्ध संभावित क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि इस समय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से घोषित पैकेज समाज के कमजोर वर्गों, मध्यम, छोटे, सूक्ष्म उद्योगों, उद्यमियों, मजदूरों और आम लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा.
राज्य का औद्योगिक क्षेत्र होगा काफी लाभान्वित
सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घोषित 50 हजार करोड़ रुपये से मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) के लिए आवश्यक धन (तरलता) की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी. उन्होंने कहा कि इस श्रेणी राज्य की 55,000 औद्योगिक इकाइयों में से 98 प्रतिशत से अधिक आती हैं, जिस कारण इस घोषणा से राज्य का औद्योगिक क्षेत्र काफी लाभान्वित होगें. उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी इकाइयां मध्यम स्तर की श्रेणी में भी हैं, जिस कारण वे राज्य और केंद्र के एमएसएमई लाभों के लिए पात्र होंगी. उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में कारगर साबित होगा.
2 लाख उद्यमों को प्रदान की जाएगी सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये को सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के लिए दिया गया है, जिसके तहत 2 लाख उद्यमों को क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाकर सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मटर, पारंपरिक बाजरा, अदरक, लहसुन, दालें, हल्दी, लाल चावल आदि उगाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा, जिससे प्रदेश को इस परियोजना के तहत केंद्र से पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सके.
6 महीने के लिए मिलेगा ईपीएफ से संबंधित लाभ
जयराम ठाकुर ने कहा कि आर्थिक पैकेज से एमएसएमई क्षेत्र, पर्यटन, श्रम कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आवास क्षेत्र, प्रवासी मजदूरों, रोजगार सृजन और कृषि, बागवानी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आम लोगों की समस्याओं को कम करने और सुलझाने के लिए भी कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 850 से 1500 की सीमा में पात्र व्यक्तियों को 217 करोड़ रुपये अग्रिम सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में जारी किए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 5.69 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पहले से घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ईपीएफ से संबंधित लाभ प्रदान किया जाना था, जो पहले 3 महीने के लिए तय किया गया था और अब 6 महीने के लिए प्रदान किया जाएगा.
कृषि विभाग तैयार करें कार्य योजना:
जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए घोषित 1.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग प्रशासनिक सुधार और सुशासन के अलावा अन्य प्रणालियों की आपूर्ति श्रृंखला, भंडारण और स्थापना पर केंद्रित होगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी फलों और सब्जी उत्पादकों के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को टमाटर, प्याज और आलू के अलावा फलों और सब्जियों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी मूल्य श्रृंखला बनाई जानी चाहिए.