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अटल रोहतांग टनल पर सियासत शुरू, कांग्रेस ने टनल का 'अटल' नाम रखने पर उठाए सवाल - स्वतंत्रता सेनानी

प्रदेश में अटल रोहतांग टनल को लेकर सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इस टनल का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही टनल का नाम इंदिरा गांधी या स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखने की सलाह दी है.

Kuldeep Rathore
कुलदीप राठौर
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Published : Sep 2, 2020, 3:29 PM IST

शिमला: लाहौल स्पीति को जोड़ने के लिए बनी अटल रोहतांग टनल बनकर तैयार हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 सितंबर को इस टनल को देश को समर्पित करेंगे. वहीं, इस टनल को लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इस टनल का नाम 'अटल' रखने पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही टनल का नाम इंदिरा गांधी या स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखने की सलाह दी है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि इस टनल का सपना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देखा था. 2010 में सोनिया गांधी ने इस टनल के निर्माण काम का शिलान्यास किया था. साथ ही उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस टनल के लिए राशि जारी की थी.

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पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने कहा कि इस टनल के निर्माण में बीजेपी सरकार का कोई योगदान नहीं है. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस टनल के निर्माण के लिए कोई योगदान नहीं है. मोदी सरकार और प्रदेश सरकार पूर्व सरकारों के कार्यों का नाम अपने नेताओं के नाम पर रख रही है, जबकि इस टनल का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर या किसी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस टनल का नाम अटल रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है.

बता दें कि रोहतांग टनल का काम यूपीए के कार्यकाल में शुरू हुआ था. वहीं, अब इस टनल का काम पूरा चुका है. इसी महीने 29 सितंबर को पीएम मोदी इस टनल को जनता को समर्पित करेंगे.

शिमला: लाहौल स्पीति को जोड़ने के लिए बनी अटल रोहतांग टनल बनकर तैयार हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 सितंबर को इस टनल को देश को समर्पित करेंगे. वहीं, इस टनल को लेकर प्रदेश में सियासत भी गरमा गई है. कांग्रेस ने इस टनल का नाम 'अटल' रखने पर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही टनल का नाम इंदिरा गांधी या स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखने की सलाह दी है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि इस टनल का सपना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देखा था. 2010 में सोनिया गांधी ने इस टनल के निर्माण काम का शिलान्यास किया था. साथ ही उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस टनल के लिए राशि जारी की थी.

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पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने कहा कि इस टनल के निर्माण में बीजेपी सरकार का कोई योगदान नहीं है. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस टनल के निर्माण के लिए कोई योगदान नहीं है. मोदी सरकार और प्रदेश सरकार पूर्व सरकारों के कार्यों का नाम अपने नेताओं के नाम पर रख रही है, जबकि इस टनल का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर या किसी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस टनल का नाम अटल रखने का कोई औचित्य नहीं बनता है.

बता दें कि रोहतांग टनल का काम यूपीए के कार्यकाल में शुरू हुआ था. वहीं, अब इस टनल का काम पूरा चुका है. इसी महीने 29 सितंबर को पीएम मोदी इस टनल को जनता को समर्पित करेंगे.

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