शिमला: कांग्रेस पार्टी में एक बार फिर गुटबाजी देखने को मिली है. शिमला के डीडीयू (दीन दयाल उपाध्याय) अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित महिला द्वारा आत्महत्या कनरे के मामले में कांग्रेस ने गुरुवार को प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस की गुटबाजी सामने आई.
दरअसल, इस मामले में जहां पहले कांग्रेस नेता हरीश जनारथा ने डीडीयू अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया वहीं, शिमला शहरी कांग्रेस भी कुछ देर बाद इसी मुद्दे को लेकर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच गई.
शिमला शहरी कांग्रेस ने अस्पताल के बाहर चक्का जाम किया और स्वास्थय मंत्री के इस्तीफे के साथ अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को निष्कासित करने की मांग की. शहरी कांग्रेस ने करीब आधे घंटे तक चक्का जाम किया. इस दौरान शहर में लंबा जाम भी लग गया, जिससे लोगों को परेशानियों से दो-चार होना पड़ा.
इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस के कहने पर भी कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क से नहीं उठे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे.
![Congress protest in Shimla](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8920860_113_8920860_1600945502819.png)
शहरी कांग्रेस अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि कोविड सेंटर में महिला द्वारा आत्महत्या करना सरकार की नाकामियों को दर्शाता है. कोरोना से निपटने में ये सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है और स्वास्थ्य मंत्री को पद पर बने रखने का कोई हक नहीं है, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना से लोगों की मौतें हो रही हैं और प्रदेश सरकार गहरी नींद सोई है. कांग्रेस सरकार को गहरी नींद से जगाने के लिए सड़कों पर उतरी है और सरकार अभी भी नहीं जागती तो उग्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
![Congress protest in Shimla](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8920860_1045_8920860_1600945518519.png)
बता दें कि शिमला शहर में कांग्रेस की गुटबाजी अकसर सामने आती रहती है. शहरी कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है. एक गुट हरीश जनारथा का है और एक शहरी इकाई का. हरीश जनारथा दो बार पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं.
पार्टी ने उन्हें पिछले चुनाव में भी पार्टी के खिलाफ जाने पर निष्कासित किया था, लेकिन पिछले साल ही उन्हें दोबारा पार्टी में शामिल कर लिया है. वहीं, अब एक बार फिर पार्टी में गुटबाजी देखने को मिली है.
गौर हो कि आज ही हिमाचल कांग्रेस के नए प्रभारी राजीव शुक्ला भी शिमला पहुंचे हैं. ऐसे में उनके आने से पहले ही पार्टी में ये गुटबाजी देखने को मिली है. पार्टी को एक करना राजीव शुक्ला के लिए अहम चुनौती होगी.