शिमला: हिमाचल विधानसभा बजट सत्र में आज अडानी सीए स्टोर का मुद्दा गुंजा. ठियोग से कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने प्रश्नकाल में ये मामला उठाया और इस संबंध में एमओयू पर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि क्या अडानी के साथ सीए स्टोर को लेकर कोई एमओयू साइन किया गया है या नहीं ?
वहीं, सदन में बागवानी मंत्री जगत नेगी ने कहा कि अडानी को सीए स्टोर लगाने के लिए सब्सिडी दी गई थी. लेकिन उनके साथ कोई एमओयू साइन नहीं किया हुआ है. जिसके बाद कुलदीप राठौर ने सदन में अडानी की मनमानी पर लगाम लगाने की मांग उठाई. कुलदीप राठौर ने कहा कि शिमला में अडानी के सीए स्टोर हैं. लेकिन, हैरानी की बात है कि सीए स्टोर लगाने ते सिए अडानी को अनुमति तो दी गई, लेकिन उनके साथ कोई भी एग्रीमेंट साइन नहीं हुआ. जबकि सीए स्टोर लगाने के लिए सरकार ने उन्हें सब्सिडी भी दी. बावजूद इसके कोई एमओयू साइन नहीं किया गया.
उन्होंने कहा कि अडानी सेब खरीद में अपनी मनमर्जी कर रहा है और बागवानों में लूट रहा है. जब अडानी ने यहां पर सीए स्टोर लगाए थे, तो बागवानों के हितों में काम करने का आश्वासन दिया था. लेकिन कई वर्षों से बागवानों का शोषण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में तो अडानी की कंपनी बगीचों में जा कर सेब खरीदती थी, लेकिन अब अडानी सीए स्टोर में ही सेब खरीद रहा है.
इतना ही नहीं अडानी मनमर्जी से दाम तय करता है और उसी दाम पर बागवानों से सेब की खरीद करता है. जिसके चलते बागवानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब वे कांग्रेस अध्यक्ष थे तब भी उन्होंने प्रमुखता से ये मुद्दा उठाया था और इसको लेकर प्रदर्शन भी किए थे. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में बागवानों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ऐसे में सरकार अडानी की मनमानी पर अंकुश लगाए.
वहीं, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि अडानी को नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड से 2008 और 2011 के बीच में सीए स्टोर लगाने के लिए 15 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग दी गई थी. लेकिन इसको लेकर एमओयू उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि पहले अडानी बागवानों के पास जाकर सेब लेता था, लेकिन अब बागवानों को उनके पास जाना पड़ रहा है और अडानी अपने हिसाब से दाम तय कर रहा है. सरकार इसको लेकर मंथन कर रही है और जल्द बागवानों के हितों में फैसला लिया जाएगा.
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