शिमला: अडानी के बारे में हिंडनबर्ग के रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. कांग्रेस इसकी संयुक्त संसदीय समिति और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने की मांग कर रही है. कांग्रेस केंद्र की मोदी सरकार और अडानी के फर्जीवाड़े को लेकर एलआईसी और एसबीआई कार्यालयों के बाद धरना दे चुकी है. आज कांग्रेस पार्टी ने जिला मुख्यालयों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को घेरा और इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति से जांच करवान की मांग की.
कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार ने अडानी को अनुचित लाभ पहुंचाकर उनको दुनिया का दूसरा बड़ा रईस बना दिया और अब जबकि हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के स्टॉक और कंपनियों की जांच कर इसमें फर्जीवाड़ा पाया तो सरकार और खुद पीएम मोदी अडानी को बचाने में लगे हुए हैं. नरेश चौहान ने कहा कि पीएम मोदी ने अपने मित्रों को देश की संपत्तियों तो बेची हैं साथ में इनको खरीदने के लिए बैंकों से पैसा भी दिलाया.
इसका नतीजा रहा है कि जो शख्स 2009 में 57000 करोड़ की संपत्ति का मालिक था, वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले 24 जनवरी को 19.50 लाख करोड़ का मालिक बन चुका था. हालांकि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अब अडानी की संपत्ति 7.50 लाख करोड़ तक पहुंच गई है. जाहिर तौर पर अडानी ने अपने कंपनियों की ओवर वैल्यूशन की, यही नहीं इसमें अपनी कंपनियों ने बाहर से पैसा शैल कंपनियों के जरिए अपनी कंपनी में भी अडानी ने लगाया.
नरेश चौहान ने कहा कि कांग्रेस और पूरा विपक्ष सरकार और पीएम मोदी से मांग करते रहे कि संयुक्त संसदीय समीति से जांच की जाए. लेकिन भाजपा और पीएम इसके लिए तैयार नहीं है. हालांकि एक पीआईएल के जरिये इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है, लेकिन मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अडानी को डिफेंड करने में लगी हुई है. मोदी सरकार जांच करवाने वालों के नाम बंद लिफाफे में देने की बात कर रही थी, हालांकि सुप्रीम ने इसको नकार दिया. सुप्रीम कोर्ट का साफ रुख है, ऐसा करने से यह जांच सरकारी जांच बनकर रह जाएगी और इसमें पारदर्शिता नहीं होगी.
आखिर क्यों बचा रहे हैं पीएम मोदी अडानी को- नरेश चौहान ने कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. देश में भी स्टॉक मार्केट में अडानी के स्टॉक की वैल्यूएशन लगातार घट रही है. इस तरह एलआईसी और एसबीआई व अन्य बैंकों के जरिए लगाया गया. करोड़ों लोगों का लाखों करोड़ डूब गए हैं. कांग्रेस व पूरा विपक्ष मांग कर रहा है कि इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच करवाई जाए.
देश की जनता भी जानना चाहती है कि सेबी, सीबीआई, ईडी ने इस मामले में क्या किया और भाजपा इसके नेता अडानी को बचाने में क्यों लगे हैं. उन्होंने कहा कि अगर अडानी और सरकार ने कुछ गलत नहीं किया तो इसकी जांच से क्यूं डर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब एलआईसी और बैंकों के करोड़ों लोगों का विश्वास और उनका पैसा डूब गया है तो उनको यह जानने का भी पूरा अधिकार है कि उनका पैसा क्यूं डूबा. कांग्रेस भी सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठाकर निष्पक्ष जांच की मांग कर रही है.
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