शिमलाः पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय बहुचर्चित कंडक्टर भर्ती घोटाले में आरोपी एचआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक एचके गुप्ता को 17 जून तक अंतरिम जमानत मिल गई है. एचके गुप्ता पर आरोप हैं कि भर्ती घोटाले में ऐसे अभ्यर्थियों को नोकरी दी गई है जिन्होंने इंटरव्यू दिया ही नहीं.
300 पदों के लिए हुई इस भर्ती में 147 कंडक्टर धर्मशाला डिवीजन से ही चयनित हुए थे. जिनमें तत्कालीन परिवहन मंत्री के विधानसभा क्षेत्र से नगरोटा बगवां से 73 लोग सूची में थे. मामले की जांच को गठित एसआईटी अदालत से एचके गुप्त का रिमांड मांग रही है.
एसआईटी की अब तक कि जांच में भर्ती में धांधली बरतने में गुप्ता की भूमिका सामने आ रही है. दरअसल 24 अक्तूबर, 2003 को निदेशक मंडल की बैठक में कंडक्टरों के 300 पद भरने को मंजूरी दी गई. इनमें सामान्य वर्ग के 166, ओबीसी के 54, एससी के 66 और एसटी के 14 पद भरे जाने थे.
इन पदों के लिए 17 हजार 890 आवेदन आए. 20 सितंबर, 2004 को 300 की जगह 365 पद भरे. 12 मई, 2005 को 13 और पद भर दिए गए. इसी बीच, भर्ती विवादों में आ गई. कोर्ट के आदेश पर शिमला पुलिस ने 14 मार्च 2017 को उस समय के एमडी, एमएस सहित पांच लोगों को आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की थी.