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महिलाओं को कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए कमेटियों का गठन जरूरी: राजूलैवन एल देसाई - राष्ट्रीय महिला आयोग कॉन्फ्रेंस शिमला

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में यौन शोषण अधिनियम 1913 के तहत बनाई गई आंतरिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य राजूलैवन एल देसाई नेभाग लिया.

राष्ट्रीय महिला आयोग एचपीयू शिमला
राजूलैवन एल देसाई
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Published : Mar 19, 2021, 8:41 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में यौन शोषण अधिनियम-1913 के तहत बनाई गई आंतरिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य राजूलैवन एल देसाई ने भाग लिया. राजूलैवन एल देसाई ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन करने की आवश्यकता है.

महिलाओं के उत्थान और महिलाओं से संबंधित मुद्दों के प्रति समाज में जागरुकता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ राज्य महिला आयोग की ओर से जमीनी स्तर पर महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूह तथा काॅलेज एवं स्कूलों के विद्यार्थियों को जागरुक किया जा रहा है.

महिलाओं को कानूनी अधिकारों और उतरदायित्वों के प्रति जागरुक करना महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य है. इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों और पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाना अनिवार्य है. सभी काॅलेजों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में अधिक से अधिक विधियक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाना जरुरी है. जिससे समाज में रह रही हर महिलाओं को अपने अधिकारों का पूर्ण ज्ञान हो और समाज में महिला स्वयं का जीवन निःसंकोच निर्वाह कर सके.

मुश्किल समय में महिलाएं करें इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल

महिलाओं के प्रति बढ़ते साइबर अपराध का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा अधिनियम बनाए गए हैं. जिससे साइबर क्राइम से महिलाओं का शौषण होने से बचाया जा सके कोविड-19 महामारी के दौरान आयोग द्वारा हर राज्य में महिलाओं की समस्याओं को सुनने और निवारण के लिए व्हाट्स एप नंबर भी प्रदर्शित किए गए हैं.

उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की ओर से भी व्हाट्स एप नंबर 94598-86600 जारी किया गया है. कोविड के दौरान इस नंबर के माध्यम से कई महिलाओं द्वारा अपने उपर हो रहे शोषण को महिला आयोग को बताया और हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने उनका निवारण भी किया गया.

महिलाओं से की ये अपील

प्रदेश के सभी काॅलेजों और स्कूल के विद्यार्थियों ओर समाज में रह रही हर महिलाओं को संदेश दिया कि आप अपने जीवन में निःसंकोच होकर जीवन व्यतीत करें. सकारात्म सोच एवं रचनात्मक कार्यों में समावेशी समाज के निर्माण में सहयोग दें. इस दौरान विभिन्न काॅलेजों से आए प्रवक्ताओं से सीधा संवाद स्थापित किया गया. इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से चलाए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.

पढ़ें: SMC शिक्षकों के नियमितीकरण को सरकार की 'न', विनय कुमार बोले- कांग्रेस सरकार आने पर हम बनाएंगे योजना

पढ़ें: पहेली बनी सांसद की मौत: गिरती सेहत की चिंता के बीच भी मन में थी जीने की इच्छा, तभी लगवाई कोरोना वैक्सीन

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में यौन शोषण अधिनियम-1913 के तहत बनाई गई आंतरिक समिति की बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य राजूलैवन एल देसाई ने भाग लिया. राजूलैवन एल देसाई ने कहा कि महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने और कानूनी प्रावधानों के बारे में जानकारी देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों और पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन करने की आवश्यकता है.

महिलाओं के उत्थान और महिलाओं से संबंधित मुद्दों के प्रति समाज में जागरुकता प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग के साथ राज्य महिला आयोग की ओर से जमीनी स्तर पर महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूह तथा काॅलेज एवं स्कूलों के विद्यार्थियों को जागरुक किया जा रहा है.

महिलाओं को कानूनी अधिकारों और उतरदायित्वों के प्रति जागरुक करना महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य है. इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों और पंचायत स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाना अनिवार्य है. सभी काॅलेजों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में अधिक से अधिक विधियक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाना जरुरी है. जिससे समाज में रह रही हर महिलाओं को अपने अधिकारों का पूर्ण ज्ञान हो और समाज में महिला स्वयं का जीवन निःसंकोच निर्वाह कर सके.

मुश्किल समय में महिलाएं करें इस हेल्पलाइन का इस्तेमाल

महिलाओं के प्रति बढ़ते साइबर अपराध का ध्यान रखते हुए सरकार द्वारा अधिनियम बनाए गए हैं. जिससे साइबर क्राइम से महिलाओं का शौषण होने से बचाया जा सके कोविड-19 महामारी के दौरान आयोग द्वारा हर राज्य में महिलाओं की समस्याओं को सुनने और निवारण के लिए व्हाट्स एप नंबर भी प्रदर्शित किए गए हैं.

उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की ओर से भी व्हाट्स एप नंबर 94598-86600 जारी किया गया है. कोविड के दौरान इस नंबर के माध्यम से कई महिलाओं द्वारा अपने उपर हो रहे शोषण को महिला आयोग को बताया और हिमाचल प्रदेश महिला आयोग ने उनका निवारण भी किया गया.

महिलाओं से की ये अपील

प्रदेश के सभी काॅलेजों और स्कूल के विद्यार्थियों ओर समाज में रह रही हर महिलाओं को संदेश दिया कि आप अपने जीवन में निःसंकोच होकर जीवन व्यतीत करें. सकारात्म सोच एवं रचनात्मक कार्यों में समावेशी समाज के निर्माण में सहयोग दें. इस दौरान विभिन्न काॅलेजों से आए प्रवक्ताओं से सीधा संवाद स्थापित किया गया. इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा डेजी ठाकुर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से चलाए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला.

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