शिमला: हिमाचल में कोरोना संकट के दौरान खर्च को लेकर वायरल हुए पत्र को कांग्रेस अध्यक्ष ने सिरे से नकार दिया है. पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने इस वायरल लेटर को षड़यंत्र करार दिया है.
पीसीसी चीफ कुलदीप राठौर ने कहा कि वायरल हो रहा लेटर ध्यान भटकाने के लिए साजिश के तहत वायरल किया गया है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि इस पत्र पर उनके कहीं हस्ताक्षर तक नहीं है और न ही कांग्रेस के लेटर पैड में ये पत्र है. किसने ये पत्र वायरल किया उन्हें इसकी जानाकरी नहीं है.
कुलदीप राठौर ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिखती है तो उसमे उस व्यक्ति का नाम एड्रेस होता है जिसे पत्र लिखा जा रहा है. कुलदीप राठौर ने आशंका जताई कि बीजेपी का भी इसमें हाथ हो सकता है.
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि कोरोना संकट काल मे कांग्रेस सहित युकां, इंटक के कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों की काफी मदद की है. इस संकट के समय कांग्रेस लोगों की मदद के लिए आगे आई और खाना वितरित करने के साथ ही बाहरी मजदूरों को घर भी भेजा है. प्रदेश में कितने लोगों की कांग्रेस पार्टी ने मदद की है. इसकी जानकारी जुटाई जा रही है और उसका ब्यौरा जल्द दिया जाएगा. इसके अलावा कोविड फंड में कितनी राशि लोगों ने दी है इसको कहा खर्च करना है इसके लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.
बता दें कोरोना संक्रमण के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश में जरूरतमंदों की मदद के लिए कितनी राशि खर्च की. इसको लेकर एक पत्र वायरल हो गया है, जिसमें कांग्रेस 12 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही गई है. बताया जा रहा है कि ये पत्र हिमाचल कांग्रेस की ओर से आलाकमान को भेजा गया है जोकि आलाकमान तक पहुचने से पहले ही वायरल हो गया है.
कोरोना संक्रमण के दौरान कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में जरूरतमंदों की मदद के लिए कितनी राशि खर्च की गई इसका एक पत्र वायरल हो गया है. पत्र में कांग्रेस ने 12 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही है.बताया जा रहा है कि ये पत्र हिमाचल कांग्रेस की ओर से आलाकमान को भेजा गया है, जोकि आलाकमान तक पहुंचने से पहले ही वायरल हो गया है.
इस पत्र में कोरोना संक्रमण के दौरान 70 हजार बाहरी लोगों की मदद करने की बात कही गई है. पत्र में 7.5 लाख मास्क, 2.5 लाख सेनिटाइजर और 11 हजार पीपीई किट देने की बात कही गई. इसके अलावा हिमाचल से कितने लोगों को प्रदेश से बाहर भेजा गया है, इसको लेकर भी पत्र में लिखा गया है.
इस पत्र के वायरल होने से कांग्रेस में ही आपसी गुटबाजी भी सामने आई है. बताया जा रहा है कि ये पत्र चार नेताओं के पास ही था, जिसे वायरल कर दिया गया. इस पत्र के वायरल होने से कांग्रेस के भीतर भी नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.