शिमला: आईजीएमसी शिमला प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक है. प्रदेशभर से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं. वहीं, इन दिनों आईजीएमसी शिमला में मरीज सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बाबजूद भी यहां मरीजों को सीटी स्कैन तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है. बता दें कि बीते बुधवार दोपहर बाद अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन अचानक खराब हो गई थी, जिससे परेशान मरीजों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि ऐसा यहां पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी सीटी स्कैन मशीन कई बार खराब हुई है. लेकिन न तो सरकार और न ही विभाग ने यहां नई मशीन स्थापित करने की जहमत उठाई.
अस्पताल में सिर्फ एक ही सीटी स्कैन मशीन: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में सरकार द्वारा सभी सुविधाएं मुहैया करवाने के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेशभर से सैंकड़ों मरीज अस्पताल में एक मशीन के सहारे हैं. मशीन के खराब होने से मरीजों को दिक्कतें पेश आ रही हैं. बता दें की यहां प्रदेशभर के सैंकड़ों मरीज अपना इलाज करवाने आते हैं, ऐसे में अस्पताल में सिर्फ एक ही सीटी स्कैन मशीन का होना सरकार की स्वास्थ्य प्रणाली पर सवाल खड़े करता है. अस्पताल में रखी सीटी स्कैन मशीन काफी ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं और बार-बार खराब भी हो जाती हैं. कभी मशीन के पार्ट खराब हो जाते हैं तो कभी मशीन ज्यादा गर्म हो जाने पर बंद हो जाती है. अस्पताल प्रशासन के अनुसार जितनी मशीन की लागत है, उससे ज्यादा खर्चा इसकी मरम्मत पर आ चुका है.
तमीरदार भी हो रहे परेशान: अपने साथ मरीज का सीटी स्कैन करवाने आईजीएमसी पहुंचे मशोबरा के पूर्णचंद ने कहा कि यहां पर मरीज को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि वह जब मरीज का सीटी स्कैन करवाने गए तो मशीन खराब हो गई. घंटों इंतजार के बाद भी मशीन ठीक नहीं हुई. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान दें और एक नई सीटी स्कैन मशीन यहां स्थापित की जाए, ताकि लोगों को सुविधा मिल सके और उन्हें दर-दर न भटकना पड़े. वहीं, अगर समय रहते प्रशासन और सरकार ने सही कदम नहीं उठाए तो मुश्किलें और ज्यादा बढ़ सकती हैं. आईजीएमसी में रोजाना करीब 2500 से 3 हजार तक ओपीडी मरीज आते हैं.
MRI करवाने को दी जा रही लंबी डेट: वहीं, अस्पताल में एमआरआई करवाने वाले मरीजों की हालत भी कुछ ऐसी ही है. आईजीएमसी में एमआरआई करवाने के लिए भी मरीजों को लंबी डेट दी जा रही है. कुछ मरीजों को तो 2 या 3 महीनें लंबी डेट दी जा रही है. मरीज इनते ज्यादा परेशान हो चुके हैं कि आधे मरीज तो बीना इलाज करवाए ही वापस घर की ओर जाना चाहते हैं. सबसे ज्यादा समय मरीजों का टेस्ट करवाने के लिए ही लगता है. आईजीएमसी के एमएस डॉ. राहुल राव ने बताया कि अस्पताल में मशीनें खराब नहीं है. कई बार मशीन ज्यादा गर्म होने पर बंद हो जाती हैं. इसके बारे में जरुरी कदम उठाए जाएंगे और मरीजों को आईजीएमसी में दिक्कतें नहीं आने दी जाएगी.
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