शिमला: कोरोना संकट का हिमाचल की आर्थिकी पर बड़ा असर पड़ने वाला है. इस बार सेब की पेटियों की चिंता बागवानों को सत्ता रही है. वहीं, विपक्ष ने सरकार से उद्योगों में सेब की पेटियों के उत्पाद करवाने की मांग की है.
इसको लेकर शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर की अध्यक्षता में शिमला ग्रामीण, रामपुर और रोहड़ू के विधायक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले. इस दौरान उन्होंने कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण बागबानों और किसानों को हो रही समस्या पर चर्चा की. साथ ही, विपक्ष ने कोरोना संक्रमण का प्रदेश की सबसे बड़ी आर्थिकी सेब पर पड़ रहे संकट पर चिंता जताई और उद्योगों में सेब की पेटियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू करने की मांग की.
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सेब सीजन के दौरान प्रदेश में करीबन 2.5 करोड़ गत्ते की पेटी की आवश्यकता होती है, लेकिन अभी मात्र 25 लाख ही उपलब्ध है. ऐसे में सेब सीजन पर बड़ा संकट आ सकता है.
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री से बड़े स्तर पर उद्योगों में सेब की पेटियों के उत्पाद के लिए रॉ मटेरियल मुहैया करवाने के लिए उद्योगों की मदद करने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी में सेब का बड़ा योगदान है. वहीं, इस बार मजदूरों की उपलब्धता नहीं हो पाएगी, जिससे बागवानों को बड़ी चिंता सता रही है. इसलिए बागवानों की सममस्यों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अवगत करवाया गया है.
बता दें कि कोरोना संक्रमण को लेकर देश भर में लॉक डाउन लगाया गया है. वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में उद्योगों में भी काम ठप हो गया है. उत्पादन नहीं हो रहा है, जिसका असर बागवानी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है.
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