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COVID-19: कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह की फेसबुक पोस्ट पर विवाद

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Published : Mar 28, 2020, 5:28 PM IST

विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए अखबारों को न पढ़ने की अपील की और तर्क दिया कि अखबरों से भी कोरोना वायरस फैल सकता है.

Vikramaditya Singh
विक्रमादित्य सिंह

शिमला: कोरोना वायरस को लेकर कांग्रेस के युवा विधयाक विक्रमादित्य सिंह की एक फेसबुक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है. विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए अखबारों को न पढ़ने तर्क दिया है, जिसपर बहस हो रही है.

कुछ लोग विक्रमादित्य के पक्ष में है जबकि कुछ लोग उन्हें अफवाहें ना फैलाने की नसीहत दे रहे हैं. दरअसल युवा विधायक ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने लोगों से कुछ समय के लिए एहतियात के तौर पर अखबार न पढ़ने का तर्क दिया है.

Vikramaditya Singh's post
विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट

विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट किया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति वस्तुओं को छूता है तो ये अन्य लोगों में भी फैल सकता है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि कुछ समाचार पत्र वीआईपी और नेताओं के अखबार पढ़ते हुए चित्र प्रकाशित कर गलत संदेश दे रहे हैं.

Vikramaditya Singh's post
पोस्ट पर विवाद

वहीं, विक्रमादित्य सिंह के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर जहां कई लोग विक्रमादित्य सिंह का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, कई लोग विक्रमादित्य सिंह को गलत जानकारी न देने की नसीहत भी दे रहे हैं. पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है.

Vikramaditya Singh's post
विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया लड़ाई लड़ रही है और साथ ही इस बीमारी को रोकने में सभी देश लगे हुए हैं. अखबारों से भी ये वायरस फैल सकता है. अखबार कई हाथों में जाने के बाद लोगों के घरो में पहुंचता है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होगा तो जो अखबार पढ़ रहा है उसको भी ये बीमारी हो सकती है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्होंने लोगों से ऑनलाइन अखबार पढ़ने का आग्रह किया था और उनका मकसद किसी को आहत करने का नहीं था.

ये भी पढ़ें: DDU में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज, रिपोर्ट का इंतजार

शिमला: कोरोना वायरस को लेकर कांग्रेस के युवा विधयाक विक्रमादित्य सिंह की एक फेसबुक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है. विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए अखबारों को न पढ़ने तर्क दिया है, जिसपर बहस हो रही है.

कुछ लोग विक्रमादित्य के पक्ष में है जबकि कुछ लोग उन्हें अफवाहें ना फैलाने की नसीहत दे रहे हैं. दरअसल युवा विधायक ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने लोगों से कुछ समय के लिए एहतियात के तौर पर अखबार न पढ़ने का तर्क दिया है.

Vikramaditya Singh's post
विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट

विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट किया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति वस्तुओं को छूता है तो ये अन्य लोगों में भी फैल सकता है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि कुछ समाचार पत्र वीआईपी और नेताओं के अखबार पढ़ते हुए चित्र प्रकाशित कर गलत संदेश दे रहे हैं.

Vikramaditya Singh's post
पोस्ट पर विवाद

वहीं, विक्रमादित्य सिंह के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर जहां कई लोग विक्रमादित्य सिंह का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, कई लोग विक्रमादित्य सिंह को गलत जानकारी न देने की नसीहत भी दे रहे हैं. पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है.

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विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया लड़ाई लड़ रही है और साथ ही इस बीमारी को रोकने में सभी देश लगे हुए हैं. अखबारों से भी ये वायरस फैल सकता है. अखबार कई हाथों में जाने के बाद लोगों के घरो में पहुंचता है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होगा तो जो अखबार पढ़ रहा है उसको भी ये बीमारी हो सकती है.

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्होंने लोगों से ऑनलाइन अखबार पढ़ने का आग्रह किया था और उनका मकसद किसी को आहत करने का नहीं था.

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