शिमला: कोरोना वायरस को लेकर प्रदेशभर में कर्फ्यू लगाया गया है. कोरोना को लेकर सरकार कई तरीकों से जागरूकता अभियान चला रही है. कोविड-19 से बचने के लिए विज्ञापन जारी किए जा रहे हैं. कर्फ्यू पास बनवाने के लिए सरकार ने लोगों को हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन सुविधा दी है, लेकिन हेल्पलाइन नंबर और ऑनलाइन माध्यम से पास बनाने की सुविधा आम आदमी की पहुंच से काफी दूर दिख रही है.
लोगों का आरोप है कि रसूखदारों और जान-पहचान वालों के ही पास बन रहे हैं. आम लोग पास के लिए आवेदन तो कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. कई लोग इमरजेंसी में घर जाने के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन एक सप्ताह तक कोई जवाब नहीं मिल रहा है.
वहीं, पास बनवाने के लिए लोग उपायुक्त कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां पर भी उन्हें गेट के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. बुधवार को भी कई लोग पास बनवाने के लिए उपायुक्त कार्यालय में सुबह दस से एक बजे तक बाहर खड़े रहे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया.
शिमला विश्वविधायल में पढ़ाई कर रहे अंकुश का कहना है कि वे मंडी के सरकाघाट के रहने वाले है और उन्हें ब्रेन सर्वाइकल की प्रॉब्लम है. पिछले कई दिनों से प्रशासन द्वारा जारी नंबर पर कर्फ्यू पास के लिए अप्लाई किया, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
वहीं, मंडी के विजय कुमार 21 दिन से शिमला में फंसे हुए हैं. वो अपनी बेटी का इलाज करवाने के लिए शिमला आए थे, लेकिन कर्फ्यू के बाद वे घर नहीं जा पाए. उनका कहना है कि प्रशासन से भी कोई मदद नहीं मिल पा रही है.
वहीं, अंकुश का कहना है कि सरकार ने आपातकाल में लोगों को पास बनवाने की सुविधा दी है, लेकिन यहां रसूखदारों और जान पहचान वालों के ही पास बनते है. आम आदमी ऑनलाइन पास आवेदन कर रहे हैं, लेकिन वहां कोई जवाब नही मिलता है.
बता दें कि प्रशासन ने कर्फ्यू की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1077 जारी किया है और 7076550853 नंबर पर पास बनवाने की सुविधा दी है. इसके अलावा वेबसाइट covidepass.hp.govt.in पर ऑनलाइन आवेदन कर पास बनवाने के दावे प्रशासन ने किए है, लेकिन वास्तव में आम लोगों को पास बनवाने के लिए डीसी ऑफिस के ही चक्कर काटने पड़ रहे है.