ETV Bharat / state

आपदा घोषित करने में हो रही राजनीति, CPIM ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर की सर्वदलीय बैठक की मांग

author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 6:04 PM IST

सीपीआईएम राज्य सचिव ओंकार शाद ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर ज्ञापन है. वहीं, ज्ञापन देकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि सभी दल मिलकर प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से मदद का प्रस्ताव भेजा जा सके. वहीं, पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि केंद्र प्रदेश में हुए नुकसान की या तो भरपाई करें या 10 हजार करोड़ की राहत राशि दे. पढ़ें पूरी खबर.. (Omkar Shad met cm sukhu )

Omkar Shad met cm sukhu for all party meeting
सर्वदलीय बैठक के लिए सीएम सुक्खू से मिले ओंकार शाद

सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बाद हुई भारी तबाही से उभरने के लिए सीपीआईएम ने कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए केंद्र से हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. दरअसल, CPIM ने केंद्र से मिली राहत राशि पर भी सवाल खड़े किए हैं. वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ओंकार शाद ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रदेश को हुए नुकसान का सांझा आंकलन कर केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग की है. ओंकार शाद ने कहा कि उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर से मिलकर ज्ञापन देकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि सभी दल मिलकर प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक आवाज़ में केंद्र से मदद का प्रस्ताव भेजा जा सके.

दरअसल, ओंकार शाद ने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई है, जो पैसे मिले हैं वह एसडीआरएफ के तहत हर वर्ष राज्य को मिलते हैं. केंद्र से प्रदेश को 10 हजार करोड़ रूपए की सहायता तुरंत मिलनी चाहिए. हिमाचल को नुकसान से उभारने के लिए सभी के सामूहिक प्रयास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वन संरक्षण कानून 1980 में संशोधन किया जाए और लोगों को वन भूमि में मकान बनाने के लिए भी छूट दी जाए. हिमाचल सरकार एसडीआरएफ के तहत जो राशि दे रही है, वह काफी कम है उसे भी बढ़ाया जाना चाहिए.

सीपीआईएम नेता व पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि हिमाचल में आपदा से जान माल का भारी नुकसान हुआ है. इसे बिना किसी मांग के भी राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए था, लेकिन इस पर भी राजनीति हो रही है जो गलत है. केंद्र से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. जो किस्त मिली है वह आपदा आए बिना भी मिलनी थी.

सिंघा ने शांता कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वह राजनीति से ऊपर उठ कर प्रदेश के लोगों के लिए सहयोग की बात कर रहे हैं. सिंघा ने कहा कि 7 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में आपदा आई और केंद्र ने 11 जुलाई को एसडीआरएफ के तहत मिलने वाली राहत में संशोधन कर दिया. जिसमे क्षतिग्रस्त हुए घरों को मिलने वाली राशि को कम कर दिया गया है जो कि सही नहीं है. केंद्र प्रदेश में हुए नुकसान की या तो भरपाई करें या 10 हजार करोड़ की राहत राशि दे.

ये भी पढें: Himachal News: सीएम सुखविंदर सिंह का NHAI के अफसरों को निर्देश, कुल्लू दशहरे से पहले मंडी-मनाली हाईवे को करें बहाल

सीपीआईएम के राज्य सचिव ओंकार शाद

शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के बाद हुई भारी तबाही से उभरने के लिए सीपीआईएम ने कांग्रेस के सुर में सुर मिलाते हुए केंद्र से हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है. दरअसल, CPIM ने केंद्र से मिली राहत राशि पर भी सवाल खड़े किए हैं. वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव ओंकार शाद ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सर्वदलीय बैठक बुलाकर प्रदेश को हुए नुकसान का सांझा आंकलन कर केंद्र को प्रस्ताव भेजने की मांग की है. ओंकार शाद ने कहा कि उनकी पार्टी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर से मिलकर ज्ञापन देकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है, ताकि सभी दल मिलकर प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक आवाज़ में केंद्र से मदद का प्रस्ताव भेजा जा सके.

दरअसल, ओंकार शाद ने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक किसी भी तरह की मदद नहीं मिल पाई है, जो पैसे मिले हैं वह एसडीआरएफ के तहत हर वर्ष राज्य को मिलते हैं. केंद्र से प्रदेश को 10 हजार करोड़ रूपए की सहायता तुरंत मिलनी चाहिए. हिमाचल को नुकसान से उभारने के लिए सभी के सामूहिक प्रयास की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वन संरक्षण कानून 1980 में संशोधन किया जाए और लोगों को वन भूमि में मकान बनाने के लिए भी छूट दी जाए. हिमाचल सरकार एसडीआरएफ के तहत जो राशि दे रही है, वह काफी कम है उसे भी बढ़ाया जाना चाहिए.

सीपीआईएम नेता व पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि हिमाचल में आपदा से जान माल का भारी नुकसान हुआ है. इसे बिना किसी मांग के भी राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाना चाहिए था, लेकिन इस पर भी राजनीति हो रही है जो गलत है. केंद्र से अभी तक कोई राहत नहीं मिली है. जो किस्त मिली है वह आपदा आए बिना भी मिलनी थी.

सिंघा ने शांता कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि वह राजनीति से ऊपर उठ कर प्रदेश के लोगों के लिए सहयोग की बात कर रहे हैं. सिंघा ने कहा कि 7 जुलाई को हिमाचल प्रदेश में आपदा आई और केंद्र ने 11 जुलाई को एसडीआरएफ के तहत मिलने वाली राहत में संशोधन कर दिया. जिसमे क्षतिग्रस्त हुए घरों को मिलने वाली राशि को कम कर दिया गया है जो कि सही नहीं है. केंद्र प्रदेश में हुए नुकसान की या तो भरपाई करें या 10 हजार करोड़ की राहत राशि दे.

ये भी पढें: Himachal News: सीएम सुखविंदर सिंह का NHAI के अफसरों को निर्देश, कुल्लू दशहरे से पहले मंडी-मनाली हाईवे को करें बहाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.