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फिर विवादों में घिरा शिमला का कोविड केयर सेंटर DDU, उपचार के लिए तरसता रहा कोरोना पॉजिटिव मरीज

मामला बीते मंगलवार का बताया जा रहा है जहां युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन एम्बुलेंस न मिलने से युवक को चार बार लिफ्ट से ऊपर नीचे ले जाया गया. जिसके चलते युवक को बुखार के चलते बहुत ठंड लग गई और युवक वीडियो में भी ठंड से कांपता हुआ दिखाई दे रहा, लेकिन कोई भी उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आ रहा है. हालांकि वीडियो में पीपीई किट पहने हुए एक कर्मचारी भी दिखाई दे रहा, लेकिन वह भी उसकी सहायता के लिए सामने नहीं आ रहा है.

controversy surrounding Shimla Covid Care Center DDU shimla
फोटो.
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Published : Nov 25, 2020, 8:40 PM IST

Updated : Dec 9, 2020, 2:52 PM IST

शिमला: कोरोना वायरस की जंग से लड़ने के लिए बनाया गया शिमला का डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर एक बार फिर से सुर्खियों में है. कोविड केयर सेंटर डीडीयू में मंडी जिला से आए 30 वर्षीय युवक को इलाज न मिलने पर एक वीडियो वायरल हुआ है जो सोशल मीडिया में अस्पताल प्रशासन की पोल खोल रहा है.

मामला बीते मंगलवार का बताया जा रहा है जहां युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन एम्बुलेंस न मिलने से युवक को चार बार लिफ्ट से ऊपर नीचे ले जाया गया. जिसके चलते युवक को बुखार के चलते बहुत ठंड लग गई और युवक वीडियो में भी ठंड से कांपता हुआ दिखाई दे रहा, लेकिन कोई भी उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आ रहा है.

वीडियो.

हालांकि वीडियो में पीपीई किट पहने हुए एक कर्मचारी भी दिखाई दे रहा, लेकिन वह भी उसकी सहायता के लिए सामने नहीं आ रहा है. वीडियो में युवक कह रहा हक कि उसे बहुत ठंड लग रही है साथ ही युवक कांप और रो रहा है. जिसके चलते युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है और कोविड केयर सेंटर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पोल खोल रहा है.

इस सम्बंध में जब डीडीयू अस्पताल के एमएस डॉ. रमेश चौहान से बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर माफी मांगी साथ ही कहा कि युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी शिफ्ट किया गया था, लेकिन एम्बुलेंस उस समय उपलब्ध नहीं थी जिसके चलते युवक को कुछ देर के लिए इंतजार करना पड़ा. जिसके लिए वे प्रशासन माफी मांग रहा है.

उन्होंने कहा कि उस समय अस्पताल में पीपीई पहने डॉक्टर भी मौजूद थे, लेकिन वे मरीज को एम्बुलेंस तक नहीं छोड़ पाए जिसके चलते मरीज को परेशानी झेलनी पड़ी है. उसके बाद मरीज को एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गई. और आईजीएमसी शिफ्ट किया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार भले ही कोरोना मरीजों की सुविधाओं के लिए बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन जब इस तरह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तो सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है.

हाल ही में कोरोना पॉजिटिव महिला ने उपचार न मिलने के चलते आत्महत्या की थी. जिसपर सरकार ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एमएस को चार्जशीट कर दिया था, अब एक बार फिर से उपचार न मिलने पर कोरोना पॉजिटिव मरीज का वीडियो वायरस हो रहा है तो ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किए जा रहे दावे खोखले हैं. जो सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहे हैं.

शिमला: कोरोना वायरस की जंग से लड़ने के लिए बनाया गया शिमला का डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर एक बार फिर से सुर्खियों में है. कोविड केयर सेंटर डीडीयू में मंडी जिला से आए 30 वर्षीय युवक को इलाज न मिलने पर एक वीडियो वायरल हुआ है जो सोशल मीडिया में अस्पताल प्रशासन की पोल खोल रहा है.

मामला बीते मंगलवार का बताया जा रहा है जहां युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी शिफ्ट किया जा रहा है, लेकिन एम्बुलेंस न मिलने से युवक को चार बार लिफ्ट से ऊपर नीचे ले जाया गया. जिसके चलते युवक को बुखार के चलते बहुत ठंड लग गई और युवक वीडियो में भी ठंड से कांपता हुआ दिखाई दे रहा, लेकिन कोई भी उसकी सहायता के लिए आगे नहीं आ रहा है.

वीडियो.

हालांकि वीडियो में पीपीई किट पहने हुए एक कर्मचारी भी दिखाई दे रहा, लेकिन वह भी उसकी सहायता के लिए सामने नहीं आ रहा है. वीडियो में युवक कह रहा हक कि उसे बहुत ठंड लग रही है साथ ही युवक कांप और रो रहा है. जिसके चलते युवक का यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है और कोविड केयर सेंटर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पोल खोल रहा है.

इस सम्बंध में जब डीडीयू अस्पताल के एमएस डॉ. रमेश चौहान से बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर माफी मांगी साथ ही कहा कि युवक को उपचार के लिए आईजीएमसी शिफ्ट किया गया था, लेकिन एम्बुलेंस उस समय उपलब्ध नहीं थी जिसके चलते युवक को कुछ देर के लिए इंतजार करना पड़ा. जिसके लिए वे प्रशासन माफी मांग रहा है.

उन्होंने कहा कि उस समय अस्पताल में पीपीई पहने डॉक्टर भी मौजूद थे, लेकिन वे मरीज को एम्बुलेंस तक नहीं छोड़ पाए जिसके चलते मरीज को परेशानी झेलनी पड़ी है. उसके बाद मरीज को एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गई. और आईजीएमसी शिफ्ट किया गया.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार भले ही कोरोना मरीजों की सुविधाओं के लिए बड़े बड़े दावे करती है, लेकिन जब इस तरह की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है तो सारे दावों की पोल खोल कर रख दी है.

हाल ही में कोरोना पॉजिटिव महिला ने उपचार न मिलने के चलते आत्महत्या की थी. जिसपर सरकार ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन एमएस को चार्जशीट कर दिया था, अब एक बार फिर से उपचार न मिलने पर कोरोना पॉजिटिव मरीज का वीडियो वायरस हो रहा है तो ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किए जा रहे दावे खोखले हैं. जो सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहे हैं.

Last Updated : Dec 9, 2020, 2:52 PM IST
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