शिमला: मुख्य संसदीय सचिव (वन) सुंदर सिंह ठाकुर ने वन अधिकारियों से कहा कि वह निर्धारित समय में वनों में सूखे पेड़ों को चिन्हित करें. सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने वन विभाग के मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में वनों में सालवेज लॉट मार्किंग के बारे में विस्तृत चर्चा की गई. सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने वन संपदा के समुचित दोहन के लिए वनों में सूखे पेड़ों को चिन्हित कर इनके समयबद्ध कटान का निर्णय लिया है.
'मार्किंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता': उन्होंने कहा कि वनों में अनेक सूखे व गिरे वृक्ष पड़े रहते हैं, जिन्हें समय पर चिन्हित न करने के कारण वन संपदा का नुकसान और सरकार को वित्तीय हानि होती है. इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने मार्किंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता जताई है. सीपीएस ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जंगलों में सूखे और गिरे पेड़ों की सूची तैयार करें. फारेस्ट गार्ड से लेकर वन मंडल अधिकारी स्तर के सभी अधिकारी प्रतिदिन सूची तैयार कर मार्किंग की प्रक्रिया को पूरा करेंगे. इस कार्य को नीतिगत स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को एसओपी तैयार करने के आदेश भी दिए गए हैं.
'15 जून तक सूखे पेड़ों की रिपोर्ट विभाग सरकार को सौंपेगा': सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि आरंभिक स्तर पर विभाग के अधिकारी आगामी 31 मई तक सूखे व गिरे पेड़ों की सूची विभागीय स्तर पर तैयार कर इसे 15 जून तक सरकार को सौंपेंगे. इस प्रकार की सालवेज मार्किंग से वन विभाग लगभग 50 पेड़ों की मार्किंग कर बिडिंग के माध्यम से बेच सकता है.
'स्थानीय युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर': उन्होंने कहा कि सूखे पेड़ों के समय रहते कटान से वन संपदा को होने वाली हानि से बचने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कौशल विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा. इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल राजीव कुमार और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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