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बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने बढ़ाई बागवानों की मुश्किलें, करीब 254.3 करोड़ रुपये का नुकसान

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Published : Jun 1, 2021, 7:21 AM IST

हिमाचल प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते बागवानों को 254.3 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. हालांकि अभी करीब 4 जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है.

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फोेटो

शिमला: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. ओलावृष्टि और भारी बारिश के चलते बागवानों को 254.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बारिश और बर्फबारी से करीब 6.5 लाख बागवानों को नुकसान झेलना पड़ा है. हालांकि अभी करीब 4 जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है.

मंत्री ने दिए निर्देश

कुछ दिन पहले नुकसान की समीक्षा के लिए मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बागवानी अधिकारियों, फसल बीमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ के साथ बैठक की थी. अधिकारियों को सेब व अन्य फसलों को पहुंचे नुकसान के आंकलन करने के निर्देश दिए थे.

बारिश और बर्फबारी से अप्रैल और मई में ही बागवानी फसलों को 26 करोड़ रुपये की चपत लगी है. अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्राकृतिक आपदा से कुल 27171.76 मीट्रिक टन फलों को नुकसान का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा 17102.964 हेक्टेयर क्षेत्र 33 फीसदी से कम जबकि 8136.95 हेक्टेयर क्षेत्र 33 फीसदी से ज्यादा प्रभावित बताया गया है.

15 दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट

नुकसान का आंकलन करने के लिए बागवानी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि शिमला सहित किन्नौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीती तथा सिरमौर जिलों के उद्यान उप-निदेशकों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया जाए. इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, राजस्व विभाग के अधिकारियों, बागवानों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए. बागवानी मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार को नुकसान के आंकलन की वीडियोग्राफी सहित विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर भेजी जाए.

ये भी पढ़ें- त्रिपुरा से हिमाचल पहुंची थी अब तक की सबसे बड़ी गांजे की खेप, कीमत कर देगी हैरान

शिमला: बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने बागवानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है. ओलावृष्टि और भारी बारिश के चलते बागवानों को 254.3 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. बारिश और बर्फबारी से करीब 6.5 लाख बागवानों को नुकसान झेलना पड़ा है. हालांकि अभी करीब 4 जिलों की रिपोर्ट आना बाकी है.

मंत्री ने दिए निर्देश

कुछ दिन पहले नुकसान की समीक्षा के लिए मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बागवानी अधिकारियों, फसल बीमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ के साथ बैठक की थी. अधिकारियों को सेब व अन्य फसलों को पहुंचे नुकसान के आंकलन करने के निर्देश दिए थे.

बारिश और बर्फबारी से अप्रैल और मई में ही बागवानी फसलों को 26 करोड़ रुपये की चपत लगी है. अभी तक की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में प्राकृतिक आपदा से कुल 27171.76 मीट्रिक टन फलों को नुकसान का उल्लेख किया गया है. इसके अलावा 17102.964 हेक्टेयर क्षेत्र 33 फीसदी से कम जबकि 8136.95 हेक्टेयर क्षेत्र 33 फीसदी से ज्यादा प्रभावित बताया गया है.

15 दिनों के भीतर मांगी रिपोर्ट

नुकसान का आंकलन करने के लिए बागवानी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि शिमला सहित किन्नौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीती तथा सिरमौर जिलों के उद्यान उप-निदेशकों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया जाए. इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, राजस्व विभाग के अधिकारियों, बागवानों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए. बागवानी मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार को नुकसान के आंकलन की वीडियोग्राफी सहित विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर भेजी जाए.

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