शिमला: नगर निगम में महापौर बनने के बाद बीजेपी पार्षदों की गुटबाजी उभर कर सामने आ गई है. मेयर न बनाने पर बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद संजीव ठाकुर ने बीजेपी शिमला महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी पद से इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है.
यही नहीं उनके वार्ड से सभी बूथ अध्यक्षों सहित वार्ड के कई पदाधिकारियों ने भी अपने इस्तीफे बीजेपी कार्यालय में भेज दिए है. संजीव ठाकुर का कहना है कि नगर निगम में महापौर के पद के लिए उनकी अनदेखी के चलते उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दिया है.
संजीव ठाकुर ने इस्तीफे के बाद कहा कि पार्टी में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की अनदेखी हो रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के दबाव में आकर सरकार और संगठन ने वरिष्ठता को नकारा है. ऐसी पार्षद को महापौर बनाया गया है जो कि पूरी उम्र सरकारी नौकरी करती रही और बीजेपी में कहीं नहीं थी.
संजीव ठाकुर ने कहा कि उन्होंने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की वजह से महामंत्री पद से इस्तीफा दिया है और वो अब आम कार्यकर्ता के रूप में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वो 1990 से बीजेपी से जुड़े हुए हैं. ढाई साल पहले उन्हें आश्वासन दिया गया था कि अंतिम ढाई साल के लिए उन्हें महापौर बनाया जाएगा, लेकिन उन्हें इस बार दरकिनार किया गया.
बता दें, संजीव ठाकुर बीजेपी पार्षदों में सबसे वरिष्ठ थे और महापौर पद के सशक्त दावेदार माने जा रहे थे, लेकिन सत्या कौंडल को नगर निगम का नया महापौर बनाया गया है. संजीव ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के बीच छत्तीस का आंकड़ा माना जाता है और उनके महापौर न बनाए जाने की पीछे की वजह इसी को माना जा रहा है. इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.