शिमला: माकपा ने प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि व मौतों पर चिंता व्यक्त की है. साथ ही माकपा ने सरकार के ढुलमुल रवैया व लचर व्यवस्था को इसके लिए जिम्मेदार माना है.
माकपा के राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय चौहान ने कहा कि सरकार की इस लचर कार्यप्रणाली के कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आइसोलेशन में हैं. मंत्री व इनके परिवार के सदस्य, मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी व कर्मचारी और सत्तादल के नेतागण व इनके साथ साथ डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस व अन्य कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए जा रहें हैं. इनमे सें कुछ को जान तक गंवानी पड़ी है. इससे सरकार की तैयारियों की पोल खुल गई है. यहां तक की प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री की सुरक्षा में भी कोविड 19 को लेकर तय नियमों को भी सरकार ने ताक पर रख दिया था.
संजय चौहान ने कहा कि इससे साफ है कि सरकार के मार्च में लॉकडाउन व कर्फ्यू लगाने के बाद की जाने वाली तैयारियां नहीं की गई. सिर्फ राजनीति कर मीडिया में इसके प्रचार व प्रसार में ही लगी रही. सरकार को मार्च में लॉकडाउन के बाद कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं में सुधार कर इसे मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए था, जबकि सरकार ने बिल्कुल भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसके कारण कोविड अस्पतालों में मरीजों के इलाज में की जा रही कोताही साफ दिखाई दे रही है.
संजय चौहान ने कहा कि डीडीयू अस्पताल में एक महिला मरीज द्वारा की गई आत्महत्या, सरकार के मंत्री व कोरोना संक्रमितों के परिजनों के आईजीएमसी व अन्य अस्पतालों की लचर कार्यप्रणाली पर उठाये गए सवालों ने सरकार की तैयारियों की पोल खोल दी है. इसके बावजूद सरकार आज भी इससे निपटने के लिए संजीदा नहीं है. प्रदेश में 16 हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज आ चुके हैं औ और 220 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
सीपीआईएम ने सरकार से मांग कि है कि कोविड19 से निपटने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए युद्धस्तर की रणनीति बनाकर काम किया जाए. इसके लिये कुशल नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए. इस टास्क फोर्स में चिकित्सा व अन्य क्षेत्र में विशेषज्ञ सम्मिलित किया जाए. सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए और डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की भर्तियां कर अस्पतालों में कोरोना व अन्य बीमारियों से ग्रसित सभी मरीजों का उचित इलाज सुनिश्चित करें.
साथ ही प्रदेश में अनलॉक के तहत दी गई रियायतों को ध्यान में रखते हुए नियम तय किये जाएं. इन नियमों की पालना के लिए सरकार संजीदगी से काम करें. सरकार के तुरंत इन मांगों पर अमल कर कोविड19 से निपटने के लिए ठोस कदम न उठाने पर सीपीएम सरकार की इस लचर व्यवस्था के खिलाफ आंदोलन चलाएगी.
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