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शिमला: हिमाचल प्रदेश में 15 अक्टूबर से स्कूल खोलने पर असमंजस की स्थिति, जानें कारण

हिमाचल प्रदेश में 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने को लेकर स्थिति अब असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने तो अपनी ओर से स्कूलों को खोलने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है. जिसे नौ अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी जानी थी. अब कैबिनेट की बैठक ही स्थगित कर दी गई है, तो ऐसे में स्कूलों को खोलने का फैसला भी फिलहाल के लिए टल गया है.

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Published : Oct 8, 2020, 7:13 PM IST

Education department shimla
Education department shimla

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने को लेकर स्थिति अब असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने तो अपनी ओर से स्कूलों को खोलने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है. जिसे नौ अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी जानी थी. अब कैबिनेट की बैठक ही स्थगित कर दी गई है, तो ऐसे में स्कूलों को खोलने का फैसला भी फिलहाल के लिए टल गया है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस समय जिस तरह के हालात कोरोना को लेकर बने हुए है, उसमें भी सरकार स्कूलों को छात्रों के लिए नियमित रूप से खोलने का फैसला फिलहाल के लिए टाल सकती है. इस बात का संकेत शिक्षा मंत्री भी पहले ही दे चुके हैं कि अगर परिस्थियां सही रही तभी सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी.

वीडियो.

शिक्षा विभाग की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें नौंवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूलों में बुलाने की तैयारी की गई है. 15 अक्टूबर के बाद इन छात्रों को सुबह और शाम के सत्र में बुलाने की तैयारी की जा रही है. विभाग की ओर से इस तरह का प्लान तैयार किया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन छात्रों के कक्षाएं स्कूलों में लगाई जा सकें.

इसके लिए चार कक्षाओं में से एक-एक दिन छोड़कर दो-दो कक्षाएं लगाने का विकल्प शिक्षा विभाग अपने प्रस्ताव में दिया है. साथ ही कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने की भी योजना शिक्षा विभाग की ओर से तैयार की गई है.

वहीं, 15 अक्टूबर के बाद सौ फीसदी स्टाफ को भी स्कूलों में बुलाया जा सकता है. अभी मात्र 50 फीसदी स्टाफ प्रदेश के स्कूलों में बुलाया जा रहा है और इसके लिए बाकायदा ड्यूटी रोस्टर भी तैयार किया गया है, लेकिन अब अनलॉक के पांचवें चरण में स्कूलों में सौ फीसदी स्टाफ को बुलाने का सुझाव विभाग की ओर से दिया गया है.

शिक्षा विभाग की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें अभी नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को ही बुलाने की तैयारी की जा रही है. वहीं, पहली से आठवीं कक्षाओं के छात्रों को फिलहाल अनलॉक के पांचवें चरण में भी स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. इन छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन ही घरों से जारी रखी जाएगी.

प्रदेश शिक्षा विभाग चाह रहा है कि बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को अब स्कूल बुलाया जाए और उनका जो सिलेबस रह जाता है या ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों के जो डाउट क्लियर नहीं हो पाए हैं, वह स्कूल आकर कक्षाओं में पढ़ाई कर क्लियर हो पाएं. यही वजह है कि अब विभाग की ओर से प्रस्ताव इस बारे में तैयार किया जा रहा है, जिससे कि छात्र स्कूल आ कर अपनी कक्षाएं लगा सकें.

पढ़ें: इस चालक ने सुरक्षित बनाया ऑटो का सफर, अंदर बैठते ही अपने आप सेनिटाइज होती है सवारी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में 15 अक्टूबर से स्कूलों को खोलने को लेकर स्थिति अब असमंजस भरी हो गई है. शिक्षा विभाग ने तो अपनी ओर से स्कूलों को खोलने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है. जिसे नौ अक्टूबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी जानी थी. अब कैबिनेट की बैठक ही स्थगित कर दी गई है, तो ऐसे में स्कूलों को खोलने का फैसला भी फिलहाल के लिए टल गया है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस समय जिस तरह के हालात कोरोना को लेकर बने हुए है, उसमें भी सरकार स्कूलों को छात्रों के लिए नियमित रूप से खोलने का फैसला फिलहाल के लिए टाल सकती है. इस बात का संकेत शिक्षा मंत्री भी पहले ही दे चुके हैं कि अगर परिस्थियां सही रही तभी सरकार स्कूलों को खोलने का फैसला लेगी.

वीडियो.

शिक्षा विभाग की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें नौंवी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों को स्कूलों में बुलाने की तैयारी की गई है. 15 अक्टूबर के बाद इन छात्रों को सुबह और शाम के सत्र में बुलाने की तैयारी की जा रही है. विभाग की ओर से इस तरह का प्लान तैयार किया जा रहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन छात्रों के कक्षाएं स्कूलों में लगाई जा सकें.

इसके लिए चार कक्षाओं में से एक-एक दिन छोड़कर दो-दो कक्षाएं लगाने का विकल्प शिक्षा विभाग अपने प्रस्ताव में दिया है. साथ ही कम छात्रों की संख्या वाले स्कूलों में नियमित कक्षाएं लगाने की भी योजना शिक्षा विभाग की ओर से तैयार की गई है.

वहीं, 15 अक्टूबर के बाद सौ फीसदी स्टाफ को भी स्कूलों में बुलाया जा सकता है. अभी मात्र 50 फीसदी स्टाफ प्रदेश के स्कूलों में बुलाया जा रहा है और इसके लिए बाकायदा ड्यूटी रोस्टर भी तैयार किया गया है, लेकिन अब अनलॉक के पांचवें चरण में स्कूलों में सौ फीसदी स्टाफ को बुलाने का सुझाव विभाग की ओर से दिया गया है.

शिक्षा विभाग की ओर से जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें अभी नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को ही बुलाने की तैयारी की जा रही है. वहीं, पहली से आठवीं कक्षाओं के छात्रों को फिलहाल अनलॉक के पांचवें चरण में भी स्कूल नहीं बुलाया जाएगा. इन छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन ही घरों से जारी रखी जाएगी.

प्रदेश शिक्षा विभाग चाह रहा है कि बोर्ड कक्षाओं के छात्रों को अब स्कूल बुलाया जाए और उनका जो सिलेबस रह जाता है या ऑनलाइन पढ़ाई में छात्रों के जो डाउट क्लियर नहीं हो पाए हैं, वह स्कूल आकर कक्षाओं में पढ़ाई कर क्लियर हो पाएं. यही वजह है कि अब विभाग की ओर से प्रस्ताव इस बारे में तैयार किया जा रहा है, जिससे कि छात्र स्कूल आ कर अपनी कक्षाएं लगा सकें.

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