शिमला: ज्लालामुखी से बीजेपी विधायक रमेश ध्वाला के बयान पर सियासत गरमा गई है. विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी के अंदर अंतर्कलह को कांगड़ा विधायकों की अनदेखी करार दिया है.
शिमला ग्रामीण से कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वे पहले से ही कांगड़ा जिला के साथ भेदभाव को लेकर आवाज उठा रहे थे. वहीं, अब बीजेपी के विधायक रमेश ध्वाला ने सीएम के सामने अपनी बात रखी. बीजेपी सरकार में हारे और संगठन के लोगों को चुने हुए नुमाइंदों से ज्यादा तरजीह दी जा रही है. इसके चलते ही विधायको का गुस्सा फूट रहा है.
बता दें कि ज्वालामुखी से बीजेपी विधायक रमेश ध्वाला ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि पवन राणा का सरकारी कार्यों और उनके विधानसभा क्षेत्र में दखल लगातार बढ़ता जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोग जिनके पास भाजपा की प्राइमरी मेंबरशिप तक नहीं है. उन लोगों को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जा रही हैं. जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कांगड़ा से 15 विधायक चुन कर आते हैं. कांग्रेस शासन काल में 3-3 मंत्री हुआ करते थे, लेकिन बीजेपी सरकार के समय में एक ही मंत्री है. उन्होंने कहा कि मंत्री बनने के लिए कई नेता लाइनों में लगे हैं, लेकिन बीजेपी सरकार मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर रही है, जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है.
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं कि संगठन मंत्री पवन राणा पर गंभीर आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये बीजेपी का अंदरूनी मामला है, लेकिन बीजेपी की आपसी अंतर्कलह से प्रदेश के विकास और लोगों का इस पर असर नहीं पड़ना चाहिए.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार 'सबका साथ सबका विकास' की बात करती है, लेकिन विपक्ष के विधायकों के साथ-साथ ही अपने विधायक ही सरकार पर भेदभाव के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में गणेश परिक्रमा करने वालों को तरजीह दी जा रही है.
ये भी पढ़ें: पूर्व विधायक ने ध्वाला पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, बिना काम किए ठेकेदार को हुई 54 लाख की पेमेंट