शिमला: कोरोना वायरस को लेकर कांग्रेस के युवा विधयाक विक्रमादित्य सिंह की एक फेसबुक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है. विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर कुछ समय के लिए अखबारों को न पढ़ने तर्क दिया है, जिसपर बहस हो रही है.
कुछ लोग विक्रमादित्य के पक्ष में है जबकि कुछ लोग उन्हें अफवाहें ना फैलाने की नसीहत दे रहे हैं. दरअसल युवा विधायक ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी जिसमें उन्होंने लोगों से कुछ समय के लिए एहतियात के तौर पर अखबार न पढ़ने का तर्क दिया है.
विक्रमादित्य सिंह ने पोस्ट किया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अध्ययन में बताया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति वस्तुओं को छूता है तो ये अन्य लोगों में भी फैल सकता है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि कुछ समाचार पत्र वीआईपी और नेताओं के अखबार पढ़ते हुए चित्र प्रकाशित कर गलत संदेश दे रहे हैं.
वहीं, विक्रमादित्य सिंह के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर जहां कई लोग विक्रमादित्य सिंह का समर्थन कर रहे हैं. वहीं, कई लोग विक्रमादित्य सिंह को गलत जानकारी न देने की नसीहत भी दे रहे हैं. पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया लड़ाई लड़ रही है और साथ ही इस बीमारी को रोकने में सभी देश लगे हुए हैं. अखबारों से भी ये वायरस फैल सकता है. अखबार कई हाथों में जाने के बाद लोगों के घरो में पहुंचता है ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित होगा तो जो अखबार पढ़ रहा है उसको भी ये बीमारी हो सकती है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते उन्होंने लोगों से ऑनलाइन अखबार पढ़ने का आग्रह किया था और उनका मकसद किसी को आहत करने का नहीं था.
ये भी पढ़ें: DDU में कोरोना वायरस के दो संदिग्ध मरीज, रिपोर्ट का इंतजार