शिमला: पूरे विश्व मे फैली कोरोना महामारी का असर अब विकराल होने लगा है. जिसका सबसे बुरा असर देश की रीढ़ की हड्डी माने जाने वाले किसानों पर पड़ रहा है. किसानों की फसल तैयार हो रही है और देश में कोरोना के मामले बढ़ने से मंडियों में फसलें नहीं बिक पा रही हैं. हिमाचल प्रदेश में लोगों की नकदी फसल पर कोरोना का कहर अब कहर बरपा रहा है.
प्रदेश के कई इलाकों में सब्जियों की खेप मंडी जा रही है, लेकिन मंडी में अच्छे दाम ना मिलने से किसान हताश और परेशान हो गए. ऊपरी शिमला के साथ लगते ठियोग की कई पंचायतों बलग, सैंज, छैला, देहा में इन दिनों फूलगोभी की फसल बिल्कुल तैयार है, लेकिन मंडी में दाम बहुत कम हैं.
किसानों का कहना है कि पिछले 5 महीनों से एक छोटे से बीज को 2 किलो की फूलगोभी बनाने में किसानों ने दिन रात एक कर दिए, खेत में फसल को लगाने के बाद फसल को, खाद, दवाई, कीटनाशक का छड़काव साथ में जंगली जानवरों से बचाव सभी उलझनों ओर बाधाओं को दूर करते हुए फसल को तैयार किया और साथ में कई मजदूरों को काम पर लगाया और उन्हें भी रोजगार दिया.
खुद भी पूरा परिवार दिन रात सिंचाई और गोडाई में लगा रहा, लेकिन जब अब फसल तैयार है तो सब्जी नहीं बिक पा रही है. 5 महीने की मेहनत का दाम 5 रुपये किलो के हिसाब से दाम बड़ी मुश्किल से मिल रहा है और अब तो हालात कई मंडियों में इससे भी बुरे हैं.
किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी कमाई नहीं मिल पा रही है. मजदूरों को उनकी दिहाड़ी नहीं दी जा रही है. जिसकी वजह से वे बेहद परेशान हैं. किसानों का कहना है कि सरकार जिस तरह लोगों को राशन दे रही है सब्जियों को भी दे दे, जिससे ये खेतों में खराब न होकर किसी के घर में जाए.
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